दुनिया के पास महज 10 हफ्ते का गेहूं, भारत भरेगा सभी का पेट

रूस से युद्ध के चलते यूरोप समेत दुनिया के तमाम देशों को गेहूं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन दुनिया को एक-चौथाई गेहूं का निर्यात करते हैं.

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Nihar Saxena
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रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया पर छाया गेहूं का अभूतपूर्व संकट.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जापान में क्वाड के सदस्य देशों की बैठक से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) से द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे. इस बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) समेत भारत की ओर से गेंहू के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने से दुनिया के समक्ष गेहूं का गंभीर संकट खड़ा हो गया है. इसकी एक बड़ी वजह तो रूस-यूक्रेन युद्ध है, जिस कारण यूक्रेन दुनिया के तमाम देशों को गेहूं का निर्यात नहीं कर पा रहा है. उस पर भारत ने भी गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. गेहूं के संकट का आलम यह है कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) तक को चेतावनी देनी पड़ी है कि यदि इसका समाधान नहीं निकला तो बेहद गंभीर हालात हो जाएंगे. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया के पास महज 10 सप्ताह का ही गेहूं बचा है. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन भारतीय पीएम मोदी के साथ इस पर खासतौर पर चर्चा करेंगे. 

रूस-यूक्रेन युद्ध से गेहूं की सप्लाई प्रभावित
गौरतलब है कि यूक्रेन को गेहूं के निर्यात के कारण 'रोटी की टोकरी' कहा जाता है. रूस से युद्ध के चलते यूरोप समेत दुनिया के तमाम देशों को गेहूं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन दुनिया को एक-चौथाई गेहूं का निर्यात करते हैं. रूस तो गेहूं के निर्यात को बतौर हथियार इस्तेमाल कर रहा है. यूक्रेन सप्लाई नहीं भेज पा रहा है. ऐसे में भारत के गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से स्थिति और बद्तर हो रही है. यूरोप और अमेरिका में इस साल खराब मौसम से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है. गो इंटेलिजेंस की रिपोर्ट बताती है कि गेहूं की सप्लाई प्रभावित होने से दुनिया के सामने महज 70 दिन का गेहूं ही बचा है.

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बाइडन पीएम मोदी से करेंगे गेंहू आपूर्ति पर बात
गो इंटेलिजेंस की मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी सारा मेनकर ने गेहूं की सप्लाई बाधित देख दो-टूक चेतावनी दी कि खाद्यान की सप्‍लाइ कई 'असाधारण' चुनौतियों से जूझ रही है. इसमें उर्वरकों की कमी, जलवायु परिवर्तन और खाद्यान तेल तथा अनाज का रेकॉर्ड कम भंडार इसकी वजह है. उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि बिना तत्‍काल और आक्रामक वैश्विक प्रयास के हम इंसानों के लिए असाधारण मानवीय त्रासदी और आर्थिक नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं. उन्‍होंने बताया कि ऐसा संकट एक पीढ़ी में केवल एक ही बार आता है और यह भूराजनीतिक दौर को नाटकीय तरीके से बदल रहा है. पश्चिमी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि रूस गेहूं की सप्लाई चेन खासकर यूक्रेन के स्टॉक को नष्ट कर रहा है. यही वजह है कि जापान में क्वाड बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति पीएम मोदी से गेहूं के निर्यात पर लगी रोक को लेकर खासतौर पर चर्चा करेंगे. 

HIGHLIGHTS

  • रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया को गेहूं की सप्लाई प्रभावित
  • भारत ने भी हाल में लगाया गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध
  • जापान में बाइडन मोदी से इसको लेकर कर सकते आग्रह
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