सोमवार को भी दिल्ली में भूकंप (Earthquake) का झटका लोगों ने महसूस किया. हालांकि इसकी तीव्रता बेहद ही कम थी. सवाल की आखिर दिल्ली-नोएडा में बार बार आ रहे भूकंप के झटकों की क्या वजह है. बार-बार आ रहे भूकंप को तबाही का अल्टीमेटम भी माना जा रहा है.
नोएडा में बुधवार रात जब अचानक धरती हिली तो चारों तरफ खौफ पसर गया. भूकंप के झटकों ने लोगों को बुरी तरह डरा दिया. जो सो गए थे उन्हें तो झटकों के बारे में पता नहीं चल पाया पर जो लोग जगे थे वो झटके महसूस होते ही घरों से बाहर निकल गए.
बुधवार को 10 बजकर 42 मिनट पर भूकंप के झटके नोएडा वासियों ने महसूस किए. नोएडा के 19 किमी दक्षिण पूर्व में भूकंप का केंद्र था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 थी.
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जाहिर है. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से कई लोगों को इन झटकों के बारे में पता ही नहीं चला और इससे किसी तरह की जान माल का भी कोई नुकसान नहीं हुआ तो फिर सवाल है कि हम इस जलजले को आने वाली तबाही की आहट क्यों कह रहे हैं.
दो महीने में कई बार डोल चुकी धरती
दरअसल पिछले कुछ समय में दिल्ली एनसीआर में भूकंप के इतने झटके आ चुके हैं कि भूवैज्ञानिक भी सकते में हैं. सिर्फ नोएडा में ही एक हफ्ते के भीतर भूकंप का ये दूसरा झटका था. बीते दो महीने में दिल्ली एनसीआर में सात बार भूकंप आ चुका है. जो आने वाले खतरे का संकेत है.
1 साल में 10 बार ज़लज़ला
पिछले एक साल में दिल्ली एनसीआर में कम से कम दस बार भूकंप के झटके आ चुके हैं.
29 मई, 2020
दिल्ली-एनसीआर में 4.6 तीव्रता का भूकंप
28 मई, 2020
दिल्ली में 2.5 तीव्रता का भूकंप
15 मई, 2020
दिल्ली में 2.2 तीव्रता का भूकंप
10 मई, 2020
दिल्ली-एनसीआर में 3.5 तीव्रता का भूकंप
13 अप्रैल, 2020
दिल्ली में 2.7 तीव्रता का भूकंप
12 अप्रैल, 2020
दिल्ली-एनसीआर में 3.5 तीव्रता का भूकंप
बार-बार डोल रही धरती बड़ी आपदा की वजह हो सकती है
इससे पहले पिछले साल भी सितंबर से दिसंबर तक दिल्ली, एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में 3.5 से लेकर 6.8 तक की तीव्रता वाले तीन बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. मतलब ये कि दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में धरती बार बार डोल रही है, जो किसी बड़ी आपदा की वजह बन सकती है.
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दिल्ली भौगोलिक रूप से काफी संवेदनशील माना जाता है
हालांकि कुछ जानकार मानते हैं कि दिल्ली में हाल में जितने भी भूकंप आए उनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 या उससे कम रही है. नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी मुताबिक ऐसे भूकंप जिनकी तीव्रता 4 से कम होती है उनसे नुकसान की संभावना बेहद कम होती है पर इसकी क्या गारंटी है कि आने वाले हर भूकंप 4 के कम की तीव्रता का ही होगा. पिछले साल दो दो बार 6 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप आ चुके हैं और भूकंप के मामले में दिल्ली भौगोलिक रूप से काफी संवेदनशील माना जाता है.
दहलाती है दिल्ली !
भूकंप को मापने के लिए भारत को 5 सिस्मिक जोन में बांटा गया है. दिल्ली और आसपास के इलाके सिस्मिक जोन-4 में आते हैं. सिस्मिक जोन-4 में 7.9 की तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है.
नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी की मानें तो दिल्ली के आसपास ऐसी कोई फॉल्ट प्लेट नहीं है, जिसपर प्रेशर इस समय काफी ज्यादा हो. इसी वजह से इसे सिस्मिक जोन 4 में रखा गया है. लेकिन हिमालयन रीजन में प्रेशर काफी बढ़ रहा है. जिससे आने वाले वक्त में भूकंप के बड़े झटके आ सकते हैं.
तबाही की 'काउन डाउन'
भूकंप को लेकर अब तक हुई रिसर्च से पता चला है कि इस तरह के छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप की आहट होते हैं. अमेरिका की लॉस अलामॉस नेशनल लेबोरेट्री की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल केलिफॉर्निया में बड़ा भूकंप आने से पहले इसी तरह के छोटे झटके महसूस किए गए थे. इस बात की आशंका करीब 70 फीसदी से भी ज्यादा है कि अगर बार बार इस तरह के छोटे झटके आएं तो जल्द कोई बड़ा भूकंप आ सकता है.
Source : News Nation Bureau