Indian Government ने सन 1985 से हर साल 12 जनवरी यानी Swami Vivekananda की Jayanti को देशभर में राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाने की घोषणा की. स्वामी विवेकानंद देश के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक थे. उनके आदर्शों और विचारों से देशभर के युवा प्रोत्साहित हो सकते हैं. स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन में अपनाकर व्यक्ति सफल हो सकता है. 12 जनवरी 1863 में स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था.
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धूम- धाम से मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस
हर साल 12 जनवरी के दिन ही राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया जाता है. इस दिन को देशभर में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है. किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं पर निर्भर होता है. देश के विकास में युवा पीढ़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है. देश के युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल सके, इसलिए हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है.
कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं
राष्ट्रीय युवा दिवस को देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भाषण, पाठ, युवा सम्मेलन, प्रस्तुतियां, युवाओं के उत्सव, प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियों, खेल आयोजन, योग सत्र, संगीत प्रदर्शन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से हर साल की तरह होने वाले विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा.
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25 साल की उम्र में विवेकानंद संन्यासी बन गए थे
सिर्फ 25 साल की उम्र में विवेकानंद संन्यासी बन गए थे. संन्यास के बाद इनका नाम विवेकानंद रखा गया. गुरु रामकृष्ण परमहंस से विवेकानंद की मुलाकात 1881 कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में हुई थी. परमहंस ने उन्हें मंत्र दिया कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना ही सेवा है.
Source : News Nation Bureau