अमेरिका में लेहमैन ब्रदर्स जैसी मंदी की आहट, भारत की इकोनॉमी पर कितना असर

अमेरिका में आर्थिक महामंदी ( Great Depression in US ) की आहट तेज होती जा रही है. दुनिया के तमाम देशों समेत भारत की इकोनॉमी ( Indian Economy ) पर भी इसका बड़ा असर होने की आशंका है. अमेरिका में 40 साल के सबसे अधिक ऊंचाई पर महंगाई है.

अमेरिका में आर्थिक महामंदी ( Great Depression in US ) की आहट तेज होती जा रही है. दुनिया के तमाम देशों समेत भारत की इकोनॉमी ( Indian Economy ) पर भी इसका बड़ा असर होने की आशंका है. अमेरिका में 40 साल के सबसे अधिक ऊंचाई पर महंगाई है.

author-image
Keshav Kumar
एडिट
New Update
lehmain brothers

बाजार में लिक्विडिटी लेहमैन संकट के मुकाबले बदतर है( Photo Credit : News Nation)

अमेरिका में आर्थिक महामंदी ( Great Depression in US ) की आहट तेज होती जा रही है. दुनिया के तमाम देशों समेत भारत की इकोनॉमी ( Indian Economy ) पर भी इसका बड़ा असर होने की आशंका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में 40 साल के सबसे अधिक ऊंचाई पर महंगाई के आंकड़े हैं. दूसरी ओर स्टॉक एक्सचेंज करीब 14 साल पुरानी गिरावट की कहानी दोहरा रहा है. हालात को बैंकिंग फर्म लेहमैन ब्रदर्स के दिवालिया ( Lehman Brothers Crisis ) हो जाने से अमेरिका की बिगड़ी अर्थव्यवस्था से जोड़ा है. हालांकि इस बार परिस्थिति उससे भी ज्यादा खराब होने की आशंका बढ़ रही है.

Advertisment

ग्लोबल इकोनॉमी ( Global Economy ) के जानकारों के मुताबिक करीब 4 माह से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध ( Russia - Ukraine War ) और कोविड-19 महामारी ( Covid-19 Pandemic ) की मार ने अमेरिका समेत दुनिया भर की इकोनॉमी की मुसीबत बढ़ा दी है. सप्लाई चेन पर बुरे असर की वजह से महंगाई की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है. इसके चलते इकोनॉमी पस्त होते और शेयर बाजार ( Stock Market ) लुढ़कते नजर आ रहे हैं. साल 2008 में लेहमैन ब्रदर्स संकट के समय भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजार रेंगते नजर आए थे.

S&P 500 और नैस्डैक की बियर मार्केट में एंट्री

बियर मार्केट से देश के स्टॉक एक्सचेंज की माली हालत के बारे में पता चलता है. यह किसी भी देश की इकोनॉमी के लिए बुरे संकेत होते हैं. अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज इस बात के साफ संकेत दे रहे हैं कि हालत ठीक नहीं है. अमेरिकी स्टॉक मार्केट के सेंसेक्स S&P 500 ने अपने जनवरी के उच्चतम स्तर के बाद से 20 फीसदी से अधिक का नुकसान झेल लिया है. इसी के साथ S&P 500 की बियर मार्केट में एंट्री हो गई है. एक और सूचकांक-नैस्डैक इस साल 25 फीसदी से ज्यादा टूट कर पहले से ही बियर मार्केट में शामिल है. 

निवेशकों को 2008 के ब्लैक ट्रेडिंग डे का डर

अमेरिकी शेयर बाजार की बुरी हालत को देखकर निवेशकों को साल 2008 की आर्थिक मंदी का डर सता रहा है. थॉर्नबर्ग इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के पोर्टफोलियो मैनेजर क्रिश्चियन हॉफमैन ने मंदी की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि लिक्विडिटी इतनी खराब हो गई है कि हमें 2008 के ब्लैक ट्रेडिंग डे याद आ रहे हैं. बाजार में लिक्विडिटी लेहमैन संकट के मुकाबले बदतर है. यह संकट आगे और भी बढ़ सकता है.

publive-image

भारतीय शेयर बाजार में भी हाहाकार की हालत

अमेरिका के बैंकिंग फर्म लेहमैन ब्रदर्स के दिवालिया होने पर भारतीय शेयर बाजार लुढ़कते चले गए थे. आंकड़ों के मुताबिक साल 2008 के शुरुआती महीनों में जो सेंसेक्स 20 हजार अंक के सर्वोच्च स्तर पर था वो एक साल के भीतर 8 हजार अंक के स्तर पर आ गिरा. तब सेंसेक्स करीब 12000 अंक या 55 फीसदी से ज्यादा टूट गया था. इसलिए अमेरिका के स्टॉक मार्केट की हालत बिगड़ने से भारत में भी हाहाकार मचा है. भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक- सेंसेक्स 19 अक्टूबर 2021 को अपने ऑल टाइम हाई 62,245 प्वाइंट से करीब 10 हजार अंक नीचे आ चुका है. 18 जून 2021 को सेंसेक्स 51601 अंक के लो लेवल पर आ गया था. साथ ही 52 सप्ताह के निचले स्तर के करीब पहुंचने वाला है.

मंदी की आशंकाओं पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

इकोनॉमी और स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेंट्रल बैंक- यूएस फेड के बुधवार को लिए जाने वाले फैसलों के बाद भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ सकती है. अनुमान है कि महंगाई कंट्रोल के लिए यूएस फेड ब्याज दरों में बदलाव की घोषणा करेगा. ब्याज दरों में 0.75 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना है. ऐसा हुआ तो यह 28 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी. इससे पहले, नवंबर 1994 में ब्याज दर में इतनी बढ़ोतरी की गई थी. इससे भारतीय शेयर बाजार से लगातार निकल रहे विदेशी निवेशकों के लिए अमेरिकी बाजार में नया मौका बनेगा. इसके चलते बिकवाली बढ़ सकती है और भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट आएगी.

ये भी पढ़ें - 192000 किलो कुवैत निर्यात, अब खाड़ी देशों से करीबी बढ़ाएगा गाय का गोबर

आरबीआई ने एक माह में दो बार बढ़ाया रेपो रेट

वैश्विक आर्थिक मंदी की आहट और अमेरिका के स्टॉक मार्केट की बुरी हालत को देखते हुए दुनिया के तमाम देश पहले से इसका सामना करने और पार पाने की तैयारियों में जुटे हैं. महंगाई पर काबू करने के लिए भारत समेत दुनियाभर में सेंट्रल बैंक अपने स्तर पर कई तरह के उपाय कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी एक माह में दो बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. हालांकि, भारतीय शेयर बाजार को कोई फौरी राहत नहीं मिल सकी है. उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई की कोशिशों से भारत इस संकट का मजबूती सामना कर सकेगा.   

HIGHLIGHTS

  • अमेरिका में आर्थिक महामंदी की आहट तेज होती जा रही है
  • सप्लाई चेन पर बुरे असर से महंगाई की रफ्तार तेज हो रही है
  • अमेरिकी स्टॉक मार्केट की हालत बिगड़ने से भारत में भी हाहाकार
वैश्विक अर्थव्यवस्था global economic crisis economy collapse us stock market lehman brothers crisis आर्थिक संकट रूस-यूक्रेन युद्ध russia ukraine war भारत पर असर Inflation अमेरिकी स्टॉक मार्केट लेहमैन ब्रदर्स impact on india
Advertisment