क्रिकेट (Cricket) एक ऐसा खेल है जो हजारों भावनाओं के ज्वार को उठाता है. हर साल एक टीम या खिलाड़ी अपने प्रशंसक के लिए कुछ यादगार जीत और कुछ यादगार हार का गवाह बनता है. एक तरफ किसी टीम या खिलाड़ी का पलड़ा भारी होता है, वहीं दूसरी तरफ कोई अर्श से फर्श पर आ गिरता है. इन्हीं उतार-चढ़ाव की वजह से क्रिकेट संभवतः दुनिया भर में लोकप्रिय है, लेकिन जब भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) का जिक्र आता है, तो कुछ अलग बात होती है. इस लिहाज से देखें तो विदाई के मुहाने पर खड़ा 2022 भी तमाम अच्छे-बुरे पहलुओं के लिए क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में हमेशा तारी रहेगा. एक नजर डालते हैं भारतीय क्रिकेट से जुड़ी इस साल की कुछ खास बातों पर.
इस साल की बड़ी सफलता अंडर-19 वर्ल्ड कप
विश्व कप के दौरान कप्तान यश ढुल और उप-कप्तान शेख रशीद समेत छह खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद स्क्वॉड में महज 11 खिलाड़ी रह गए थे. स्थिति यह आ गई थी कि कोचिंग स्टाफ को ब्रेक के दौरान ड्रिंक्स देने मैदान में आना पड़ा. यह अलग बात है कि अंडर-19 टीम ने इसके बावजूद एक भी मैच गंवाए बगैर विश्व कप जीत लिया. आंकड़ों में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप के अब तक के छह संस्करणों में से तीन जीते हैं. इस दौरान टीम ने 32 मैच जीते हैं और चार हारे हैं.
साल का टीसता जख्म बना टी-20 वर्ल्ड कप
2021 के टी-20 विश्व कप की हार के बाद से भारत ने पावरप्ले के दौरान आक्रामक खेल दिखाना शुरू किया. साथ ही 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप पर नजर रखते हुए प्रमुख क्रिकेटरों को मौका दिया, तो किन्हीं को आराम दिया. टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ चमत्कारिक जीत दर्ज की और बांग्लादेश से एक करीबी मैच जीता. फिर दक्षिण अफ्रीका से हार गए और सेमीफाइनल में तो इंग्लैंड ने धो डाला. इंग्लैंड ने सेमी फाइनल में 10 विकेट से जीत दर्ज कर टीम इंडिया के खाते में एक शर्मनाक हार डाल दी. इस शर्मनाक हार के बाद बगैर कोई आधिकारिक कारण बताए चयनकर्ताओं के पैनल को बर्खास्त कर दिया गया.
कॉमनवेल्थ गेम टूर्नामेंट ने दिल तोड़ा
2020 टी-20 विश्व कप के उलट इस वैश्विक टूर्नामेंट में भारत जीत के करीब था. बर्मिंघम में एक समय भारत को 27 गेंदों में 41 रन की जरूरत थी और सात विकेट हाथ में थे, लेकिन सब खेत रहे. तीन रन आउट हुए और भारत नौ रनों से मैच हार गया. टूर्नामेंट टीम से ऋचा घोष को बाहर रखना इस साल भारतीय क्रिकेट के लिए 'क्या होता यदि' पहेली बन कर उभरा.
हार न मानने वाली दीप्ति शर्मा
श्रृंखला पहले ही जीत ली गई थी. यह मैच महज औपचारिकता भर था और महिला भारतीय टीम 169 रन पर आउट हो गई थी. भारत ने इंग्लैंड को 118-9 पर ला पटका था. चार्ली डीन और फ्रेया डेविस ने 35 रन बनाए. इसके बाद शर्मा ने डीन को नॉन-स्ट्राइकर एंड पर रन आउट कर भारत को मैच जिता दिया.
साल का यादगार पल बना विराट का छक्का
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में टी-20 विश्व कप के दौरान भारत-पाकिस्तान मैच में हैरिस रऊफ की गेंद पर विराट का छक्का. मौके के अनुसार यह न केवल योग्य शॉट था, बल्कि इसे अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ स्ट्रोक माना गया. विराट कोहली के मारने के बावजूद यह अविश्वसनीय शॉट के रूप में क्रिकेट प्रेमियों को यादगार रहेगा. इसके साथ ही इसी साल विराट कोहली के खामोश बल्ले ने भी मुंह खोला और बहुप्रतीक्षित सैकड़ा जमाया. अगस्त-सितंबर में एशिया कप 2022 में कोहली ने एक लंबे ब्रेक के बाद एक उल्लेखनीय वापसी की. टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में वे अपने प्रशंसकों को तोहफा देने में सफल रहे. साथ ही अफगानिस्तान के खिलाफ अपने बहुप्रतीक्षित 71वां अंतरराष्ट्रीय शतक भी जड़ा.
लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज अंजलि सरवानी का प्रादुर्भाव
अंजलि सरवानी से पहले भारत की तरफ से कोई भी बाएं हाथ की तेज गेंदबाज ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेली थी. उसने श्रृंखला में गहरा प्रभाव छोड़ा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू करने के बावजूद सरवानी ने पारी के विभिन्न चरणों में अच्छी गेंदबाजी की. उस ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो क्रिकेट इतिहास में मजबूत टीम बतौर आंकी जाती है.
साल की विदाई मिताली राज और झूलन गोस्वामी
मिताली राज ने अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में 7,805 रन बनाए. एक भारतीय के लिए अगला सर्वश्रेष्ठ 3,322 रन है, जबकि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ 5,992 है. गोस्वामी के लिए 255, 141 और 191 रनों का वह अंबार है, जिसके मुकाबले दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता. मिताली और झूलन के इस रिकॉर्ड की बराबरी करने लायक फिलहाल तो कोई नहीं दिखता. यह भी एक चमत्कार लगता है कि दोनों दो दशकों तक एक ही टीम के लिए खेले. अगली पीढ़ी की प्रेरणा बने. उस पीढ़ी की जिसमें से कई इस सफर के दौरान टीम में उनके साथी भी बन गए.
साल का 'वर्ल्ड रिकॉर्ड' बनाया जसप्रीत बुमराह ने
2003-04 में ब्रायन लारा ने रॉबिन पीटरसन के एक ओवर में 28 रन जड़े थे. फिर जॉर्ज बेली ने जेम्स एंडरसन की गेंद पर इसकी बराबरी की थी. केशव महाराज ने जो रूट के ओवर में भी यही कारनामा दिखाया था, हालांकि इसमें चार बाई शामिल थे. फिर भी टेस्ट क्रिकेट में एक ओवर में सबसे ज्यादा रन 28 ही बने. इस साल बर्मिंघम के एजबेस्टन में बुमराह 10वें नंबर पर खेलने उतरे. मैच का 84वां ओवर स्टुअर्ट ब्रॉड फेंक रहे थे. ओवर की पहली गेंद पर चौका, पांच वाइड, नो-बॉल पर एक छक्का, चौका, चौका, चौका, छक्का, सिंगल के बाद एक ओवर में 35 रन आए. एक तरह से नया विश्व रिकॉर्ड. अगर सिर्फ बल्ले से निकले रनों को जोड़ा जाए, तो बुमराह ने 29 रन ठोंके. यह भी बीते समय के एक ओवर में 28 रनों से ज्यादा ही बैठता है.
सेंचुरी हिटर्स टी-20 साल का घोटाला
चेन्नई फाइटर्स, गांधीनगर चैलेंजर्स, महाराष्ट्र रेंजर्स, हरियाणा वॉरियर्स और पालनपुर स्पोर्ट्स किंग्स जैसी टीमों ने गुजरात के मोलीपुर में एक क्रिकेट टूर्नामेंट खेला. यह एक आम टूर्नामेंट हो सकता था, लेकिन यहां एक खेल हो गया. इस टूर्नामेंट में मैदान पर उतरे क्रिकेटर्स 400 रुपए दिहाड़ी पर लाए गए अभिनेता थे. मैच अंपायरों के मुताबिक टूर्नामेंट के आयोजनकर्ताओं के निर्देश पर इन अभिनेताओं को क्रिकेटर्स का स्वांग धरने के लिए किराए पर लाया गया था. इस टूर्नामेंट को यू-ट्यूब पर हाई-डेफिनिशन कैमरों, भीड़ के शोर और कमेंटेटर के रूप में हर्षा भोगले के मिलती-जुलती शक्ल के साथ दिखाया गया था. पता चला कि इस फर्जी टूर्नामेंट का उद्देश्य टेलीग्राम के माध्यम से रूसी सट्टेबाजों के साथ घोटाला करना था. जाहिर है पोल खुलते ही आयोजकों को गिरफ्तार कर लिया गया.
HIGHLIGHTS
- कोविड ग्रस्त अंडर-19 टीम बनी विश्व विजेता
- लंबे ब्रेक बाद कोहली का बहुप्रतीक्षित 71वां शतक
- गुजरात में सामने आया टी-20 घोटाला सेंचुरी हिटर्स