Team India Weakness In Asia Cup 2023 : BCCI ने सोमवार को एशिया कप 2023 के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान कर दिया. चीफ सिलेक्टर अजीत अगर की अगुवाई वाली सिलेक्शन कमिटी ने 17 सदस्यीय स्क्वाड चुनी है, जिसमें तिलक वर्मा जैसे युवा खिलाड़ी को मौका मिला है. वहीं, कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जिन्हें ना देखकर सभी हैरान रह गए. लेकिन, अगर इस टीम का आकलन करें, तो कुछ ऐसी बातें निकलकर सामने आ रही हैं, जिन्हें देखकर आपको भी लगेगा की भारतीय टीम के लिए एशिया कप 2023 में खिताबी जीत दर्ज करना आसान नहीं होने वाला है...
बॉलिंग यूनिट है कमजोर
अगर आप एशिया कप 2023 के लिए चुनी गई भारतीय टीम पर गौर करें, तो इस टीम में बल्लेबाजों की भरमार दिख रही है. जब कप्तान रोहित शर्मा प्लेइंग इलेवन चुनेंगे, तो उनके पास 9 नंबर तक की बैटिंग रह सकती है. जबकि गेंदबाजी यूनिट वीक है. टीम में कहने को तो जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज मौजूद हैं. लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि, बुमराह ने जुलाई 2022 में आखिरी वनडे खेला था.
भारतीय टीम को अपने सारे मुकाबले श्रीलंका में खेलने हैं, जहां स्पिन फ्रेंडली पिचें होंगी. तब भी टीम में रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के रूप में 3 ही स्पिनर्स हैं, लेकन इसमें टीम एक भी ऑफ स्पिनर नहीं है.
ये भी पढ़ें : ASIA CUP 2023 : युजवेंद्र चहल को क्यों नहीं मिला मौका? खुद चीफ सिलेक्टर ने बताई बड़ी वजह
चहल का ना होना खलेगा
उस वक्त सभी हैरान रह गए, जब एशिया कप की टीम में युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) का नाम नजर नहीं आया. चहल लिमिटेड ओवर क्रिकेट में भारत के लिए हमेशा प्रदर्शन करते हैं. मगर, सिलेक्टर्स ने कुलदीप यादव को प्राथमिकता देते हुए स्क्वाड में शामिल किया. युजवेंद्र चहल ने भारत के लिए 80 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें 25.09 के औसत से 96 विकटे निकाले हैं. उनकी गेंदबाजी श्रीलंका की फ्लैट पिचों पर युजी मैच विनर साबित हो सकते थे. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा की कैप्टन रोहित शर्मा को Asia Cup 2023 में चहल की कमी खल सकती है.
बल्लेबाजी को ही दी प्राथमिकता
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि अगर टीम इंडिया को एशिया कप 2023 में खिताबी जीत दर्ज करनी है, तो बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करना होगा. मगर, इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता है कि गेंदबाज टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन, सिलेक्टर्स ने उन गेंदबाजों को प्राथमिकता दी, जो बल्ले से भी रन बनाने में समर्थ हैं और उन गेंदबाजों को नजरअंदाज कर दिया, जो गेंद से तो पक्के हैं, लेकिन बैट से ज्यादा रन नहीं बना पाते.
Source : Sports Desk