भारत ने एक बेहद ही रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश को आखिरी गेंद पर 3 विकेट से हराकर एशिया कप-2018 का खिताब अपने नाम कर लिया. भारत को एशिया कप टूर्नामेंट के दौरान अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसी कमजोर मानी जाने वाली टीमों से भी कड़ी टक्कर मिली. फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश के गेंदबाजों पर ऐसा दबाव बनाया कि भारतीय टीम एक बार हारते दिख रही थी. पूरे टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन औसत रहा लेकिन कुछ बल्लेबाजों और गेंदबाजों के दम पर टीम ने 7वीं बार एशिया कप अपने नाम कर लिया.
भारत ने इससे पहले 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010 और 2016 में एशिया कप का खिताब जीता था. इस बार रोहित शर्मा की कप्तानी में इस टूर्नामेंट को जीता तो इसमें सलामी बल्लेबाजों और गेंदबाजों की अहम भूमिका दिखी.
एशिया कप का खिताब दिलवाने वाले भारतीय टीम के हीरो
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का बल्ला लगभग सभी मैचों में चला जिसके कारण वे मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुने गए. टूर्नामेंट के 5 मैचों में दो शतक लगाने वाले धवन ने 68 की औसत से कुल 342 रन बनाए. सभी मैचों में वे कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में सफल रहे. धवन ने हांगकांग के खिलाफ पहले मैच में 127 और पाकिस्तान के खिलाफ 114 रनों की पारी खेली थी.
इसके अलावा रोहित शर्मा का बल्ला भी पूरा टूर्नामेंट में विपक्षी बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बना रहा. रोहित ने 5 मैचों में 105 के ज्यादा के औसत से टूर्नामेंट में 317 रन बनाए जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 111 रनों की शानदार पारी भी शामिल है. रोहित ने एक शतक के अलावा दो अर्द्धशतक (83 और 52) भी लगाए. फाइनल में रोहित शर्मा ने बांग्लादेश के खिलाफ भी 48 रनों की पारी खेली थी.
शिखर धवन और रोहित शर्मा के अलावा कोई भी बल्लेबाज अपने प्रदर्शन से छाप नहीं छोड़ पाए. एम एस धोनी से उम्मीद लगाए प्रशंसकों को काफी निराशा हुई.
एशिया कप 2018 में भारतीय गेंदबाजों ने काफी शानदार खेल दिखाया. भारत के दोनों तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने शुरुआती ओवरों में विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान रखा और टीम को सफलता दिलाई.
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भुवनेश्वर कुमार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ अपनी गेंदबाजी से परेशान करके रखा. पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में उन्होंने 15 रन देकर 3 विकेट लिए थे वहीं बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में 32 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे.
वहीं जसप्रीत बुमराह ने चार मैचों में 8 विकेट हासिल किए. अपनी यॉर्कर गेंदबाजी से पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाजों को खूब छकाया. उन्होंने डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी की.
भारत के लिए कुलदीप यादव को टीम में शामिल करना शानदार रहा. बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच को छोड़कर उन्होंने हर मैच में विकेट निकाले. 6 मैचों में उन्होंने भारत की तरफ से टूर्नामेंट में सर्वाधिक 10 विकेट लिए. बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उनका सबसे बेहतरीन 45/3 रहा.
Source : News Nation Bureau