Advertisment

पीएम मोदी ने वैक्सीन की तीसरी खुराक को कहा प्रिकॉशन डोज... समझें इसे

तर्क है स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दूसरी डोज लगे अच्छा-खासा वक्त हो गया है. ऐसे में उनमें कोरोना वायरस के खिलाफ बनी एंटीबॉडी कमजोर पड़ने लगी हैं.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Precaution Day

10 जनवरी से कोरोना से लड़ रहे लोगों को मिलेगी प्रिकॉशन डोज.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमीक्रॉन (Omicron) के बढ़ते खतरे से सतर्क रहने की नसीहत देते हुए कोरोना से जंग की रणनीति स्पष्ट की. देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों, अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर्मियों, लाइलाज बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज लगाने को तैयार है. इसके लिए उन्होंने 10 जनवरी की तारीख तय की है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में एक बार भी बूस्टर डोज जैसी शब्दावली का सहारा नहीं लिया. वह भी तब जब यूरोपीय देशों समेत कई अन्य देशों में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के बाद तीसरी डोज को बूस्टर डोज करार देकर उसे लगाने की वकालत चल रही है. हां, भारत में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञ जरूर तीसरी डोज के लिए बूस्टर डोज का इस्तेमाल कर रहे हैं. 

बूस्टर डोज से पहले दो टीके
ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बूस्टर डोज के बजाय प्रिकॉशन डोज का इस्तेमाल करने से सवाल उठ रहा है कि आखिर मोदी सरकार की मंशा क्या है. साथ ही क्या प्रिकॉशन डोज और बूस्टर डोज में अंतर है? ऐसे में पहले समझते हैं कि आखिर बूस्टर डोज क्या है और इसे ऐसा क्यों बोलते हैं. फिलवक्त तक कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल में लाई जा रही वैक्सीन की दो डोज ही दी जा रही है. चाहे भारतीय टीका कोवैक्सीन हो या कोवीशील्ड, रूसी वैक्सीन स्पूतनिक हो या फिर अमेरिकी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन या कोई अन्य. इन वैक्सीन को बनाने वाली सभी कंपनियों ने परीक्षण में पाया है कि तय समयसीमा में वैक्सीन की दूसरी डोज देने से शरीर की इम्यूनिटी का स्तर बढ़ जाता है. अलग-अलग कंपनियां इसे लेकर अलग-अलग दावे करती हैं. मसलन फाइजर की वैक्सीन के बारे में दावा किया गया कि उसकी दूसरी डोज के बाद कोरोना के खिलाफ 95 फीसदी तक सुरक्षा मिलती है.

यह भी पढ़ेंः World Economy 2022 में 100 ट्रिलियन डॉलर पार होगी, भारत छठे नंबर पर

टीकों के बीच अंतर का समझें महत्व
कोरोना महामारी फैलने और कोरोना वैक्सीन सामने आने के बाद दो डोज के बीच समय के अंतर को लेकर भी शुरुआत स्तर पर अलग-अलग बातें उठीं. मसलन एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज के बीच का अंतर 6 से 8 हफ्त रखा गया. बाद में इसे बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया. द लांसेट की स्टडी के मुताबिक तीसरे चरण के ट्रायल में जब कोविशील्ड की दूसरी डोज छह हफ्ते के अंदर दी गई तो यह 55.1 फीसदी प्रभावी साबित हुई, लेकिन जब यह अंतर बढ़ाकर 12 हफ्ते या इससे ज्यादा कर दिया गया तो वैक्सीन 81.3 फीसदी प्रभावी पायी गई. दूसरी स्टडी कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ही की थी जिसमें कहा गया कि मार्च 2021 में ब्रिटेन के लोगों पर तीसरे चरण का ट्रायल किया गया. ट्रायल में दो डोज के बीच चार हफ्ते का अंतर रखा गया तो कोविड के लक्षण वाले मरीजों में 76 फीसदी असर देखा गया. भारत देश में इस साल मार्च में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे पत्र में कहा गया कि कोवीशील्ड के दो डोज 4-6 सप्ताह के बीच देने के बजाय 4-8 सप्ताह के बीच दी जाए.

दूसरे टीके के बाद कमजोर एंटीबॉडी को ताकत देने के लिए तीसरी डोज
अब जब दुनिया में कोरोना वायरस की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है, तो विशेषज्ञ दोनों डोज के बाद तीसरी डोज दिए जाने की वकालत कर रहे हैं. उनका तर्क है स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दूसरी डोज लगे अच्छा-खासा वक्त हो गया है. ऐसे में उनमें कोरोना वायरस के खिलाफ बनी एंटीबॉडी कमजोर पड़ने लगी हैं. एक्सपर्ट्स ने कहा कि इनमें बनी एंटीबॉडी को फिर से ताकतवर बनाने यानी उसे बूस्ट करने की जरूरत है. यही वजह है कि वैक्सीन की तीसरी डोज को बूस्टर डोज कहा गया. यानी वैक्सीन की पहली डोज ने ऐंटीबॉडी बनाई, दूसरी ने उसे उच्च स्तर प्रदान किया और तीसरी ने समय के साथ कम हुई क्षमता को बढ़ाया.

यह भी पढ़ेंः मुजफ्फरपुर की एक नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर फटा, छह मजदूरों की मौत

पीएम मोदी ने प्रिकॉशन डोज पर क्या कहा?
पीएम मोदी के मुताबिक सावधानी बरतने की प्रक्रिया में ही वैक्सीन की एक और डोज दी जाएगी. यही वजह है कि पीएम ने वैक्सीन की तीसरी खुराक को बूस्टर डोज कहने की बजाय प्रिकॉशन डोज कहा. गौरतलब है कि दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी शुरुआती दौर के टीकाकरण में लगभग सालभर का अंतर हो गया है. देश में 16 जनवरी 2021 से कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. 10 जनवरी 2022 को जब तीसरी डोज देनी शुरू होगी तब तक एक साल में सिर्फ छह दिन कम होंगे. ऐसे में पीएम मोदी ने बूस्टर डोज के बजाय प्रिकॉशन डोज की बात की है. मूलतः इन दोनों ही शब्दों में कोई खास अंतर नहीं है. 

HIGHLIGHTS

  • देश में प्रिकॉशन डोज की शुरुआत अगले साल 10 जनवरी से
  • दुनिया के कई देशों में दो टीकों के बाद बूस्टर डोज की वकालत
  • दो टीकों में अंतर से कमजोर पड़ती एंटीबॉडी को मिलेगी ताकत
PM Narendra Modi corona-vaccine पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीन January omicron Corona Epidemic कोरोना संक्रमण Booster Dose ओमीक्रॉन Precaution Dose प्रिकॉशन डोज जनवरी
Advertisment
Advertisment
Advertisment