राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक बार फिर भाजपा के दबाव में दिख रही है. हालत ये है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को होटलों में कैद कर दिया है. दरअसल, भाजपा कुछ ऐसे उम्मीदवार भी उतारने जा रही है, जिसके जीतने के लिए दूसरे दलों में को साथ मिलाने या तोड़फोड़ की जरूरत पड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक शनिवार को पार्टी ने राजस्थान के पदाधिकारियों को साफ कह दिया दी कि निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की जीत तय करने में जमीन-आसमान एक करने की जरूरत नहीं है. पार्टी ने कहा है कि कहीं से ये नहीं लगना चाहिए की चंद्रा को सिर्फ भाजपा ही जिताना चाहती है. वहीं, बताया जाता है कि भाजपा ने कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर क्रॉस-वोटर्स को लुभाने की हर संभव कोशिश करने का निर्देश हैं. वहीं, कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव से पहले अपने और समर्थक विधायकों को उदयपुर के एक होटल में भेजा है. इसके अलावा महाराष्ट्र में भाजपा ने आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस और शिवसेना पर दबाव बढ़ा दिया है. विधायकों टूटने के डर से ये तीनों पार्टियां अपनी-अपनी पार्टी के विधायकों को एक जगह पर रखने की तैयारी में लगे हैं.
राजस्थान में फूंक फूंक कर कदम रख रही है भाजपा
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर 10 जून को चुनाव होगा. 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 71 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस 108 सीटों पर काबिज है. भाजपा को उम्मीद है कि 13 निर्दलीय, तीन RLP विधायक और दो BJP विधायक चंद्रा को वोट करेंगे तो वह जीत जाएंगे. इसके साथ ही 6 विधायकों वाली बसपा ने भी व्हिप जारी कर चंद्रा को वोट देने को कहा है. एक सूत्र के मुताबिक 2020 में दिग्गज ओंकार लखावत के राज्यसभा चुनाव हारने पर भाजपा शर्मसार हुई थी. गौरतलब है कि तब संख्या बल उनके खिलाफ था, इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें उतारा था. लिहाजा, इस बार भी पार्टी फिर से वैसी गलती नहीं करना चाहती.
उदयपुर के होटल में कांग्रेस का वार रूम
भाजपा जहां निर्दलीय सुभाष चंद्रा को जिताने के लिए गुणा-भाग में लगी है. वहीं, कांग्रेस अपना घर बचाने में जुटी हुई है. राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने और समर्थक विधायकों को उदयपुर के एक होटल में भेज दिया है. इसके साथ ही जयपुर में कांग्रेस के तीन विधायकों की ओर से नाराजगी जताने के एक दिन बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने दो मंत्रियों लाल चंद कटारिया और राजेंद्र सिंह यादव सहित तीन अन्य विधायकों के साथ उदयपुर पहुंचे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उदयपुर जाने वाले थे, लेकिन उनका दौरा टल गया है.
कर्नाटक: 'वेट एंड वॉच, 10 जून को क्या होता है!'
कर्नाटक में भी चौथी सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों में रस्साकशी जारी है. यहां भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस) - सबको पता है कि क्रॉस-वोटिंग हो सकती है. लिहाजा, सभी दल एक-दूसरे के खेमे के नाराज विधायकों को अपने पाले में करने में जुटे हैं. भाजपा ने उत्तरी कर्नाटक में कांग्रेस के कुछ नाराज विधायकों पर डोरे डाल रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के उम्मीदवार लहर सिंह सिरोही के लिए वोट करने के लिए अभी बातचीत जारी है. भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इंतजार कीजिए और देखिए 10 जून को क्या होता है. आप पाएंगे कि कांग्रेस और JD(S) के कई विधायक हमारे उम्मीदवार को वोट कर रहे होंगे. वहीं, कांग्रेस ने कांग्रेस ने पहले ही व्हिप जारी कर रखा है. पार्टी ने विधायकों से कहा है कि पहला प्राथमिकता वोट जयराम रमेश को दें और बाकी 25 वोट मंसूर अली खान को दें. बताया जाता है कि भाजपा और जेडी (एस) भी एक-दो दिन में राज्यसभा चुनाव को लेकर विधायकों के लिए व्हिप जारी कर सकते हैं.
