घरेलू स्तर के साथ आयातित कोयले की सप्लाई ( Coal Supply) प्रभावित होने से बिजली संकट का खतरा मंडराने लगा है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के चलते भारत स्थित कोयला कंपनियों को विस्फोटक (Explosive) की आपूर्ति प्रभावित हुई है. पहले से विस्फोटक की कमी झेल रहीं कोयला कंपनियों को रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके साथ ही कई राज्यो में बिजली की घंटों कटौती शुरू हो चुकी है. इससे औद्योगिक उत्पादन पर भी नकारात्मक असर हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र अपने पावर प्लांट के लिए कोयले की कमी बता रहा है. झारखंड में कोयला खनन भी प्रभावित हुआ है.
गुजरात भी बिजली संकट से जूझ रहा है. उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बिजली की घंटों कटौती हो रही है. बिजली की मांग में होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए पावर एक्सचेंज आईईएक्स (IEX) में एक अप्रैल को बिजली की कीमत प्रति यूनिट 20 रुपए के स्तर तक पहुंच गई. जानकारों का मानना है इस साल समय से पहले उत्तर भारत में गर्मी अधिक पड़ने से भी बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई है. इस साल मार्च में बिजली की खपत पिछले साल मार्च के मुकाबले 4.6 फीसद अधिक रही.
अमोनियम नाइट्रेट का बड़ा निर्यातक है रूस
कोयला मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने अमोनियम नाइट्रेट (AN) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. विस्फोटक बनाने में अमोनियम नाइट्रेट सबसे अहम रासायनिक उत्पाद है. इसके निर्यात पर प्रतिबंध से विस्फोटक बनाने वाली कंपनियां भी प्रभावित हुई हैं. इस वजह से कोयला कंपनियों को विस्फोटक मिलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दुनिया भर में रूस अमोनियम नाइट्रेट का बड़ा निर्यातक है. अपने देश में हाई डेंसिटी अमोनियम नाइट्रेट के मात्र चार निर्माता कंपनी हैं. वहीं, आठ निजी विस्फोटक कंपनियां एसएमई विस्फोटक की आपूर्ति कर रही हैं.
अमोनियम नाइट्रेट का घरेलू उत्पादन बढ़ाने की तैयारी
मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोयले के सुचारू उत्पादन के लिए विस्फोटकों की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने देश में अमोनियम नाइट्रेट का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. फिलहाल अमोनियम नाइट्रेट का घरेलू उत्पादन कोयला खनन, गैर-कोयला खनन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के विस्फोटकों के निर्माता की जरूरतों को पूरा करने के लिए नाकाफी है. मौजूदा समय में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के पास विस्फोटकों के लिए 12 घरेलू निजी विस्फोटक निर्माताओं के साथ नियमित अनुबंध हैं.
कोयले की कम आपूर्ति से बिजली की दरों पर असर
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंची कीमतों और ऊर्जा संयंत्रों को कोयले की कम आपूर्ति के चलते आयात पर निर्भरता बढ़ने का असर बिजली की दरों पर पड़ सकता है. इक्रा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (Corporate Ratings) गिरीश कुमार कदम ने कहा, ‘‘बीते छह महीने से घरेलू स्तर पर कोयला आपूर्ति की स्थिति तंग बनी हुई है. ऐसे में निकट भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र की कोयला आयात पर निर्भरता भी बढ़ेगी.
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कोयले से 2.10 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता 3.95 लाख मेगावाट है. इनमें से 2.35 लाख मेगावाट थर्मल बिजली है. 2.10 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन कोयले से होता है. वहीं, लगभग 25 हजार मेगावाट की क्षमता गैस आधारित है. भारत अब भी मुख्य रूप से बिजली के लिए कोयला आधारित पावर प्लांट पर ही निर्भर करता है. फिलहाल मांग में बढ़ोतरी के बावजूद पावर प्लांट का प्लांट लोड फैक्टर (PLF) 60 फीसदी से कम है.
HIGHLIGHTS
- कोयले की सप्लाई प्रभावित होने से बिजली संकट का खतरा मंडराया
- समय से पहले गर्मी अधिक पड़ने से भी बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई
- देश में अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाने की तैयारी