2022 में दुनिया ओमीक्रोन (Omicron) और इसके कई वैरिएंट्स के हल्के संस्करणों से जूझ रही थी. कोरोना (Corona Epidemic) पूरी तरह से गया नहीं था कि यह साल डेंगू (Dengue), मंकीपॉक्स (Monkeypox) और अचानक कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) जैसी स्वास्थ्य संबंधी भयानक जटिलताओं का भी गवाह बना. इन बीमारियों ने भी कोविड-19 (COVID-19) की तरह कम सुर्खियां नहीं बटोरीं. साल की शुरुआत में कोरोना संक्रमण से थोड़ी राहत के बीच अधिसंख्य लोगों ने सोच लिया था कि कोरोना वायरस अब इतिहास की किताबों का हिस्सा बन चुका है. अब साल खत्म होते-होते ओमीक्रोन के नए सब-वैरिएंट बीएफ.7 से चीन (China) में कोरोना संक्रमण की नई उछाल दुनिया भर की पेशानी पर बल डाल रही है. इस आसन्न खतरे की चुनौती को देख भारत (India) ने स्थापित कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए नई एडवाइजरी जारी की है. ऐसे में कोरोना फैला रहे ओमीक्रोन समेत उन बीमारियों पर भी एक निगाह डाल लेते हैं, जो साल 2022 में डराती रहीं.
ओमीक्रोन
ओमीक्रोन के एक्सबीबी, बीए.2, बीक्यू.1 से लेकर बीएफ.7 सरीखे तमाम वैरिएंट्स और सब-वैरिएंट्स दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामलों को उछाल दे रहे हैं. इनमें से कुछ सब-वैरिएंट्स तो घातक तरीके से कोरोना संक्रमण फैला रहे हैं. हालांकि व्यापक टीकाकरण और प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता की वजह से भारत में कोरोना संक्रमण फिलहाल नियंत्रण में है. मामूली लक्षण और हल्के संक्रमण से देश में खतरे की घंटी नहीं बजी है. यह अलग बात है कि ओमीक्रोन का नया सब-वैरिएंट बीएफ.7 चीन में नए सिरे से कहर बरपा रहा है. इसके संक्रमित भी भारत में पाए जा चुके हैं, भले ही उनकी संख्या अभी अंगुलियों पर गिनी जा सकती है. इनकी वजह से नए साल में कोरोना की नई लहर की आशंका डरा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक चीन में कोरोना संक्रमण की नई लहर के पीछे ओमीक्रोन वायरस बीएफ.5.2.1.7, जिसे बीएफ.7 कहा जा रहा है मुख्य रूप से जिम्मेदार है. यह सब-वैरिएंट अब तक सामने आए सभी वैरिएंट्स में सबसे तैजी से फैलता है और कहीं घातक है. यह ओमीक्रोन का म्यूटेंट वैरिएंट है, जिसकी आरओ वैल्यू 10-18.6 के आसपास आंकी गई है. यानी इससे संक्रमित व्यक्ति 10 से 18.6 लोगों को कोरोना संक्रमण दे सकता है. दूसरे यह महज कुछ घंटों में सामने वाले को संक्रमित करता है. इस कारण इसे आरटी-पीसीआर टेस्ट में भी पकड़ना मुश्किल हो रहा है. यह अधिसंख्य लोगों को अपनी चपेट में नहीं ले इसके लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण वाला पीएम मोदी का मंत्र ही कारगर है.
लक्षण
सामान्य सर्दी, बुखार, थकान, गले में खराश, सिरदर्द और शरीर में दर्द. इसके संक्रमित लोगों में कफ और सांस संबंधी परेशानियां भी देखने में आती हैं. पेट में दर्द और लूज मोशन भी इससे जुड़े लक्षण हैं.
