पड़ोसी देशों के साथ चीन (China) की विस्तारवादी नीति को अंजाम देने का दारोमदार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के चुनिंदा शीर्ष अधिकारियों पर है. इनमें भी वह अधिकारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासचिव और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खास हैं, जिन्होंने तिब्बत (Tibet) में चीनी आधिपत्य को स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई. इन्हीं चीनी अधिकारियों में से कुछ को चीन सरकार ने भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात किया है.
हिंसक संघर्ष के लिए इन्होंने ही उकसाया
इन्हीं के उकसावे पर जुलाई में पूर्वी लद्दाख (Ladakh) इलाके में भारतीय जवानों (Indian Army) से चीनी सैनिक उलझ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप 20 भारतीय जवानों को शहीद होना पड़ा. हालांकि भारतीय जांबाजों ने पीएलए के सैनिकों को भी जमकर मजा चखाया और अपनी मार से 40 के आसपास चीनी सैनिकों को जहन्नुम का रास्ता दिखाया. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक भारत से लगती पीएलए पर चीनी विस्तारवादी नीति को अंजाम देने का ठेका आठ शीर्ष चीनी सैन्य अधिकारियों पर है.
जिनपिंग के हैं खास
शि जिनपिंग के इन चहेते अधिकारियों में 20 वर्षों से एक अरबी बोलने वाले जनरल, चार लेफ्टिनेंट जनरल और तीन डिवीजन कमांडर शामिल हैं, जो 1597 किमी लंबी भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की देखरेख के लिए तैनात हैं. इन्हीं की कारगुजारियों से लद्दाख और अक्साई चिन पर कब्जा बरकरार रखा जा रहा है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने लद्दाख हिंसक संघर्ष और फिर जारी गतिरोध में शामिल चीनी सैन्य कमांडरों की जानकारियां जुटाई हैं. इनमें कई सीसीपी महासचिव शी जिनपिंग के खास हैं.
यह भी पढ़ेंः चीन के बहकावे में नेपाली पीएम ओली ने भारत के खिलाफ नए मोर्चे खोले, अब कर रहे ऐसा कि आ जाए गुस्सा...
जनरल झाओ झोंगकी, वेस्टर्न थिएटर कमांडर
संवेदनशील मामलों में जासूसी के विशेषज्ञ माने जाने वाले 65 वर्षीय जनरल झाओ को 1 फरवरी, 2016 को पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हीलोंगयांग प्रांत में बिन काउंटी में जन्मे झाओ को 1970 में चेंग्दू स्थित 14 समूह सेना (अब असंतुष्ट) के 118 रेजिमेंट सौंपा गया था. वह 1979 में वियतनाम-चीन युद्ध के दौरान टोही इकाई का हिस्सा थे और पीएलए के लिए विशेष अभियान और अति संवेदनशील जासूसी अभियानों को अंजाम देने में सफल रहे थे.
लेफ्टिनेंट जनरल जू क्विलिंग, कमांडर पीएलए ग्राउंड फोर्स, वेस्टर्न थिएटर कमांड
57 वर्षीय हेनान में जन्मे जनरल को चीनी कब्जे वाले अक्साई चिन क्षेत्र में टैंक और बड़ी तोपें तैनात करने के लिए जिम्मेदार कहा जाता है. पीएलए ग्राउंड फोर्स न केवल आर्टिलरी शक्ति, बल्कि एयर-एयरक्राफ्ट गन और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के लिए भी जिम्मेदार है. 2017 में उत्तरी थिएटर कमान में शेनयांग, लियाओनिंग में 79 समूह सेना के कमांडर के रूप में पदभार संभालने से पहले जू हेनान आधारित 83 समूह सेना के कमांडर थे.
