Advertisment

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार 19 को, जो आपको इसके बारे में जानना चाहिए

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार सोमवार 19 सितंबर को वेस्टमिंस्टर एब्बे में किया जाएगा. अंतिम संस्कार के लिए वेस्टमिंस्टर एब्बे को क्यों चुना गया ? कौन-कौन अंतिम संस्कार में शामिल होगा ? इसे आप कैसे देख सकते हैं ? सभी कुछ जानिए यहां...

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Funeral

वेस्टिंस्टर एब्बे में सोमवार को होगा महारानी एलिजाबेथ का संस्कार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का शव वेस्टमिंस्टर एब्बे में जनता के दर्शनार्थ रखा हुआ है. यहां से कल विंडसर कैसल के सेंट जॉर्ज चैपल में उनका शव दफना दिया जाएगा. महारानी के उत्तराधिकारी और उनके बेटे सम्राट चार्ल्स तृतीय की इच्छा के अनुसार शाही परिवार और देश भर में अगले एक हफ्ते तक शोक रहेगा. सोमवार को महज एक घंटे में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का अंतिम संस्कार पूरा हो जाएगा. इंटरनेशनल स्टैंडर्ड टाइम के तहत अंतिम संस्कार दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू होगा. फिलहाल महारानी का ताबूत वेस्टमिंस्टर एब्बे (Westminster Abbey) में रखा है, जहां आम जनता बीते चार दिनों से उनके अंतिम दर्शन कर रही है. सोमवार को उनके ताबूत शाही बघ्घी में रखकर जुलूस की तरह विंडसर कैसल (Windsor Castle) लाया जाएगा, जहां शाही रस्मों के बाद उनके शव को प्रिंस फिलिप के बगल में दफना दिया जाएगा. 

वेस्टमिंस्टर एब्बे का महत्व
वेस्टमिंस्टर एब्बे 1066 से ताजपोशी के लिए बतौर चर्च इस्तेमाल में लाया गया. यहां ब्रिटेन के 17 सम्राट भी दफन हैं. 1066 से एडवर्ड पंचम और एडवर्ड सप्तम को छोड़ लगभग सभी ब्रिटिश सम्राटों की ताजपोशी यही हुई. एब्बे 16 शाही शादियों का भी गवाह रहा है. इसमें 1947 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप की शादी भी शामिल है. यहीं से प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी कैथरीन की 2011 में शादी हुई. अब सोमवार को एब्बे में अंतिम संस्कार के बाद महारानी का ताबूत सेंट जॉर्ज चैपल लाया जाएगा. सेंट जॉर्ज चैपल में कमिटमेंट सर्विस होगी, जिसका सीधा प्रसारण होगा. फिर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का शव उनके पति ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप के बगल में दफना दिया जाएगा. प्रिंस फिलिप का 9 अप्रैल 2021 को निधन हो गया था. 

यह भी पढ़ेंः महारानी एलिजाबेथ II के अंतिम संस्कार में भाग लेने लंदन पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत की विशेषताएं
इंग्लिश ओक पेड़ की लकड़ी से बना महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत तीन दशक पहले ही बना लिया गया था. कब्र के भीतर शव को सुरक्षित रखने के लिए ताबूत के चारों तरफ कांच लगाया गया है. कांच ताबूत को एयरटाइट बनाएगा. इस वजह से नमी ताबूत के भीतर नहीं जा सकेगी और महारानी का शव लंबे समय तक सुरक्षित बना रहेगा. हालांकि कांच की वजह से ताबूत का वजन काफी ज्यादा हो गया है. इस कारण इस ताबूत को उठाने के लिए 8 लोगों की जरूरत पड़ेगी. ताबूत उठाने के लिए खास पीतल के हैंडल बनाए गए हैं. ताबूत के ढक्कन को इंपीरियल स्टेट क्रॉउन, ओर्ब और राजदंड जैसे अमूल्य सामानों को सुरक्षित रखने के लिहाज से तैयार किया गया है. 

यह भी पढ़ेंः तो इसलिए नहीं मिले पीएम मोदी और शी जिनपिंग समरकंद में...

