भारत और फ्रांस के सम्बन्ध परम्परागत रूप से मैत्रीपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों के बीच संबंध के क्षेत्र में पर्याप्त विविधता और गहराई है. भारत-फ्रांस के बीच मज़बूत द्विपक्षीय संबंध रहे हैं. इनके बीच अनेक उच्च स्तरीय दौरे इसके प्रमाण है कि दोनों देशों के रिश्तों में कभी कोई कड़वाहट नहीं रही. मोदी सरकार इस परंपरा को आगे बढ़ा रही है.
भारत और फ्रांस के बीच संबंध कब कैसा रहा, प्वाइंट वाइज जानते हैं-
- 1980 के दशक की शुरुआत से फ्रांस ने भारत के साथ अपने रिश्तों को मज़बूत करने की कोशिश की. यह कोशिश 1998 में फ़्रांसीसी राष्ट्रपति जैकेस चिराक के भारतीय दौरे में दोनों देशों के बीच सामरिक समझौता संधि के हस्ताक्षर के रूप में रंग लायी.
-जनवरी 2008 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में फ़्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोज़ी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया.
-इसके बाद सितंबर 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फ्रांस का दौरा किया जिसमें दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हुए. मनमोहन सिंह ने एक बार फिर जुलाई 2009 में फ्रांस का दौरा किया जब उन्हें बैस्टाइल दिवस समारोह में सम्मानीय अतिथि के रूप में बुलाया गया.
-राष्ट्रपति निकोलस सरकोज़ी ने 2010 में भारत का दूसरा दौरा किया और 2013 में फ्रांस्वा ओलांद ने राष्ट्रपति के रूप में भारत का दौरा किया. 2015 में भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान सालों से लंबित लड़ाकू हवाई जहाज़ के ख़रीद के सौदे पर आखिरकार हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत भारत फ्रांस से 36 डसौल्ट रफ़ाल जहाज़ खरीद रहा है.
- फ्रांस को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में सबसे ज़्यादा-5 बार अतिथि देश के रूप में बुलाया जा चुका है और इसी दौरान राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने 2016 में भारत का अपना दूसरा दौरा किया.2018 में फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रॉन, अपने पहले भारत के दौरे पर आये हुए हैं.
रक्षा सहयोग में भारत-फ्रांस के बीच के रिश्ते कुछ ऐसे रहे-
-भारत और फ्रांस के बीच रक्षा संबंध हमेशा से मजबूत रहें हैं. भारत-फ्रांस के बीच 1982 में 36 मिराज-2000 लड़ाकू जहाज़ का सौदा हुआ था, ये जहाज़ भारत-पाक कारगिल युद्ध के दौरान बेहद कारगर साबित हुए थे. मिराज विमानों का 2011 में एक सौदे के तहत बड़ा अपग्रेड किया गया है.
-भारत ने 2005 में फ्रांस के साथ 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का 3 बिलियन डॉलर में सौदा किया, जिनका निर्माण तकनीक के हस्तांतरण से भारत के मज़गांव डॉकयार्ड में हो रहा है.
-भारतीय वायुसेना ने 2015 में 36 डसौल्ट रफ़ाल लड़ाकू जहाजों का 7.8 बिलियन यूरो में सौदा पूरा किया. इन विमानों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को शुरू हो गयी है.
अंतरिक्ष में भारत-फ्रांस का साथ
-फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन के वर्ष 2018 के भारत के दौरे के दौरान अंतरिक्ष सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों जैसे ग्रहों की खोज और मानव अंतरिक्ष यान संबंधी समझौता किया गया था.
-फ्रांस ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के चिकित्सा प्रशिक्षण सहायता हेतु सहमति व्यक्त की है जो वर्ष 2022 में भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा होगा.
भारत और फ्रांस ने संयुक्त समुद्री डोमेन जागरूकता मिशन की प्राप्ति के लिये एक रूपरेखा की स्थापना हेतु कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर किये. यह हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की आक्रामक नीति पर नज़र रखेगा.
साइबर एरिया में भारत और फ्रांस के रिश्ते
-वर्ष 2018 के समझौते में साइबर क्षेत्र का कोई उल्लेख नहीं था लेकिन इस दौरे में दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी रोडमैप पर द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार की बात कही.
-दोनों देशों ने विशेष रूप से उच्च क्षमता की कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग की संभावना पर बल दिया.
दोनों देशों के बीच समुद्री समझौता-
-भारत और फ्रांस ने विशेष रूप से हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिये एक साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की.
-भारत और फ्रांस द्वारा वर्ष 2018 में मैक्रॉन की यात्रा के दौरान अपनाए गए संयुक्त रणनीतिक विज़न के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस के बीच सहयोग में वृद्धि हुई है.
-भारत और फ्रांस ने गुरुग्राम में सूचना संलयन केंद्र - हिंद महासागर क्षेत्र ( Information Fusion Centre – Indian Ocean Region- IFC-IOR) में व्हाइट शिपिंग समझौते के कार्यान्वयन के लिये एक फ्रांसीसी संपर्क अधिकारी की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की है.
फ्रांस के साथ लॉजिस्टिक चेंज समझौता
-मार्च 2018 में भारत और फ्रांस के बीच लॉजिस्टिक एक्सचेंज समझौता हुआ इस समझौते के तहत दोनों देश जरूरत पड़ने पर एक दूसरे के लॉजिस्टिक्स और सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगे.
-भारत और फ्रांस के बीच इस समझौते के बाद हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा और मजबूत हुई है.
-इस समझौते के अंतर्गत दोनों देशों ने एक दूसरे के लिए अपने जहाज़ी अड्डों को खोलने का जो फैसला किया है.
Source : News Nation Bureau