पेरिस में चल रहे पैरा ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन शानदार है. एक ही दिन में भारत ने चार मेडल जीतकर परचम लहराया है. अवनि लेखरा, मोना के बाद मनीष नरवाल ने मेडल जीता है. इसमें अवनि लखेरा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. खास बात यह है कि अवनि और मोना दोनों राजस्थान की रहने वाली हैं. दोनों ने प्रदेश मेडल जीतकर पैरा ओलंपिक में अपना लोहा मनवाया है. बेटी की जीत पर पिता ने खुशी जताई है. वहीं, कोच ने भी प्रसन्नता जाहिर की है. पिता ने कहा कि रामचरितमानस की एक चौपाई जीत का मंत्र बन गई है.
रामचरितमानस की एक चौपाई बनी जीत का मंत्र
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा। पिता की बतायी इस चौपाई ने अवनि के हौसले को बढ़ाया और गोल्ड पर सीधे निशाना साधा. गर्व की अनुभूति कराने वाली यह खबर पैरालंपिक से मिली है. जीत की खबर मिलने के बाद पूरा परिवार जश्न मना रहा है. अवनि और मोना की जीत ने पूरे प्रदेश के साथ-साथ देश का मान भी बढ़ाया है. बेटियों की जीत से राजस्थान समेत पूरा भारत गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
अवनि ने जीता गोल्ड तो मोना ने जीता ब्रॉन्ज
राजस्थान की राजधानी जयपुर की रहने वाली अवनि और मोना अग्रवाल ने आर-2 महिला 10 एम एयर राइफल एसएच-1 में गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. अवनि लेखरा ने फाइनल राउंड में दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि मोना अग्रवाल तीसरे नंबर पर रहीं. इससे पहले क्वालिफिकेशन राउंड में अवनि 625.8 पॉइंट के साथ दूसरे नंबर पर रही थीं. वहीं मोना अग्रवाल 623.1 पॉइंट के साथ पांचवें स्थान पर रही थीं. अवनी लेखरा पहले भी वर्ष 2020 पैरालिंपिक में गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर चुकी है.
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पहली बार मोना अग्रवाल पैरालिंपिक में लीं हिस्सा
वहीं, मोना अग्रवाल पहली बार पैरालिंपिक में हिस्सा ले रही हैं. मोना अग्रवाल जयपुर के झोटवाड़ा की रहने वाली है.अवनि लेखरा ने टोक्यो में खेले गए पैरालिंपिक गेम्स 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था और 50 मीटर राइफल में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. वे पैरालिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली पैरा एथलीट बनी थीं.