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कांग्रेस को JD(S) में 'फूट' का इंतजार
वहीं, कांग्रेस ने अपनी नजरें JD (S) विधायक जीटी देवेगौड़ा, एसआर श्रीनिवास, शिवालिंगे गौड़ा और एटी रामास्वामी पर टिका रखी हैं. ये चारों ही पूर्व मुख्यमंत्री और जीपीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर करते रहे हैं. इसके साथ ही अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उनके पार्टी छोड़ने के संकेत भी मिल चुके हैं. गौरतलब है कि 2016 के राज्यसभा चुनाव में JD(S) के सात विधायकों ने क्रॉस-वोटिंग की थी. हालांकि JD(S) नेता कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि उनका एक भी विधायक इस बार नहीं टूटेगा. उन्होंने दावा किया कि 'हमारे पास 32 विधायक हैं. हालांकि, उन्होंने माना कि उनमें से 3-4 नेता कुछ वजहों से नेतृत्व से असंतुष्ट हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी वजह से वे राज्यसभा चुनाव में पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे. वे अब भी जेडी (एस) के विधायक हैं. मैं सभी 32 विधायकों के लिए अपने उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी को वोट करने की उम्मीद करता हूं.
महाराष्ट्र में भी महाविकास अघाड़ी पर भाजपा ने बनाया दबाव
राज्यसभा चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में छोटे दलों के और निर्दलीय विधायकों के भाव इन दिनों आसमान पर हैं. अब तक महाविकास आघाडी सरकार की उपेक्षा के शिकार रहे विधायकों की इस वक्त जमकर पूछ-परख हो रही है. वजह है राज्यसभा चुनाव. इन विधायकों को अपने पाले में करने के लिए महाविकास आघाड़ी और प्रमुख विरोधी दल भाजपा के बीच होड़ लगी है. इन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं. आघाडी सरकार को समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी के अबू आजमी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपनी उपस्थिति का एहसास दिलाता है. वे कहते हैं कि फिलहाल उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है.
इसलिए जारी की जाती है व्हिप
राज्यसभा चुनाव के लिए लगभग सभी पार्टियां व्हिप जारी करती है. इसके बाद विधायकों को अपना वोट अपने पार्टी के व्हिप को दिखाना होगा, इसलिए बड़े दलों में क्रॉस वोटिंग संभव नहीं है, जबकि निर्दलीय विधायकों के साथ इस तरह की कोई बाध्यता नहीं है. वहीं, छोटे दलों में हितेंद्र ठाकुर के बहुजन विकास आघाडी के पास 3 विधायक हैं. हालांकि, उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि राज्यसभा चुनाव में वो किसे समर्थन देंगे. इस बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता व राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने दावा किया है कि हितेंद्र ठाकुर राज्यसभा चुनाव में महा विकास आघाडी के उम्मीदवार का ही समर्थन करेंगे. इस बीच शिवसेना से राज्यसभा के उम्मीदवार व पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि भाजपा छठी सीट जीतने के लिए निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों को तरह-तरह के लालच दे रही है. इसके साथ ही उन्होंने इन दलों पर उन पर दबाव डालने का भी आरोप लगाया है. राउत ने दावा किया कि ईडी, पुराने मामलों और केंद्र सरकार के तहत आने वाले मामले निकाल कर परेशान करने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही राउत ने भाजपा को सलाह दी कि वे अपने पैसे व्यर्थ न गंवाए. इसका उपयोग सामाजिक कार्य पर करें.
कैद में रहेंगे महा विकास अघाड़ी के विधायक
पार्टी में क्रॉस वोटिंग रोकने और किसी भी तरह की तोड़फोड़ को रोकने के लिए आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस और शिवसेना अपनी-अपनी पार्टी के विधायकों को एक जगह पर रखने की तैयारी में लगे हैं. दरअसल, शिवसेना की मंशा है कि सत्ताधारी दल के सभी विधायक एक जगह पर रखे जाएं. जिस दिन मतदान होगा, उसी दिन सभी को विधान भवन में लाया जाए.
फडणवीस के आत्म विश्वास कांग्रेस-शिवसेना की बढ़ी बेचैनी
10 जून को होने वाले मतदान से पहले फडणवीस लगातार मुंबई से बाहर हैं. वो शनिवार को लातूर ट्रेन से गए. हालांकि, तबीयत ठीक न होने की वजह से वह मुंबई वापस लौट आए. इस बीच भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आत्मविश्वास से शिवसेना और कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गई है. दरअसल, उम्मीदवारों को जीत के लिए कुल 42 मतों की आवश्यकता है. बीजेपी के 106 विधायक हैं और पार्टी को छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. ऐसे में भाजपा को तीसरी सीट जीतने के लिए 14 अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी. वहीं महाविकास आघाड़ी के कुल 169 विधायक हैं. ऐसे में आधार को चार उम्मीदवारों की जीत के लिए कुल 9 अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी.
HIGHLIGHTS
- राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भाजपा ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
- राजस्थान और महाराष्ट्र में भाजपा की निगाह निर्दलीय व छोटे दलों पर
- कर्नाटक में भाजपा कर सकती है कांग्रेस और जेडीएस) में सेंधमारी
Source : News Nation Bureau