गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भयानक तबाही मचाने के बाद तौकते (Tauktae) अब कमजोर पड़ रहा है, तो कुछ ही दिनों बाद एक और तूफान यास (Yaas) बंगाल की खाड़ी से भारत के कई राज्यों में प्रवेश करने जा रहा है. कहा जा रहा है कि यास बीते साल आए अम्फान से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में जानते हैं कि दुनिया में आए ऐसे बड़े तूफानों के बारे में, जिन्होंने भयंकर तबाहियां मचाईं. इनका कहर से बड़े पैमाने पर लोगों को जान गई, नुकसान भी हुआ. 1970 में बांग्लादेश में आया तूफान अपनी गति और तीव्रता में दुनिया के भयंकर तूफानों जैसा तो नहीं था, लेकिन उस समय पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा रहे वहां के तटीय इलाकों में किसी को जानकारी तक नहीं थी कि ऐसा कोई तूफान आ रहा है. ये तूफान करीब 185 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आया और जमीन से टकराते ही इसने तबाही मचानी शुरू कर दी, इससे दस जिले प्रभावित हुए और पांच लाख से ज्यादा लोग मारे गए. एशिया में 1800 से लेकर 2009 तक कई ऐसे तूफान आए हैं, जिन्होंने खासी तबाही मचाई और बड़े पैमाने पर लोगों की जान ले ली.
टाइफून आइडा
आइडा सितंबर 1958 में 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जापान के तट से टकराया और बाद में इसकी रफ्तार 325 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई. आइडा के कारण जापान में कुल 1,269 लोगों की मौत हुई, जबकि 5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ.
टाइफून हैयान
हैयान को अब तक का सबसे प्रचंड उष्णकटिबंधीय तूफान माना जाता है. फिलिपींस में इसे योलांडा के नाम से जानते हैं. ये दुनिया में अब तक के चौथे सबसे प्रचंड तूफान के रूप में दर्ज है. इसकी रफ्तार 314 किलोमीटर प्रति घंटे थी. ये 3 नवंबर 2013 को बना और 11 नवंबर को खत्म हो गया. इस तूफान के कारण फिलिपींस, वियतनाम और दक्षिण चीन का बड़ा हिस्सा प्रभावित रहा. इसके कारण 11 हजार 801 लोगों की मौत हुई जबकि कुल 68 करोड़ 60 अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ.
टाइफून किट
टाइफून किट 1966 में 314 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उठा, लेकिन संयोग से जमीन पर नहीं टकराया. इसलिए टाइफून किट से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ.
टाइफून सैली
सैली 3 सितंबर 1964 को पोनापे के पास उठा और पश्चिम की ओर बढ़ा. चार दिन के बाद इसकी रफ्तार 314 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई. ये 9 सितंबर को फिलिपींस पहुंचा और फिर 185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 10 सितंबर को चीन पहुंचा. ये उस समय के प्रचंड तूफानों में से एक था.
टाइफून टिप
टाइफून टिप 12 अक्टूबर 1979 को जापान से टकराया. इसकी रफ्तार 305 किलोमीटर प्रति घंटे थी. टिप मॉनसून में डिस्टरबेंस के कारण 4 अक्टूबर को पोहनपेई के पास बना और 19 अक्टूबर को धीमा पड़ गया. इसके कारण करीब 100 लोगों की मौत हुई, जबकि कृषि और मत्स्य उद्योग को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ.
टाइफून कोरा
टाइफून कोरा 30 अगस्त 1966 को उठा और 5 सितंबर 1966 को ओकिनावा द्वीप के पास टकराया. इसकी रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटे थी. कोरा के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ, लेकिन इससे किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई. ये 7 सितंबर 1966 को उत्तर-पूर्व चीन और 9 सितंबर 1966 को कोरिया पहुंचा.
हरकेन कटरीना
अगस्त 2005 में अमेरिका के लुसियाना और मिसिसिपी में कटरीना से भारी नुकसान हुआ था. 23 अगस्त 2005 को ये 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उठा और आठ दिन तक बना रहा. कटरीना के कारण कुल 1833 लोगों की जान गई, जबकि कुल 108 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ.
हरकेन ऐंड्रू
हरकेन ऐंड्रू 16 अगस्त, 1992 को बनना शुरू हुआ और 28 अगस्त 1992 को फ्लोरिडा, दक्षिण पश्चिम लुसियाना और उत्तर पश्चिम बहमास से टकराया. इसकी रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटे थी. तूफान के कारण कुल 65 लोगों की मौत हुई, जबकि कुल 26.5 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ.
अम्फान तूफान
भारत-बांग्लादेश सीमा पर पिछले साल मई में आया चक्रवात अम्फान सबसे महंगा साबित हुआ. उत्तरी हिंद महासागर में इस उष्णकटिबंधीय चक्रवात में भारत को करीब 14 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ. हताहतों की संख्या कम रहने के बावजूद 129 लोग मारे गए. अम्फान तूफान के चलते भारत में करीब 24 लाख लोग विस्थापित हुए. इनमें ज्यादातर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हुए. बांग्लादेश में इस चक्रवात के कारण 25 लाख लोग विस्थापित हुए.
HIGHLIGHTS
- तौकते तूफान ने कई राज्यों में मचाई भारी तबाही
- अब कुछ दिनों बाद टकराने वाला है तूफान यास
- ऐसे कई तूफान आए जो जान-माल पर भारी पड़े