पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बतौर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के पहले कार्यकाल के लगभग अंत में सामने आया नारदा घोटाला राजनीतिक बवंडर का वह तूफान है. एक बार फिर मामला सुर्खियों में है जब ममता बनर्जी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं. तीसरे कार्यकाल में सीएम पद की शपथ लेने के घंटों बाद ही सूबे के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने नारदा घोटाले के आरोपियों पर केस चलाने की मंजूरी सीबीआई को दे दी. इस कड़ी में सीबीआई ने सोमवार यानी 17 मई को सुबह टीएमसी के मंत्रियों और नेताओं के घर छापेमारी की. इसके बाद सभी को सीबीआई के दफ्तर ले जाया गया. सीबीआई (CBI) दफ्तर में इनसे पूछताछ चल ही रही थी कि ममता बनर्जी भी वहां पहुंच गईं. साथ ही प्रदेश के कई स्थानों पर इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए है. ममता बनर्जी के गले की फांस बना यह नारदा घोटाला आखिर है क्या आइए जानते हैं
यह है पूरा मामला
2016 मार्च में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले नारद न्यूज़ के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी कर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी थी. इस वीडियो में वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी को काम कराने के एवज़ में मोटी रकम देते नज़र आ रहे थे. इस स्टिंग वीडियो ने जहां विपक्ष को ममता बनर्जी और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ एक मज़बूत हथियार सौंप दिया वहीं ममता और उनकी पार्टी इसे राजनीतिक साज़िश करार देते रहे. हाईकोर्ट के सीबीआई से जांच के फैसले और फिर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगाने के बाद तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की मु्श्किलें औऱ बढ़ गईं. अब इस साल राज्यपाल की सीबीआई को हरी झंडी के बाद तो राजनीतिक दांव-पेंच और तेज हो गए हैं.
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एक दर्जन सांसदों और मंत्रियों से मुलाक़ात का स्टिंग है नारदा घोटाला
जानकारी के मुताबिक इस स्टिंग ऑपरेशन के लिए मैथ्यू सैमुएल एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के एक दर्जन सांसदों, नेताओं और मंत्रियों से मुलाक़ात कर उनको काम कराने के एवज़ में पैसे देते नजर आते हैं. वीडियो में नज़र आने वाले नेताओं में मुकुल राय, सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, शुभेंदु अधिकारी, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, शोभन चटर्जी, मदन मित्र, इक़बाल अहमद और फिरहाद हकीम शामिल थे. उनके अलावा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमएच अहदम मिर्ज़ा को भी पैसे लेते दिखाया गया था.
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मैथ्यू पर ही बीजेपी संग साजिश का आरोप लगाया था टीएमसी ने
विपक्ष ने विधानसभा चुनावों में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. दूसरी ओर, वीडियो को फ़र्ज़ी और इस पूरे मामले को साज़िश करार देने वाली ममता सरकार ने उल्टे मैथ्यू के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज कर उनको पूछताछ के लिए समन भेज दिया. ममता बनर्जी शुरू से ही इस स्टिंग ऑपरेशन को एक राजनीतिक साज़िश करार देती आई हैं. उनका आरोप है कि इस स्टिंग वीडियो को भाजपा के दफ्तर से जारी किया गया था. हालांकि बाद में कोलकाता हाईकोर्ट से मैथ्यू को राहत मिली. फोरेंसिक जांच में उस वीडियो को सही पाया गया था. अब फिर नारदा घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है.
HIGHLIGHTS
- नारद न्यूज के मैथ्यु सैमुएल ने किया था स्टिंग ऑपरेशन
- इसमें टीएमसी सांसद, मंत्री और मेयर फंसे थे
- सभी पैसे लेकर काम करने के हैं आरोपी