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श्रीलंका के नए पीएम दिनेश गुणवर्द्धने के पिता रहे हैं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

अपने पिता की ही तरह 22 साल तक सरकार में रहने वाले दिनेश भी भारत से बेहतर संबंधों के प्रबल पैरोकार रहे हैं. 2020 में दिनेश पहली बार भारत दौरे पर आए थे.

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Nihar Saxena
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Dinesh Gunawardena

दिनेश गुणवर्द्धने के पिता का रहा है भारत से नजदीकी कनेक्शन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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ऐतिहासिक आर्थिक मंदी और उससे लोगों के बढ़ते आक्रोश से उपजे राजनीतिक संकट के बीच सीक्रेट वोटिंग से नए राष्ट्रपति चुने गए रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) शुक्रवार को अपने कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं. इससे ऐन पहले उन्होंने दो काम किए हैं. पहले तो उन्होंने सेना को निर्देश दिया कि राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर बीते 105 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाया जाए. इसके कुछ ही घंटों बाद उन्होंने अपने सहपाठी रहे और वरिष्ठ राजनेता दिनेश गुणवर्द्धने (Dinesh Gunawardena) को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. गुणवर्द्धने का भारत से भी नजदीकी संबंध है. उनके पिता फिलिप और मां कुसुम ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) में भी हिस्सा लिया. यही नहीं, ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में वह भारत (India) में गिरफ्तार कर जेल में भी डाले गए. यही नहीं, श्रीलंका (Sri Lanka) की आजादी के बाद भी गुणवर्द्धने परिवार का भारत के प्रति झुकाव कम नहीं हुआ. 

विक्रमसिंघे के प्रबल आलोचक-विरोधी रहे हैं दिनेश
72 वर्षीय दिनेश गुणवर्द्धने गोटबाया-महिंदा राजपक्षे सरकार में विदेश और शिक्षा मंत्री रहे हैं. श्रीलंका की राजनीति में बेहद कद्दावर नेता माने जाने वाले दिनेश की पहचान सीधी सपाट कहने वाले राजनेता की है. महिंदा राजपक्षे के करीबी माने जाने वाले दिनेश गुणवर्द्धने ने विपक्ष में रहते हुए 2015 से 2019 के बीच मैत्रीपाल श्रीसेना और रानिल विक्रमसिंघे सरकार को कठघरे में खड़ा करने का एक भी अवसर जाने नहीं दिया. आज यह संयोग ही है कि जिस विक्रमसिंघे के खिलाफ वह दशकों तक लड़ते रहे, उन्हीं की सरकार में प्रधानमंत्री हैं. अमेरिका और नीदरलैंड में पढ़ने करने वाले दिनेश गुणवर्द्धने अपने पिता फिलिप गुणवर्द्धने की तरह श्रमिक नेता भी रहे हैं. गौरतलब है कि दिनेश के पिता फिलिप को श्रीलंका में समाजवाद का पितामह कहा जाता है. 

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दिनेश का राजनीतिक कैरियर
2 मार्च 1949 को जन्मे दिनेश गुणवर्धने ने संसद सदस्य, कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया है. वर्तमान में वह वामपंथी महाजन एकथ पेरामुना पार्टी के नेता हैं. शुरुआती शिक्षा रॉयल प्राइमरी स्कूल कोलंबो और रॉयल कॉलेज कोलंबो में के बाद दिनेश ने नीदरलैंड स्कूल ऑफ बिजनेस में आगे की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद गुणवर्धने ने न्यूयॉर्क में काफी वक्त तक काम किया, लेकिन 1972 में उनके पिता की मौत के बाद उन्हें कोलंबो लौटना पड़ा. गुणवर्धने ने 1989 के संसदीय चुनाव में बहु-सदस्यीय कोलंबो चुनावी जिले में एमईपी के उम्मीदवारों में से एक के रूप में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा. 1994 के संसदीय चुनाव में उन्हें हार मिली. 27 अगस्त 2000 को उनकी पार्टी पीपुल्स अलायंस में शामिल हो गई. गुणवर्धने ने कोलंबो जिले में पीए के उम्मीदवारों में से एक के रूप में 2000 का संसदीय चुनाव लड़ा. वह निर्वाचित हुए और संसद में फिर से प्रवेश किया. 

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दिनेश के पिता फिलिप मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में भी रहे
फिलिप गुणवर्द्धने यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कांसिन में जय प्रकाश नारायण और वीके कृष्णन मेनन के साथ भी पढ़े हैं. उसी दौरान भारत के प्रति उनका झुकाव पैदा हुआ. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश कॉलोनी सिलोन से बाहर निकल वह भारत आ गए. भारत आने के बाद वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए. 1943 में ब्रिटिश हुक्मरानों के खिलाफ विद्रोह के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया और मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में रखा गया. एक साल बाद उन्हें वापस सिलोन भेज दिया गया, जहां जेल से उनकी रिहाई तभी हुई जब युद्ध खत्म हो गया. आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान का धन्यवाद देने निजी तौर पर श्रीलंका गए थे. यही गुण दिनेश गुणवर्द्धने में भी है. 22 साल तक सरकार में रहने वाले दिनेश भी भारत से बेहतर संबंधों के प्रबल पैरोकार रहे हैं. 2020 में दिनेश पहली बार भारत दौरे पर आए थे. 

HIGHLIGHTS

  • दिनेश गुणवर्द्धने के पिता फिलिप गुणवर्द्धने ने लड़ी थी भारत की आजादी की लड़ाई
  • अंग्रेजों ने पकड़ कर मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में रखा था, एक साल बाद किया डिपोर्ट
  • आजाद भारत के पहले पीएम पंडित नेहरू ने श्रीलंका जा खुद किया था धन्यवाद
INDIA Ranil Wickremesinghe Sri Lanka श्रीलंका freedom struggle रानिल विक्रमसिंघे Dinesh Gunawardena दिनेश गुणवर्द्धने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
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