यह भी पढ़ेंः भारत ने फिर दिखाई पाकिस्तान को औकात, सेना ने गोलाबारी में तबाह किए पीओके के आतंकी ठिकाने
लेफ्टिनेंट जनरल वांग क़ियांग, कमांडर पीएलए वायु सेना पश्चिमी थिएटर कमान
वांग चार लड़ाकू डिवीजनों, एक परिवहन डिवीजन और एक बॉम्बर डिवीजन के साथ पीएलए को हवाई सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने जिनान मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के एयर फोर्स एविएशन डिवीजन के कमांडर के साथ शुरू होने वाले हाई-प्रोफाइल कमांड असाइनमेंट की एक स्ट्रिंग रखी है. वेस्टर्न थिएटर कमांड में विभिन्न ओहदों पर अपनी सेवाएं दे चुके वांग को वेस्टर्न थिएटर कमांड की एय़र फोर्स की जिम्मेदारी बीते साल दिसंबर में दी गई है.
लेफ्टिनेंट जनरल हैजियांग वांग, कमांडर, तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट
57 साल को हैजिआंग को 10 दिसंबर 2019 से अत्यधिक संवेदनशील तिब्बत सैन्य जिले का सर्वेसर्वा नामित किया गया था. वह 1977 में सेना में शामिल हुए थे और उन्हें वियतनाम-चीन युद्ध में प्रथम श्रेणी मेरिट से सम्मानित किया गया था जिसमें चीन हारने की स्थिति में था. वे डिप्टी कमांडर साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट सहित कई पदों पर काबिज रहे, जो कि अक्साई चिन के कब्जे के लिए जिम्मेदार है.
यह भी पढ़ेंः सीमा पर तनाव कम करने को चीन की पेशकश को भारत ने दो-टूक ठुकराया, जानें पूरा मसला
लेफ्टिनेंट जनरल लियू वांगलोंग, कमांडर, झिंजियांग सैन्य जिला
उइगर मुस्लिम इलाकों के प्रमुख और अक्सर शिनजियांग प्रांत में रहने वाले 58 वर्षीय जनरल ने 2008 से इस इलाके में सेवा दी है. वह 2016 में गांसु सैन्य जिले के कमांडर थे और 2017 में शिनजियांग कमांडर बने थे. जुलाई 2018 में इन्हें प्रोन्नति देकर लेफ्टिनेंट जनरल बनाया गया. थिएटर कमांडर झाओ ज़ोंगकी के लिए लियू का सैन्य मूल्यांकन महत्वपूर्ण साबित होता है.
मेजर जनरल लियू लिन, कमांडर, दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला
57 साल के मेजर जनरल लियू को पूर्वी लद्दाख में हिंसक संघर्ष के बाद सामने आए गतिरोध को दूर करने के लिए तैनात किया गया. उन्होंने ही भारतीय सेना के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के साथ प्रमुख चीनी वार्ताकार के रूप में कई स्तर की चर्चाओं में भाग लिया. जनरल लियू ने 2017 में ज़्यूरि सैन्य परेड में भाग लिया, जो स्व-चालित आर्टिलरी टीम के नेता थे. इन्हें 2015 में मेजर जनरल के पद पर प्रोन्नत किया गया है. इसके पहले वह कई अभियानों को अंजाम दे चुके हैं.
यह भी पढ़ेंः जीएस मुर्मू बने भारत के नए CAG, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई शपथ
मेजर जनरल लियू गेपिंग, कमांडर किंघई सैन्य जिला
जुलाई 2017 में पदोन्नत होने के बाद मेजर जनरल लियू को अप्रैल 2020 में इस पद पर नियुक्त किया गया था. उन्होंने लद्दाख सेक्टर में डेमचोक का सामना करने वाले नेरी सैन्य उप-जिले में अपनी सेवाएं दी है. वह 2017 में उत्पादन और निर्माण कोर के सैन्य विभाग के कमांडर थे.
मेजर जनरल शी शिनयोंग, कमांडर, सिचुआन सैन्य जिला
उन्हें 21 अप्रैल को इस पद पर नियुक्त किया गया था. शेडोंग में जन्मे 59 वर्षीय कमांडर 2013 में 31 पैदल सेना प्रभाग के प्रमुख थे. वह 2014 में युनान सैन्य जिले के डिप्टी कमांडर बने और 2017 में किंघई सैन्य जिले के कमांडर थे.