कश्मीर घाटी में आतंकियों की कायराना हरकत पर पूरे देश में गुस्सा है. जवान की शहादत से देश गमगीन है, लेकिन चुनावी सीजन में जवानों की शहादत के मुद्दे पर भी देश के अंदर ही घिनौनी सियासत शुरू हो गई है. आतंकियों और उनकी जड़ पर प्रहार करने के बजाए देश के सियासी सूरमाओं को शहादत में भी वोट बैंक नजर आने लगा है. और आपस में ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. कांग्रेस और विपक्षी दल सरकार पर ही सवाल उठाने लगे हैं.
"यह स्टंटबाजी है. जब चुनाव आते हैं तो बीजेपी को जिताने के लिए ऐसे स्टंट किए जाते हैं. ये पहले भी हुआ है.ये पूरी तरह से सुनियोजित हमले हैं इनमें कोई सच्चाई नहीं है. लोग पहले से तैयार किए जाते हैं ताकि भाजपा जीत जाए. लाशों पर खेलना भाजपा को अच्छी तरह आता है. यह हमला कहीं वोट बैंक के लिए तो नहीं है. क्या आप जवान को शहीद कर वोट की राजनीति करेंगे, कितने जवान शहीद होगे एक व्यक्ति के लिए राजनीतिक पार्टी के लिए और कुसी के लिए....तीसरे चरण में यह हमला वोट मुद्दा तो नहीं होगा, डाइवर्सिटी तो नहीं है.
जवानों की शहादत पर सियासत के इस मुद्दे को लेकर बीजेपी ने सख्त ऐतराज जताया है और विपक्ष को लताड़ लगाई है. देश इससे पहले भी आतंकियों के मजहब और आतंकी हमलों को लेकर अंदरुनी सियासत की घिनौनी तस्वीर देख चुका है. पिछले साल दिसंबर में जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले को भी विपक्षी दलों ने पुलवामा अटैक-2 बताया था. अब एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष विजय वडेत्तिवार ने बाटला हाउस एनकाउंटर को फेक करार देते हुए IPS अफसर हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल उठा दिया और कहा कि उनकी जान आतंकी कसाब ने नहीं ली, बल्कि RSS को समर्पित एक पुलिस अफसर की गोली लग गई.
कांग्रेस और बीजेपी नेता आमने-सामने
हेमंत करकरे साहेब का, वो गोली अजमल कसाब की बंदूक की नहीं थी, वो गोली एक RSS की विचारधारा वाले पुलिस अधिकारी की गोली थी, ये एविडेंस छुपाने वाले कौन हैं तो वो हैं उज्जवल निकम, ऐसे व्यक्ति को अगर टिकट मिल रहा है तो देशद्रोही उज्वल निकम का समर्थन करने वाली भाजपा है. वडेत्तिवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत में बवाल है. कांग्रेस और बीजेपी नेता आमने-सामने आ गए. मुंबई युवा मोर्चा ने कांग्रेस नेता के इस बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. और कांग्रेस को पर हमेशा आतंकियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया, नारेबाजी की.
प्रायोजित आतंक पर भारत कई प्रमाण पाकिस्तान को सौंप चुका
देश में जवानों की शहादत पर ये हाल तब है जब पड़ोसी पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के कितने प्रमाण भारत पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को दिखा चुका है, लेकिन चुनाव के वक्त जवानों की शहादत को बी सियासी चश्मे में उतारना बंद नहीं हुआ. एक तरफ़ जवानों की शहादत पर कांग्रेस और विपक्ष की मोदी विरोधी सियासत और दूसरी तरफ पाकिस्तान से राहुल की तारीफ को लेकर ही ऐसे आरोप लगाते हुए सवाल पूछा जा रहा है कि क्या ये कांग्रेस को पाक का 'कवर फायर' है?
Source : News Nation Bureau