Russia Ukraine Conflict : रूसी सेना ने बीते दिनों कलिनिनग्राद के पश्चिमी एन्क्लेव में नकली परमाणु-सक्षम मिसाइल हमले का अभ्यास किया. कलिनिनग्राद बाल्टिक सागर के किनारे स्थित रूस का एक अहम सैन्य अड्डा है. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रूसी सेना ने मिसाइल सिस्टम के लॉन्चर्स, एयरफील्ड, प्रोटेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर, सैन्य उपकरण और नकली दुश्मन के कमांड पोस्ट को एक और कई हमले कर उड़ाने का अभ्यास किया. इस सैन्य अभ्यास में 100 से अधिक सैनिक शामिल हुए.
बीते माह सीआईए के डाइरेक्टर विलियम जे बर्न्स ने भी कहा था कि रूसी राष्ट्रपति जीत के लिए यूक्रेन में परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकते हैं. रूस ने अपने परमाणु बलों को अलर्ट मोड़ में रखा है. इनमें इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) शामिल हैं, जिनकी रेंज 5,000 से अधिक है और इन्हें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन की सेना पारंपरिक युद्ध से परमाणु युद्ध के ट्रांजिशन का अभ्यास कर चुकी है.
वहीं, हाल ही में रूस ने Izyum के नजदीक 22 बटालियन टैक्टिकल ग्रूप तैनात किए हैं. माना जाता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास लगभग 2,000 टैक्टिकल न्युक्लियर वीपन हैं, जिनमें से कुछ इतने शक्तिशाली हैं कि एक ही हमले में हजारों लोगों की जाने जा सकती है. रूस के पास 50 किलो टन से लेकर 800 किलो टन का न्युक्लियर वॉरहेड है.
रूस के परमाणु हथियारों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है- टैक्टिकल, ऑपरेशनल टैक्टिकल और स्ट्रैटिजिक. इनमें भूमिगत मिसाइलें, पनडुब्बी से लॉन्च होने वाले और हवा में लॉन्च होने वाले हथियार शामिल हैं.
रूस के पास किस तरह के टैक्टिकल नुक्लियर वेपन का जखीरा है
रूस के पास 1 किलो टन से लेकर 100 किलो टन क्षमता के लगभग 2,000 छोटे न्यूक्लियर बम हैं. ये सीमित दायरे में तबाही मचाते हैं. इनमें छोटे बम और मिसाइलें भी शामिल हैं. इन छोटे परमाणु बम को एयरक्राफ्ट से गिराया जा सकता है. इसे पारंपरिक मिसाइलों पर लोड किया जा सकता है. रूस के पास ऐसे मिसाइल सिस्टम भी हैं, जो पनडुब्बी या समुद्री जहाज से लॉन्च किए जा सकते हैं. रूस के पास इस्कंदर और कैलिबर जैसे टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं. रूस ने अब तक किसी युद्ध में नूक्लियर वेपन का इस्तेमाल नहीं किया है. यूक्रेन में चली लंबी लड़ाई के बाद अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूस टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का इस्तेमाल कर सकता है.
100 किलोटन का परमाणु हथियार कितना तबाही मचा सकता है
1.8 किमी के एरिया को पूरी तरह तबाह कर देता है. पांच किमी एरिया को भारी नुकसान पहुंचाता है. तीन किमी के एरिया में गंभीर तबाही मचाता है. आठ किमी तक के एरिया में इस नुकसान का असर होता है.
क्या हुआ था, जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु हमला किया था
6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा में 15 किलो टन वाला न्यूक्लियर बम गिराया गया था. अमेरिका के इस न्यूक्लियर बम ने 1.46 लाख लोगों की जान ले ली थी. न्यूक्लियर अटैक से पहले हिरोशिमा की आबादी 3.45 लाख थी, 1.40 लाख मौतें हो गई थी, साल के अंत तक 70 हजार लोगों की मौत तुरंत हो गई थी.
क्या है पुतिन का परमाणु प्लान?
रूस ने यूक्रेन को परमाणु हमले की धमकी भी दी थी. पुतिन ने न्यूक्लियर कमांड वाली यूनिट की छुट्टियां रद्द कर दी थीं और इन्हें हमले की तैयारी करने के आदेश दिए थे. इसके बाद तमाम न्यूक्लियर मिसाइलें फायरिंग मोड़ पर ला दी गई थीं. स्टाफ को स्टैंडबाय पर रहने को कहा गया था. परमाणु संघर्ष के लिए रूस के पास डूम्सडे विमान हैं, जिनका उपयोग पुतिन और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा परमाणु युद्ध में किया जाएगा. एक स्काई बंकर भी डूम्सडे प्लान के तहत था.
हाल ही में जब दुनिया ने Il-80 Maxdome को देखा
बीते दिनों परमाणु हमले के दौरान भी हवा में उड़ने में सक्षम विमान Il-80 Maxdome मास्को के आकाश में उड़ता नजर आया था. यह विमान रूस के विक्ट्री डे परेड में शामिल होगा. सोवियत जमाने का यह विमान बिना किसी खिड़की का है. इसे उड़ता हुआ क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) कहा जाता है. साल 2010 से इस विमान को रूस के विक्ट्री डे परेड में देखा नहीं गया था.
पुतिन की फैमली सुरक्षित
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने अपने परिवार के सदस्यों को साइबेरिया भेज दिया है. यहां उन्हें एक हाई-टेक अंडरग्राउंड बंकर में रखा गया है. रिपोर्टों में दावा किया गया कि पुतिन ने अपने तत्काल परिवार के अज्ञात सदस्यों को साइबेरिया के तेह अल्ताई पर्वत में एक हाई-टेक भूमिगत बंकर में स्थानांतरित कर दिया, जो एक संपूर्ण भूमिगत शहर है. यह एक लक्जरीपूर्ण और हाईटेक बंकर है. बंकर को परमाणु युद्ध की स्थिति में सुरक्षा के लिए ही खास तौर पर डिजाइन किया गया है.
किस देश के पास कितने परमाणु हथियार (सोर्स- SIPRI)
अमेरिका - 5800
रूस - 6255
यूके - 225
फ्रांस - 290
चीन - 320
भारत - 150
पाकिस्तान - 160
इजराइल - 90
नार्थ कोरिया - 30 -40
Source : Shankresh Kumar