Advertisment

पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर हमले की थी योजना

जमात-ए-इस्लामी ने बड़े पैमाने पर हमले करने के लिए भारी मात्रा में धन का भुगतान किया, ताकि मोदी की यात्रा के दौरान शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार पर सवाल उठाए जा सकें.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Dhaka Violence

पाकिस्तान पोषित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ने रची साजिश.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

पिछले सप्ताह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ढाका यात्रा से दो दिन पहले बांग्लादेश (Bangladesh) खुफिया विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस, मीडिया और सरकारी प्रतिष्ठानों पर व्यापक रूप से रक्तपात और बड़े पैमाने पर हमले की तैयारी की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी ने बड़े पैमाने पर हमले करने के लिए भारी मात्रा में धन का भुगतान किया, ताकि मोदी की यात्रा के दौरान शेख हसीना (Sheikh Hasina) के नेतृत्व वाली सरकार पर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए जा सकें. मोदी 26-27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर थे. इस बीच बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद में झड़प के मामले में 500 से 600 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

बांग्लादेश खुफिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
बांग्लादेश खुफिया विभाग ने जमात-ए-इस्लामी और हिफाजत-ए-इस्लाम के नेताओं के स्वामित्व वाले सभी आवासीय होटलों में छापेमारी करने की भी सिफारिश की. इसमें कहा गया है, यदि आवश्यक हो, तो कुछ गिरफ्तारियां की जानी चाहिए. जमात के स्वामित्व वाली अचल संपत्ति, अस्पतालों, बीमा, मदरसों, वाणिज्यिक इमारतों में छानबीन की जानी चाहिए. सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करने के लिए कहना चाहिए. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जमात-ए-इस्लाम के लोगों ने मोदी की यात्रा के मद्देनजर अपने 60 प्रतिशत अनुयायियों को राजधानी ढाका में स्थानांतरित होने के लिए कहा था. गौरतलब है कि पीएम मोदी के विरोध में न सिर्फ कट्टरपंथी संगठन ने मंदिरों पर हमला किया बल्कि हिंदू विरोधी हिंसा में 10 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा.

यह भी पढ़ेंः नंदीग्राम में चढ़ा सियासी पारा, आज ममता बनर्जी-अमित शाह का आमना-सामना

इस तरह तीन स्तरों पर रची गई साजिश
नतीजतन इस्लामी छत्री संगठन, जमात की महिला विंग और इस्लामिक शैडो संगठन (महिलाओं और बच्चों सहित) के सदस्यों ने ढाका में प्रवेश किया था. जमात-ए-इस्लामी के नेता और कार्यकर्ता, जो ढाका के बाहर से आए थे, उन्हें तीन समूहों में विभाजित किया गया था. खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी योजना के अनुसार, जमात के छात्रसंघ अध्यक्ष शिबीर सहित पहले समूह को मोदी विरोधी विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होना था. दूसरा समूह लेफ्ट शेड संगठन के साथ मोदी विरोधी रैली में शामिल होना था, जबकि योजना के अनुसार तीसरा समूह हिफाजत के छह इस्लामी राजनीतिक दलों के प्रदर्शन में शामिल होना था.

शेख हसीना सरकार गिराने की योजना
इस बीच एक अन्य खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जमात, हिफाजत और विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी प्रधानमंत्री शेख हसीना को गिराने की साजिश रच रहे हैं. सिविल-सोसाइटी के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से ये संगठन विरोध-प्रदर्शनों को अंजाम दे रहे हैं, उनके मकसद का स्पष्ट पता चलता है और वे देश की शांति और प्रगति में बाधा चाहते हैं. सदस्यों ने कहा कि जिस तरह से वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं वह अनुचित है और उन अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने आगे दावा किया कि बांग्लादेश के देशभक्त लोग चल रहे असाधारण सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालकर अस्थिरता पैदा करने के किसी भी प्रयास को विफल कर देंगे. सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ढाका और देश के अन्य हिस्सों में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) सैनिकों को तैनात किया है.

यह भी पढ़ेंः ‘बेगम’ ममता बनर्जी बंगाल को बना देंगी ‘मिनी पाकिस्तान’... शुवेंदु का बड़ा हमला

600 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
इस बीच हिफजात-ए-इस्लाम और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की ओर से आहूत हड़ताल के बाद रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा के बाद बांग्लादेश में सामान्य जन-जीवन पटरी पर लौट रही है. पल्टन पुलिस स्टेशन के प्रभारी अबू बकर सिद्दीकी ने बताया कि मस्जिद हिंसा मामले में लगभग 500 से 600 अनाम लोगों को 26 मार्च की रात को पल्टन पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में आरोपी बनाया गया है. हिफजात के कार्यकर्ताओं के हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 50 लोग घायल हो गए थे. उन्होंने न सिर्फ श्रद्धालुओं को निशाना बनाया, बल्कि उनकी मोटरबाइकों में आग लगा दी और पुलिस पर भी पथराव किया.

शुक्रवार से रविवार तक हुई व्यापक हिंसा
शुक्रवार की सुबह हिफाजत आतंकवादियों ने विभिन्न मार्गों पर रेल सेवाओं को बाधित करते हुए ब्राह्मणबारिया स्टेशन को आग लगा दी थी. इसके कारण कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर फंसी रहीं. रविवार की हड़ताल के दौरान, ढाका, सिलहट, राजशाही, चटगांव और ब्राह्मणबारिया सहित देश के विभिन्न हिस्सों से झड़प, तोड़फोड़, आगजनी और सड़क पर आगजनी की खबरें आईं. चटगांव और देश के अन्य हिस्सों के बीच सड़क संचार रविवार दोपहर के बाद से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि हड़ताल के कारण कोई लंबी-रूट की बस शहर से बाहर नहीं गई थी. रविवार सुबह ब्राह्मणबेरिया में चटगांव से चलने वाली इंटरसिटी सोनार बांग्ला एक्सप्रेस ट्रेन में भीड़ द्वारा ईंटें फेंके जाने से कम से कम 200 लोग घायल हो गए. हिंसक आंदोलनकारियों ने आशूगंज और ब्राह्मणबारिया के बीच 50 साल पुराने रेल-पुल को भी आग लगा दी.

HIGHLIGHTS

  • पाकिस्तान पोषित कट्टरपंथी संगठन रच रहे बांग्लादेश में साजिश
  • पीएम मोदी के दौरे के दौरान हुई हिंसा की खुफिया को थी जानकारी
  • शेख हसीना की सरकार को भी गिराने की है मंशा कट्टरपंथियों की
PM Narendra Modi INDIA pakistan पाकिस्तान भारत Bangladesh violence पीएम नरेंद्र मोदी hindu Sheikh Hasina सांप्रदायिक हिंसा बांग्लादेश शेख हसीना हिंदू Radical Islamist कट्टरपंथी इस्लामिक
Advertisment
Advertisment
Advertisment