अफगानिस्तान (Afghanistan) में कार्यवाहक तालिबान सरकार के सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय ने बैक्ट्रियन खजाने का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. तालिबान (Taliban) सरकार ने यह निर्णय उन खबरों के बाद लिया, जिसमें कहा गया है अफगानिस्तान के प्राचीन बैक्ट्रियन खजाने को देश के बाहर भेजा जा चुका है. बैक्ट्रियन खजाना अफगानिस्तान की एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, जिसे फरवरी 2021 में पूर्व सरकार द्वारा राष्ट्रपति भवन में लाया गया था और आम लोगों के प्रदर्शन के लिए रखा गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व सरकार के पतन के बाद इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है.
खजाना बाहर जाना देशद्रोह
जानकारी के मुताबिक तालिबान कैबिनेट के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा कि उनका प्रारंभिक अनुमान यही है कि राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रह और राष्ट्रीय गैलरी और अन्य ऐतिहासिक और प्राचीन स्मारक में रखे प्राचीन खजाने अपने स्थानों पर सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि फिर भी बैक्ट्रियन खजाने को खोजने और जांचने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को सौंप दी गई है. वासीक ने कहा कि इस मुद्दे की जांच चल रही है और हम यह जानने के लिए जानकारी एकत्र करेंगे कि असल सच्चाई क्या है. यदि इसे अफगानिस्तान से बाहर स्थानांतरित किया गया है, तो यह अफगानिस्तान के खिलाफ देशद्रोह ही होगा. अफगानिस्तान की सरकार गंभीर कार्रवाई करेगी यदि यह और अन्य प्राचीन वस्तुओं को देश से बाहर ले जाया जाता है.
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कैसा है बैक्ट्रियन खजाना
बैक्ट्रियन खजाने को दुनिया में सोने के सबसे बड़े संग्रह में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसे चार दशक पहले उत्तरी जवज्जान प्रांत के केंद्र शेरबर्गन जिले के तेला तपा क्षेत्र में खोजा गया था. विशेषज्ञों का कहना है कि खजाना कुषाण साम्राज्य का है. संग्रह में गहने और सोना शामिल हैं, जिन्हें एक प्राचीन शाही कब्रिस्तान स्थल पर खोजा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सात लोगों के अवशेषों को हजारों सोने के टुकड़ों से सजाया गया था. इस खजाने के संग्रह में 21,145 सोने के टुकड़े हैं, जिन्हें बाद में विदेशों में भी प्रदर्शित किया गया.
HIGHLIGHTS
- दशकों पहले तालिबान ने ही ध्वस्त कर दी प्राचीन बामियान में बुद्ध की प्रतिमा
- अब कुषाण साम्राज्य के करार दिए जा रहे खजाने को लेकर चिंतित है तालिबान
- चार दशक पहले जवज्जान प्रांत में खोजे गए थे 21,145 सोने के प्राचीन टुकड़े