स्वर कोकिला का स्वरों की देवी से था खास लगाव, सबसे सुरीली आवाज वाली गायिका बनीं

स्वर कोकिला का स्वरों की देवी से था खास लगाव था. वे वसंत पंचमी का पर्व हर साल मनाती थीं. कई लोगों ने लता जी के गले में मां सरस्वती का निवास बताया. 

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
lata

स्वर कोकिला का स्वरों की देवी से था खास लगाव( Photo Credit : twitter)

Advertisment

स्वर सम्रागी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन पर आज पूरा देश शोक व्यक्त कर रहा है. 92 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया. वे बीते 28 दिनों से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही थीं. लता दीदी की 8 जनवरी को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार (5 फरवरी) को वसंत पंचमी के दिन अचानक महान गायिका लता मंगेशकर की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें डॉक्टरों ने वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा हुआ था. उन्होंने रविवार सुबह अंतिम सांस ली. स्वर कोकिला का स्वरों की देवी से खास लगाव था. वे वसंत पंचमी का पर्व हर साल मनाती थीं.   

लोगों को मां सरस्वती की दिखती थी झलक

लता जी के शुरुआती दौर में बहुत से लोगों ने उनकी आवाज को पतली और बेअसर बताकर खारिज कर दिया था. उनकी आवाज को पहली बार फिल्मकार एस मुखर्जी ने जब सुना तो इसे पतली बताया था. इस तरह कई बार उन्हें आलोचनाओं का भी सामना पड़ा, मगर उन्होंने कभी हार नहीं मानी. वे अपने सुर के अलावा धुन की पक्की थीं, उन्होंने अपनी गलतियों से सबक लिया और संगीत जगत को ऐसा स्वर दिया कि लोगों को धरती पर ही मां सरस्वती की झलक दिखाई पड़ने लगी. 

कई लोगों ने लता जी के गले में मां सरस्वती का निवास बताया. लता मंगेशकर भारत देश की सबसे अनमोल और सबसे सुरीली आवाज वाली गायिका हैं. उनकी आवाज की दुनिया दीवानी है. यहां तक की लता जी की आवाज को सुनकर अमरिका के वैज्ञानिक भी हैरान रह गए. उन्होंने अपने बयान में कहा कि लता जी की आवाज जैसी सुरीली आवाज न आज तक कभी थी और ना ही कभी होगी. बीते करीब छह दशकों से भारतीय सिनेमा में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वालीं लता दीदी का स्वभाव बड़ा ही सरल और शांत था. सुरो की सम्राट लता जी को मशहूर भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अपनी मां मानते हैं. लता जी के आगे भारत ही नहीं पूरी दुनिया नतमस्तक है.

लता मंगेशकर न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई.  उन्हें वर्ष 2001 में देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna Award) से सम्मनित किया गया. हजारों नगमें गा चुकीं गायिका ने हिंदी, मराठी सहित कई भाषाओं में अपनी आवाज दी. संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया.

लता मंगेशकर को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. वर्ष 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 1997 में महाराष्ट्र भूषण, 2007 में लिजन ऑफ ऑनर, फिल्म और संगीत जगत के कई पुरस्कार शामिल हैं. लेकिन उनके जीवन के तीन अहम पुरस्कारों में भारत के तीन सर्वोच्च नागरिक सम्मान शामिल हैं. वर्ष 1969 में उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किया गया. वहीं 1999 में देश के दूसरे सबसे अहम नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से नवाजा गया.

 

HIGHLIGHTS

  • लता जी की आवाज को सुनकर अमरिका के वैज्ञानिक हैरान रह गए
  • संगीत जगत को ऐसा स्वर दिया कि लोगों को धरती पर ही मां सरस्वती की झलक दिखाई पड़ने लगी. 
lata mangeshkar news latest Lata Mangeshkar Health Latest News lata mangeshkar news today Lata Mangeshkar health news lata mangeshkar health
Advertisment
Advertisment
Advertisment