मंकीपॉक्स
कई सालों से इससे जुड़े संक्रमण के मामले सिर्फ अफ्रीका में ही देखने में आ रहे थे. इस साल यह भारत समेत यूरोप, एशिया और दक्षिण अफ्रीका के कई अन्य देशों तक सफर कर पहुंच चुका है. इस साल विश्व स्तर पर मंकीपॉक्स के मामलों को देखा गया. उन जगहों पर भी, जहां कभी पहले इसकी आमद दर्ज नहीं की गई थी. पहले यह केवल पश्चिम और मध्य अफ्रीका में अपना कहर बरपा रहा था, लेकिन इस साल यूरोप, एशिया, दक्षिण अफ्रीका और भारत जैसे देशों में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आए. ऐसे लोगों में भी, जिनका अफ्रीका के किसी भी हिस्से में यात्रा का इतिहास नहीं था और जो इस बीमारी के सीधे संपर्क में भी कभी नहीं आए थे. यह केवल उन लोगों से जुड़ा हुआ था, जिन्होंने मंकीपॉक्स प्रभावित किसी देश की यात्रा की और वायरस के संपर्क में आ गए. यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन यह त्वचा पर एक बड़े चकत्ते या दाने से उसे विकृति देने में सक्षम है. भारत के केरल में मंकीपॉक्स से एक मौत भी दर्ज की गई. यह अपने किस्म का पहला केस था, जिसमें किसी की मौत हुई हो. मंकीपॉक्स का ऐसा प्रभाव अभी तक देखने में नहीं आया. कोरोना के अलावा इस साल 2019 की तर्ज पर कुछ मामले चीन में भी देखने में आए. 2022 में मंकीपॉक्स का प्रभाव दुनिया के कई देशों में देखने में आया.
लक्षण
बुखार, सर्दी लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरर्दद, त्वचा पर चकत्ते और लिम्फ नोड्स में सूजन. मंकीपॉक्स से प्रभावित शख्स की त्वचा पर चकत्ते और फफोले तीन-चार दिन बाद उभरते हैं. यह चेहरे से शुरू होते हैं और फिर हथेलियों और तलवों जैसे शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाते हैं.
डेंगू
अन्य सामान्य संक्रमणों में इस साल डेंगू के मामले भी बढ़ रहे थे. पहले यह केवल कम प्लेटलेट काउंट से जुड़ा हुआ था. हालांकि इस साल डेंगू की वजह से लीवर एंजाइम, हेपेटाइटिस, फेफड़ों और पेट के आसपास द्रव संग्रह में वृद्धि भी देखने में आई. इनकी वजह से सेरोसाइटिस से पीड़ितों को जूझना पड़ा. इस साल वैश्विक स्तर पर संक्रमण के पैटर्न में बदलाव देखा गया. मसलन मंकीपॉक्स के मामले वैश्विक स्तर पर बढ़े. हमारे समुदाय में डेंगू जो एक सामान्य वायरस था एक अलग तरीके से सामने आया.
लक्षण
डेंगू के लक्षणों में अचानक तेज बुखार जो 104-106 डिग्री तक हो सकता है, जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, मतली, आंखों में दर्द शामिल हैं. डेंगू की गंभीर स्थिति में डेंगू शॉक सिंड्रोम जैसी जटिलताएं सामने आती हैं.
अचानक कार्डियक अरेस्ट
गायक केके, राजू श्रीवास्तव जैसे कई लोंगों, जिनमें युवा भी अधिसंख्य रहे साल 2022 में अचानक कार्डियक अरेस्ट का शिकार बने. तनाव से लेकर अत्यधिक एक्सरसाइज इसकी वजह बताया गया. युवाओं को इस तरह अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट की बड़ी वजह लगभग 80 फीसदी मामलों में कोरोनरी आर्टरी डिसीज रही, इसमें दिल को खून की आपूर्ति करने वाली धमनी ब्लॉक हो जाती है. दिल को खून की सप्लाई कर रही धमनी में ऐसी कोई भी रुकावट दिल के दौरे में बदल जाती है. दिल का दौरा पड़ने से दिल की धड़कनें असामान्य तरीके से बढ़ जाती हैं, जिसे चिकित्सा भाषा में एरिथीमिए कहते हैं. यह भी मौत का कारण बनती है. इसके अलावा अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट के लिए कुछ जन्मजात कारण भी जिम्मेदार होते हैं. ऐसे में मामलों में दिल से जुड़ी कोई समस्या पैदा होते वक्त से ही रहती है. मसलन दिल में छेद हो या दिल की मांसपेशियां कमजोर हों. इसके अलावा इस साल युवाओं को आए अचानक कार्डियक अरेस्ट के पीछे एक बड़ी वजह अत्यधिक एक्सरसाइज को भी माना गया. शारीरिक व्यायाम की गतिविधियां बढ़ा देने से भी अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है.
लक्षण
सीने में दर्द या परेशानी होना, असामान्य हृदय गति, सांस लेने में हद से ज्यादा दिक्कत, दिल का कांपना या तेज धड़कना, बेहोशी तारी होना, हल्कापन और असामान्य थकान.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संक्रमण के बीच साल 2022 कई अन्य बीमारियों का भी वायस बना
- अफ्रीका में पाया जा रहा मंकीपॉक्स कई देशों में फैला, भारत में भी आए केस
- सबसे ज्यादा चौंकाया युवाओं को अचानक आए हार्ट अटैक के मामलों ने