यूपी में बीजेपी की वापसी के बाद मंत्रिमंडल का गठन भी हो गया है. योगी 2.0 के मंत्रियों ने शपथ भी ले ली है. इस बार सीएम योगी की कैबिनेट 52 मंत्रियों की है. योगी के अलावा 2 डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं. वहीं, इस बार योगी कैबिनेट में कई पुराने मंत्रियों के टिकट भी काटे गए हैं, कई नए चेहरों को भी मौका दिया गया है. इस बार पश्चिमी यूपी से कई मंत्री बनाए गए हैं, जिन्हें पहली बार मौका मिला है. पश्चिमी यूपी से लगभग हर एक जिले से किसी ना किसी बड़े नाम को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, लेकिन इन सब में एक नाम खो सा गया वो है नोएडा से बीजेपी विधायक पंकज सिंह का.
10 मार्च को नतीजे आने के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि गौतम बुद्ध नगर जिले से किसी एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. उनमें सबसे आगे नाम चल रहा था रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा से विधायक पंकज सिंह का लेकिन उन्हें भी मंत्रिमण्डल में जगह नहीं मिली.
क्या रहा कारण
पंकज सिंह BJP की जिले की सबसे सुरक्षित सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं, इसके बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि उनकी नज़र आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. पंकज सिंह 2024 में गौतम बुद्ध नगर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं और सीधा केंद्र जाकर अपने पिता की कुर्सी या केंद्रीय मंत्री के रूप में पेश होना चाहते हैं, शायद इन्हीं कारणों से उन्होंने मंत्रिमंडल में पद नहीं दिया गया या उन्होंने नहीं लिया. गौतम बुद्ध नगर लोकसभा और जिले की तीनों सीटें बीजेपी की मानी जाती हैं. नोएडा के अलावा दादरी से भी बीजेपी के तेजपाल नागर और जेवर से बीजेपी के धीरेंद्र सिंह विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी पंकज सिंह को प्रदेश में मंत्री पद देकर प्रदेश तक सीमित नहीं रखना चाहती.
कौन हैं पंकज सिंह?
पंकज सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा से दूसरी बार बीजेपी के विधायक हैं. पंकज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री ली है, इसके साथ ही नोएडा के एमिटी बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा किया. इसके अलावा पंकज को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में संगठन में उपाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी दी है. पंकज ने इस बार 2022 के चुनाव में नोएडा में करीब 1 लाख 81 हज़ार वोटों से जीत हासिल की है. इससे पहले 2017 में भी पंकज ने भारी भरकम जीत हासिल की थी. 2017 में पंकज ने 1 लाख वोटों से एसपी के सुनील चौधरी को हराया था.
Source : Abhijeet