रूस-यूक्रेन (Ukraine) युद्ध में भारत वैश्विक धुरी बन कर उभरा है. अमेरिका-ब्रिटेन समेत अन्य पश्चिमी देशों का कूटनीतिक खेमा इस मसले पर भारत (India) को साधने में लगा हुआ है. इस कड़ी में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) के भारत दौरे से पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दिलीप सिंह (Dalip Singh) दिल्ली आ रहे हैं. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के मुख्य रणनीतिकार हैं दिलीप सिंह. दिलीप सिंह गुरुवार को मोदी सरकार (Modi Government) के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव बीजिंग से शुक्रवार को दिल्ली आएंगे. अपने भारत प्रवास के दौरान सर्गेई लावरोव विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. फिलहाल वह अफगानिस्तान केंद्रित बैठक में भाग लेने के लिए चीन में हैं.
अमेरिकी डिप्टी एनएसए और ब्रिटिश विदेश मंत्री एक ही दिन दिल्ली में
गौर करने वाली बात यह है कि दिलीप सिंह का दिल्ली प्रवास उस दिन हो रहा है, जिस दिन ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिजापेथ ट्रुस की साउथ ब्लॉक में कई बैठकों का दौर है. इसके बाद लिज ट्रुस विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक करेंगी. गौर करने वाली बात यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान बीते एक पखवाड़े से तमाम देशों के शीर्ष मंत्री और अधिकारी भारत आ चुके हैं. हालिया दौरा चीन के विदेश मंत्री वांग यी का था, जो यूक्रेन मसले पर भारत के पक्ष को लेकर बात करना चाहते थे.
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अमेरिकी अवर सचिव के दौरे के हफ्ते भर बाद डिप्टी एनएसए का दौरा
हालांकि दिलीप सिंह का दौरा अमेरिकी की राजनीतिक मामलों की अवर सचिव विक्टोरिया नुलैंड के भारत आगमन के एक हफ्ते बाद हो रहा है. नुलैंड अपने भारत प्रवास के दौरान यूक्रेन संकट समेत वॉशिंगटन में मध्य अप्रैल में भारत-अमेरिका की रक्षा-विदेश स्तर की टू प्लस टू वार्ता की पृष्ठभूमि तैयार करने आई थीं. दिलीप सिंह के भारत दौरे की तारीख हालांकि अभी सामने आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दिलीप सिंह के भारत दौरे की रूपरेखा रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से पहले ही हो गई थी.
पश्चिमी देशों का कूटनीतिक खेमा साधने में जुटा भारत को
गौरतलब है कि सोमवार को भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए यूरोपीय संघ के विशेष सचिव गैब्रियल विसेंटिन ने विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी. उन्होंने भारत के साथ यूरोपीय संघ के रणनीतिक रिश्तों से इतर यूक्रेन संकट में रूस के खिलाफ भारत के रुख पर भी चर्चा की थी. इसके पहले जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुखों ने भारत दौरा कर साफ संकेत दिए थे कि वह रूस के खिलाफ भारत के संयुक्त राष्ट्र में रुख में बदलाव चाहते थे. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र भी साफ संकेत दे चुका है कि रूस-यूक्रेन संकट को हल करने में भारत महत्ती भूमिका निभा सकता है. हालांकि भारत ने अभी तक रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समेत सुरक्षा परिषद में किसी भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया है.
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पिछले हफ्ते की प्रमुख कूटनीतिक शख्सियत
19 मार्चः जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा
20 मार्चः ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर शेलेनबर्ग
21 मार्चः ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन (वर्चुअल)
23 मार्चः ग्रीस के विदेश मंत्री निकोस डेंडियास
24 मार्चः ओमान के विदेश मंत्री सैय्यद बद्र बिन हमद बिन हमूद अलबुसैदी
25 मार्चः चीन के विदेश मंत्री वांग यी
इस हफ्ते दिल्ली प्रवास पर आईं-आने वाली शख्सियत
24 मार्चः एशिया-प्रशांसत क्षेत्र के यूरोपीय संघ के विशेष सचिव गैब्रियल विसेंटिन
30 मार्चः मैक्सिकों के विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड कैसाबोन
30 मार्चः जर्मनी के राजनीतिक-सुरक्षा मामलों के पॉलिसी एडवाइजर जेंस प्लाटनर
31 मार्चः ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस
31 मार्चः अमेरिका के डिप्टी एनएसए डिलीप सिंह
1 अप्रैलः रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
2 अप्रैलः नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा
HIGHLIGHTS
- रूस-यूक्रेन मसले पर मोदी सरकार को साध रहे अमेरिका-ब्रिटेन समेत सभी बड़े देश
- अमेरिका के डिप्टी एनएसए दिलीप सिंह रूसी विदेश मंत्री लावरोव से पहले आ रहे भारत
- ब्रिटिश विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस और दिलीप सिंह गुरुवार को दिल्ली में करेंगे बैठक