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Year Ender 2022: शिंजो आबे की हत्या तो महारानी एलिजाबेथ II की मौत ने गमगीन किया समग्र विश्व को

सितंबर में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत गमगीन करने वाली रही. ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी ने अपने 70 वर्षों के कार्यकाल में सबसे बड़ा काम राजशाही को आधुनिक बनाने का किया.

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Nihar Saxena
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सितंबर में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत से दुनिया भर में छाया गम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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हिंदू दर्शन में कहा जाता है कि मौत जीवन का अंत नहीं, बल्कि अगले जीवन की शुरुआत है. संभवतः इसीलिए कहा जाता है कि आत्मा अजर-अमर है, जो कभी नहीं मरती, बल्कि सिर्फ देह बदलती है. ठीक जैसे कोई व्यक्ति कपड़े बदलता है. दार्शनक अंदाज में कहें तो मौत एक अटल सत्य है. इससे बचा नहीं जा सकता. फिर भी किसी आत्मा के देह त्याग करने से दुःख सिर्फ उसके परिजनों को ही नहीं होता, बल्कि उससे जुड़े आसपास के सभी लोगों को होता है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी मौत समग्र विश्व को गमगीन कर देती है. मसलन ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की सितंबर में मौत का दुःख लगभग पूरी दुनिया ने मनाया. इसके पहले जून में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या से भी दुनिया भर में गम की लहर तैर गई थी. ऐसे में देखते हैं वैश्विक स्तर पर उन चंद शख्सियतों को जिन्हें 2022 में काल के क्रूर हाथों ने हमसे छीन लिया.

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
सितंबर में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत गमगीन करने वाली रही. ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी ने अपने 70 वर्षों के कार्यकाल में सबसे बड़ा काम राजशाही को आधुनिक बनाने का किया. इसके लिए दशकों तक भारी सामाजिक परिवर्तन लाए गए. विवाह और जन्म तो साथ-साथ चलते ही रहे, लेकिन शाही परिवार से जुड़े विवादों ने भी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को काफी आघात पहुंचाया. फिर भी अधिसंख्य ब्रितानियों के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय एकमात्र साम्राज्ञी थीं जिन्हें वे सभी जानते थे. उनकी मृत्यु से दुनिया भर में शोक की लहर दौड़ गई और लगभग प्रत्येक देश का नुमाइंदा उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचा. भारत से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गई थीं. 

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मिखाइल गोर्बाचेव 
मिखाइल गोर्बाचेव को ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका के लिए याद किया जाता है. उन्होंने भाषण तथा प्रेस की स्वतंत्रता और अर्थव्यवस्था के आर्थिक विस्तार में मदद की. ग्लासनोस्त यानी खुलापन और पेरेस्त्रोइका का मतलब होता है पुनर्गठन. हालांकि मिखाइल की इन्हीं नीतियों को सोवियत संघ के विघटन का भी जिम्मेदार माना जाता है. गोर्बाचेव मार्क्सवाद-लेनिनवाद की नीतियों के पैरोकार थे, लेकिन 1990  के दशक में वह सामाजिक लोतकंत्र के रास्ते पर चल निकले. नतीजतन ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका नीतियां सामने आईं. इस कारण भले ही सोवियत संघ टूट गया, लेकिन इसने लंबे समय से अमेरिका संग चले आ रहे शीत युद्ध को भी खत्म कर दिया. हालांकि सोवियत गर्व की अनुभूति करने वाले रूसी नेताओं के लिए गोर्बाचेव कभी आदर्श नहीं रहे. इनमें से रूस के हालिया राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भी शामिल हैं. कहा जाता है कि वे गोर्बाचेव के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हुए.

शिंजो आबे
जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले शिंजो आबे की जुलाई में हत्या कर दी गई, जब वे चुनाव प्रचार अभियान के सिलसिले में एक छोटी सी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. आबे एक रूढ़िवादी और जापान की रक्षा को लेकर बेहद कट्टर विचार रखते थे. उनके कार्यकाल में भी जापानी सेना को मजबूत बनाने की सतत प्रक्रिया शुरू हुई. यही नहीं, उन्होंने जापान को आर्थिक सुधारों के रास्ते पर भी बढ़ाया. उनकी आर्थिक नीतियों को संभवतः इसीलिए 'आबेनॉमिक्स' कहा जाता है. आबे के समर्थक उन्हें एक देशभक्त के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने जापान की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कद को मजबूत करने के लिए काम किया. इसके उलट विरोधियों का तर्क है कि उनकी विरासत ने जापान को अधिक सैन्य खर्च, सुरक्षा और आर्थिक नीतियों की ओर धकेला.

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जियांग जेमिन
चीन के आधुनिक इतिहास में तियानमेन चौक एक ऐसा नरसंहार है, जिसने वैश्विक मंच पर मानवाधिकार हनन के आरोपों में उसे आज तक घेर कर रखा हुआ है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने घरेलू और वैश्विक मंचों पर तेज विरोध को नरम करने के लिए सत्ता जियांग जेमिन को सौंपी थी. जियांग जेमिन करीब एक दशक तक राष्ट्रपति रहे. अपने कार्यकाल के दौरान जियांग जेमिन ने कई अहम फैसले भी लिए, जिनका चीन पर गहरा प्रभाव पड़ा. खासकर चीन के बाजार और आर्थिक नीतियों को खोलने के लिए उन्हें याद रखा जाएगा. जियांग के ही कार्यकाल में ब्रिटेन ने हांगकांग, तो पुर्तगाल ने मकाऊ को चीन को सौंपा. गौरतलब है कि भारत की यात्रा करने वाले जियांग जेमिन पहले चीनी राष्ट्रपति थे. 

अन्य शख्सियतें भी कह गईं अलविदा
इस वर्ष मरने वाली अन्य राजनीतिक हस्तियों में शामिल हैं: पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री मेडेलीन अलब्राइट, जो यह पद संभालने वाली पहली महिला थी. पूर्व उत्तरी आयरलैंड के प्रथम मंत्री डेविड ट्रिम्बल, यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति लियोनिद क्रावचुक, मेक्सिको के पूर्व राष्ट्रपति लुइस एचेवरिया, पेरू के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसिस्को मोरालेस बरमूडेज़, क्यूबा के राजनयिक रिकार्डो अलारकोन, पूर्व अंगोलन राष्ट्रपति जोस एडुआर्डो डॉस सैंटोस. इस वर्ष जिन हस्तियों की मृत्यु हुई उनमें प्रमुख अभिनेता सिडनी पोइटियर थे, जिनकी जनवरी में मृत्यु हो गई. 2022 में मरने वाले कला और मनोरंजन की दुनिया के अन्य लोगों में शामिल हैं: निर्देशक जीन-ल्यूक गोडार्ड; फिल्म निर्माता इवान रीटमैन; अभिनेक्षी पाउला रेगो और कारमेन हेरेरा; फैशन डिजाइनर इस्से मियाके और हाने मोरी. क्रिकेट जगत में फिरकी गेंदबाज शेन वॉर्न की मौत भी स्तब्धकारी रही. 

HIGHLIGHTS

  • ब्रिटेन पर सबसे लंबा शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ का बीमारी से सितंबर में निधन
  • जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे की एक सभा में नृशंस हत्या
  • सोवियत संघ का विघटन और शीत युद्ध खत्म करने वाले मिखाइल गोर्बाचेव की भी निधन
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