अपराध पर पूरी तरह से अंकुश लगाना किसी भी देश की पुलिस के लिए संभव नहीं है. भारत सरीखे विशालकाय देश में तो और भी नहीं. संभवतः इसी वजह से शायद ही कोई दिन जाता हो जब छोटे-मोटे अपराधों और हत्याओं की खबर नहीं आती हो. इसके बावजूद कुछ जघन्य अपराध ऐसे होते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बन जाते हैं. कुछ तो ऐसे होते हैं जो लंबे समय तक लोगों के जेहन में तारी रहते हैं. हर आम-ओ-खास उनके बारे में चर्चा करता मिल जाता है. ये नृशंस हत्याएं लोगों को सड़कों पर उतरने को मजबूर करती हैं, तो त्वरित गति से कानूनी प्रक्रिया का पालन कर दोषी को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए सरकार पर भी भारी दबाव बनाती हैं. साल 2022 भी ऐसी ही कुछ जघन्य हत्याओं के लिए याद रखा जाएगा, जिन्होंने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. एक नजर डालते हैं लोगों की रीढ़ की हड्डियों में सिहरन भर देने वाली ऐसी ही तीन हत्याओं पर.
सिद्धू मूसे वाला को गोलियों से भूना गया
सिद्धू मूसे वाला के नाम से लोकप्रिय भारतीय रैपर शुभदीप सिंह सिद्धू को मनसा जिले के जवाहरके गांव में 29 मई को कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के शूटरों ने गोलियों से भून दिया था. इस हत्याकांड पर लोगों में बहुत तेज प्रतिक्रिया देखने को मिली. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझ उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी. मामले की जांच कर रही पुलिस ने एक असत्यापित फेसबुक पोस्ट के आधार पर कहा कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह मूसे वाला की हत्या के पीछे हैं. हालांकि बाद में लॉरेंस बिश्नोई ने इस फेसबुक पोस्ट से ही इंकार कर दिया. इस खंडन के बावजूद पुलिस मूसे वाला की हत्या में लॉरेंस को ही मास्टरमाइंड मान कर अभी भी चल रही है. पुलिस के मुताबिक 29 मई की शाम साढ़े चार बजे सिद्धू अपने चचेरे भाई गुरप्रीत सिंह और पड़ोसी गुरविंदर सिंह के साथ घर से निकला था. आमतौर पर बुलेट प्रूफ गाड़ी में चलने वाला सिद्धू उस दिन एक काली एसयूवी से बरनाला में रहने वाली अपनी मौसी के घर जा रहा था. शाम करीब 5:30 बजे जब एसयूवी जवाहरके पहुंची, तो दो अन्य कारों ने उसका रास्ता रोक लिया. फिर सिद्धू की कार पर कम से कम तीस राउंड फायर किए गए. गोलीबारी के बाद हमलावर घटना स्थल से फरार हो गए. खबर मिलने पर उसके पिता मूसे वाला को मनसा सिविल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मनसा पुलिस ने मूसे वाला के हत्यारों पर आईपीसी, आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं के साथ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया. मूसे वाला की हत्या में पुलिस अब तक कम से कम 31 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
श्रद्धा वालकर की हत्या कर बॉडी के 35 टुकड़े किए गए
18 मई 2022 को महाराष्ट्र के वसई की रहने वाली 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर की उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने छतरपुर के अपने ही घर में गला दबाकर हत्या कर दी. यह हालांकि कई महीने बाद पता चला जब उसके मित्रों और परिजनों की ओर से गुमशुदगी की रिपोर्ट पर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर श्रद्धा की क्रूर हत्या के मामले के खुलासा का दावा किया. दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने उसके 35 टुकड़े किए. शरीर के इन हिस्सों को सड़ने से बचाने के लिए 300 लीटर का रेफ्रिजरेटर और कई तरह का केमिकल खरीदा. फ्रिज में उन टुकड़ों को रखा और बाद में आफताब ने उसके शरीर के अंगों को कई दिनों तक दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में ठिकाने लगाया. गौरतलब है कि नवंबर में श्रद्धा के पिता अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत लेकर वसई की मानिकपुर पुलिस के पास पहुंचे थे. चूंकि श्रद्धा दिल्ली में आफताब के साथ लिव-इन में रह रही थी, तो मानिकपुर पुलिस ने दिल्ली पुलिस को सूचित किया. दिल्ली पुलिस ने शिकायत दर्ज कर आफताब को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. पूछताछ में लगातार बयान बदलने से संदेह होने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. बाद में पूछताछ और फिर उसकी निशानदेही पर मामले की जांच कर रही पुलिस टीमों ने छतरपुर व आसपास के जंगल से हड्डी के 13 टुकड़े बरामद किए. जिस किराए के घर में आफताब श्रद्धा के साथ रह रहा था, उसके बाथरूम और किचन से भी खून के नमूने बरामद किए गए. आफताब फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और जेल में बंद है. उसे वीडियो के जरिये अदालती कार्यवाही के लिए पेश किया जा रहा है, क्योंकि कुछ लोगों ने एक सुनवाई के दौरान उसकी हत्या कर श्रद्धा जैसे टुकड़े करने की कोशिश की थी. इस मामले ने देश भर को झकझोर कर रख दिया है. लोग सड़कों पर कैंडिल मार्च निकाल चुके हैं और जल्द न्याय के लिए पुलिस पर भारी दबाव बनाए हुए हैं. बड़ी बात यह है कि आफताब ने श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को ठिकाने लगाने की प्रेरणा के लिए कई सीरीज देखी और इंटरनेट भी खंगाला.
अंकिता भंडारी मर्डर केस
18 सितंबर को उत्तराखंड की 19 वर्षीय रिसॉर्ट रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी को एक विवाद के बाद नहर में धकेल दिया गया था. पुलिस जांच में उसकी हत्या में रिसॉर्ट के मालिक सहित तीन आरोपियों के शामिल होने का खुलासा हुआ. बाद में पूर्व भाजपा नेता और राज्य मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, रिसॉर्ट प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जांच के बाद पुष्टि की कि उन्हें सबूत मिले हैं कि तीनों आरोपी अंकिता पर मेहमानों को 'विशेष सेवाएं' देने के लिए दबाव डाल रहे थे. उसके लगातार इंकार करने पर उसे मार दिया गया. गौरतलब है कि रिसॉर्ट से लापता होने के छह दिन बाद 24 सितंबर को अंकिता का शव एक नहर से बरामद किया गया था. इस मामले में रिसॉर्ट ढहा दिया और फिलहाल पुलिस अदालती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रही है. अंकिता ने रिसॉर्ट मालिक और प्रबंधक से मिल रही प्रताड़ना और उत्पीड़न के बारे में अपने कुछ दोस्तों से चर्चा की थी. इसके कुछ व्हॉट्सएप मैसेज भी पुलिस को मिले हैं.
HIGHLIGHTS
- मई में रैपर सिद्धू मूसे वाला पर बरसाई गईं 30 राउंड गोलियां
- आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर शरीर के 35 टुकड़ों में काटा
- विशेष सेवाएं न देने पर उत्तराखंड की अंकिता को मार डाला गया