दुनिया ने भले की विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी सफलताएं अर्जित कर ली हों परंतु आज भी भोजन से संबंधित दो मुद्दे सारी विश्व-व्यवस्था को चुनौती दे रहा है. पहला मुद्दा है, हर व्यक्ति को भरपेट भोजन उपलब्ध कराना और दूसरा सवाल है, उपलब्ध भोजन का सुरक्षित और स्वस्थ होना. लेकिन अफसोस की बात यह है कि दुनिया भर की सारी व्यवस्था इन दोनों सवालों को हल करने नाकाम साबित हुईं हैं. उक्त दोनों सवालों को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की दो संस्थाएं खाद्य एवं कृषि संस्थान (United Nations Food and Agriculture Organization) 16 अक्टूबर को "विश्व खाद्य दिवस" और विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) 7 जून को "विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस" मनाता है.
अगर हम पहले मुद्दे की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 69 करोड़ से अधिक लोग हर दिन भूखे पेट सोते हैं. भारत में खाने के अभाव में हर दिन भूखे पेट सोने वाले लोगों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है. ये स्थिति तब है जब देश में हर साल पैदा होने वाला 40 फीसदी खाद्य पदार्थ रखरखाव या आपूर्ति की अव्यवस्था के कारण खराब हो जाता है.
उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, भारतीय प्रतिदिन 244 करोड़ रुपए का भोजन बर्बाद कर देते हैं जो लगभग 89060 करोड़ रुपए वार्षिक बैठता है. भारत में अनुमानत: प्रतिवर्ष 23 करोड़ टन दालों, 12 करोड़ टन फलों और लगभग 21 करोड़ टन सब्जियों के नुक्सान के अलावा पार्टियों और अन्य सामाजिक आयोजनों में 15-20 प्रतिशत भोजन बर्बाद होता है.
दूसरे मुद्दे यानि खाद्य सुरक्षा की बात करें तो दुनिया भर में खाद्य पदार्थों में मिलावट के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. खाद्य पदार्थों में मिलावट के साथ ही खाने-पीने की चीजों का उत्पादन की प्रक्रिया भी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है.
स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ भोजन करना जरूरी है. स्वस्थ और पौष्टिक भोजन के बिना कोई भी व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ सकता है. इस ग्रह पर हर इंसान को जीवित रहने के लिए पौष्टिक और स्वच्छ भोजन की आवश्यकता होती है. स्वस्थ और अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन क्यों जरूरी है, इस बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है. शुद्ध, पौष्टिक और मिलावट से मुक्त भोजन हर किसी का अधिकार है.सभी मिलकर अपने-अपने स्तर पर खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने का संकल्प लेंगे तभी हम खाद्य सुरक्षा और खाद्यान्न के महत्व को समझेंगे तथा भोजन की बर्बादी को भी रोकेंगे.
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का इतिहास और महत्व
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 2018 में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की स्थापना की. डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने संयुक्त रूप से सदस्य राज्यों और अन्य हितधारकों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की शुरुआत की. विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने और खाद्य जनित बीमारियों को रोकने के लिए खाद्य प्रणालियों को बदलना है. यह दिन यह सुनिश्चित करने के प्रयासों को मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करता है कि हम जो भोजन करते हैं वह सुरक्षित है और विश्व स्तर पर खाद्य जनित बीमारियों के बोझ को कम करता है.
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस-2022 की थीम
हर साल वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम अलग-अलग होती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने इस बार यानी 2022 में इस दिवस की थीम 'सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य' (Safer food, better health) है. इस अवसर हम आपको कुछ ऐसे पैकेज्ड फूड के बारे में बता रहे हैं, जो कैंसर (Cancer) सहित कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकते हैं. हैरानी की बात यह है कि खतरे को जानते हुए बहुत से लोग इनका सेवन करते हैं.
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रतिवर्ष खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, पता लगाने और प्रबंधित करने और मानव स्वास्थ्य में सुधार के लिए चिह्नित किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट कहती है कि विश्व स्तर पर हर साल दस में से एक व्यक्ति खाद्य जनित बीमारियों से प्रभावित होता है. जबकि सुरक्षित भोजन अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है, असुरक्षित भोजन कई बीमारियों का कारण बन सकता है.
खराब खाद्य गुणवत्ता खराब विकास और विकास, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, गैर-संचारी या संचारी रोगों और मानसिक बीमारी जैसी खराब स्वास्थ्य स्थितियों में योगदान करती है. खाद्य जनित रोग आमतौर पर आंखों के लिए अदृश्य होते हैं और संक्रामक या विषाक्त होते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाती है. इसके अतिरिक्त, विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस इस संदेश को प्रसारित करने के लिए मनाया जाता है कि भोजन हर स्तर पर सुरक्षित रहना चाहिए - उत्पादन से लेकर कटाई, प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण, तैयारी और खपत तक.