महारानी के ताबूत पर रखे शाही प्रतीक और उनका अर्थ
वेस्टमिंस्टर हॉल में कैटाफल्क कहे जाने वाले एक थोड़े ऊंचे से मंच पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत रखा गया है. उनके ताबूत में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की पार्थिव देह के साथ कई रोचक प्रतीक और वस्तुएं भी रखी गई है. इसमें उनका निजी ध्वज, शाही परिवार का ध्वज, ओर्ब (चमकदार गोला) और शाही दंड, जो शाही परिवार के ताज से जुड़े आभूषण माने जाते हैं रखे हुए हैं. महारानी को ओर्ब उनकी ताजपोशी के समय दिया गया था. इसे संप्रभुत्ता का प्रतीक भी माना जाता है. लगभग 300 साल पुराना शाही ओर्ब एक सुनहरे ग्लोब के आकार का होता जिस पर क्रॉस बना होता है. यह प्रतीक सम्राट या सम्राज्ञी को यह याद दिलाने के लिए होता है कि उनकी शक्तियां ईश्वर प्रदत्त हैं. शाही राजदंड भी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को उनकी ताजपोशी के समय दिया गया था. ओर्ब और राजदंड 1661 से चार्ल्स द्वितीय के बाद ब्रिटेन के हर सम्राट या सम्राज्ञी के हाथों पहुंचता रहेगा. महारानी के अंतिम संस्कार के बाद यह दोनों वस्तुएं सम्राट चार्ल्स तृतीय के सुपुर्द कर दी जाएंगी. फिलहाल वेस्टमिंस्टर एब्बे में रखे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत के ऊपर सेंट एडवर्ड का मुकुट भी रखा गया, जिसे उनकी ताजपोशी के वक्त सिर पर पहनाया गया था. महाराज चार्ल्स के सिर की भी यही ताज अब शोभा बढ़ाएगा. इस बीच महाराज चार्ल्स तृतीय की पत्नी क्वीन कॉनसोर्ट महारानी एलिजाबेथ का ताज पहनेंगी, जिस पर कोहिनूर हीरा जड़ा हुआ है. कोहिूनर हीरा वास्तव में लाहौर संधि के होने पर महारानी विक्टोरियां को भेंट स्वरूप दिया गया था. लाहौर संधि 1849 के पहले अंग्रेज-सिख युद्ध की समाप्ति पर की गई थी. 

यह भी पढ़ेंः Windsor Castle का 1000 हजार साल पुराना है इतिहास, जहां चिरनिद्रा में सोएंगी महारानी 

ब्रिटिश शाही परिवार के लिए क्यों खास है विंडसर कैसल
विंडसर कैसल में दो चतुर्भुज आकार की इमारतें हैं, जिन्हें 'कोर्ट्स' भी कहा जाता है. इन दो इमारतों को बीच में खड़ा गोलाकार टावर अलग करता है. टावर के पश्चिम में स्थित इमारतों को सामूहिक तौर पर 'लोअर वार्ड' कहा जाता है. पूर्वी तरफ स्थित इमारतों को 'अपर वार्ड' कहते हैं. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को जिस सेंट चैपल में दफनाया जाएगा, वह 'लोअर वार्ड' का हिस्सा है. शाही परिवार के सदस्य जिस 'अपर वार्ड' में रहते हैं, वहां एक विशालकाय रिसेप्शन हॉल समेत शाही पुस्तकालय, वॉटरलू चैंबर और मेहमानों के लिए अपार्टमेंट्स बने हैं. विंडसर कैसल चारों तरफ से हरे-भरे पार्कों से घिरा हुआ है. सबसे बड़ा 'ग्रीन पार्क' कैसल के दक्षिण में स्थित है और 1800 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. इसी पार्क में 5 किमी लंबा हरियाली से आच्छादित एवेन्यू है, जिसे 'लांग वॉक' कहते हैं. 'वर्जीनिया वॉटर' के नाम से एक कृत्रिम झील भी यहीं पर स्थित है. विंडसर कैसल के बेहद छोटे हिस्से को आम जनता के लिए खोला जाता है, जो ब्रिटेन का बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. शेष हिस्सा शाही परिवार, उनके मेहमानों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित है. 

महारानी के अंतिम संस्कार में यह होंगे शामिल
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महारानी के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार देर शाम लंदन पहुंच चुकी हैं. वहां उन्होंने महारानी के निधन पर भारत सरकार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की है. उनके अलावा तमाम अन्य वैश्विक नेता, यूरोप भर के शाही परिवारों के सदस्यों समेत ब्रिटेन के शीर्ष राजनेता भी महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. वैश्विक नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, जापान के सम्राट नारुहितो, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न, यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन भी शामिल हैं. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उपजे तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अंतिम संस्कार में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा गया. हालांकि व्लादिमीर पुतिन ने चार्ल्स तृतीय को महाराज बनने पर बधाई संदेश भेजा था.

HIGHLIGHTS

  • महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत तीन दशक पहले ही बना लिया गया था
  • ताबूत में महारानी की पार्थिव देह के साथ कई रोचक प्रतीक और वस्तुएं भी
  • एब्बे में अंतिम संस्कार के बाद महारानी का ताबूत सेंट जॉर्ज चैपल लाया जाएगा
Crypt Queen Elizabeth II Funeral अंतिम संस्कार windsor castles Westminster Abbey महारानी एलिजाबेथ II वेस्टमिंस्टर एब्बे विंडसर कैसल
Advertisment
Advertisment