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RSS ने अब इंफोसिस के बाद साधा चर्च और पादरियों पर निशाना

पांचजन्य ने अपने अंक में चर्च और पादरियों पर जमकर निशाना साधा है. 'सलीब पर बचपन' शीर्षक के साथ लिखी गई कवर स्टोरी में कई घटनाओं का जिक्र करते हुए पांचजन्य ने लिखा है कि चर्च की सफेदी अपने भीतर कई कलंक की कथाएं समेटे है.

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Nihar Saxena
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Panchjanya

इससे पहले पांचजन्य इंफोसिस और राहुल गांधी पर साध चुकी है निशाना.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य ने अपने अंक में चर्च और पादरियों पर जमकर निशाना साधा है. 'सलीब पर बचपन' शीर्षक के साथ लिखी गई कवर स्टोरी में कई घटनाओं का जिक्र करते हुए पांचजन्य ने लिखा है कि चर्च की सफेदी अपने भीतर कई कलंक की कथाएं समेटे है. पांचजन्य ने अपने नए अंक जो 17 अक्टूबर को बाजार में आएगा में दुनियाभर की उन घटनाओं का जिक्र किया है, जिसमें यौन अपराध करने वाले पादरियों की वजह से लाखों बच्चों और ननों को प्रताड़ित होना पड़ा है. पांचजन्य में कहा गया है कि अब भारत में भी पादरियों के कृत्यों की जांच की मांग की जा रही है. फ्रांस का जिक्र करते हुए पांचजन्य के आगामी अंक में यह दावा किया गया है कि वहां के कैथोलिक चर्च में वर्ष 1950 से लेकर 2020 के बीच लगभग 3 लाख 30 हजार बच्चों का यौन शोषण किया गया है. इन घटनाओं में लगभग 3 हजार पादरी आरोपी रहे, जिनमें से कई अभी भी सेवारत हैं. गौरतलब है कि पांचजन्य अपने पुराने अंकों में राहुल गांधी, अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन और इंफोसिस पर भी निशाना साध चुकी है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य ने लिखा है कि फ्रांस में चर्च से जुड़े विभिन्न विवादों और बाल यौन शोषण की घटनाओं की जांच करने के लिए 2018 में एक आयोग का गठन किया गया था और इसी स्वतंत्र जांच आयोग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. पत्रिका के इस लेख में यह लिखा गया है कि बच्चों की तरह ही ननों के साथ भी यौन शोषण की घटनाएं रह-रहकर बड़ा मुद्दा बनती रही हैं. 2019 में इन घटनाओं को लेकर पोप फ्रांसिस द्वारा की गई क्षमायाचना का जिक्र करते हुए पांचजन्य ने लिखा है कि यह दबाव में निभाई गई औपचारिकता मात्र थी, क्योंकि इसके बाद भी इस तरह की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है.

भारत में भी इस तरह के अपराधों के लगातार बढ़ने का दावा करते हुए पांचजन्य पत्रिका में चेन्नई के मिशनरी कॉलेज, केरल की सिस्टर लूसी, पंजाब के जालंधर में एक महिला के साथ दुष्कर्म के अलावा झारखंड और केरल की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए यह लिखा गया है कि अब भारत में भी लोग चर्च और पादरियों के कारनामों की जांच की मांग कर रहे हैं. पांचजन्य में चर्च की कार्यप्रणाली को लेकर यह आरोप लगाया गया है कि दुनियाभर में ननों की संख्या कम होती जा रही है. केरल जैसे राज्य में तो यह संख्या गिरकर केवल 25 प्रतिशत तक रह गई है और इसलिए आज भारत में चर्च छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों के गरीब परिवारों की लड़कियों को छल, बल और प्रलोभन के बूते अपने झांसे में ले रहा है. 

HIGHLIGHTS

  • पांचजन्य के मुताबिक चर्च की सफेदी अपने भीतर कई कलंक की कथाएं समेटे है
  • कैथोलिक चर्च में 70 सालों में लगभग 3 लाख 30 हजार बच्चों का यौन शोषण
  • इन घटनाओं में लगभग 3 हजार पादरी आरोपी, जिनमें से कई अभी भी सेवारत
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