इंडोनेशिया के जकार्ता में जारी 18वें एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों का देश में भव्य स्वागत किया जा रहा है। शुक्रवार को जकार्ता से वापस लौटने के बाद एयरपोर्ट पर ही खिलाड़यों ने अपनी खुशियां जाहिर की। 100 और 200 मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला एथलीट दुती चंद का उड़ीसा के बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। वापस लौटने के बाद दुती चंद ने कहा कि मैं काफी खुश हूं। मैं सभी को समर्थन और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद करती हूं।
दुती ने 200 मीटर के फाइनल में 23.20 सेकेंड और 100 मीटर के फाइनल में 11.32 सेकेंड के समय लेकर रजत पदक अपने नाम किया था। 22 वर्षीय दुती पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं जिन्होंने बीते 32 वर्षो में पहली बार एशियाई खेलों के 100 और 200 मीटर रेस में पदक जीता है। इससे पहले उड़नपरी पीटी ऊषा ने 1986 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
वापस आने पर एक सम्मान समारोह में दुती को सम्मानित किया गया। दुती ने कहा, 'मैंने सोचा नहीं था कि मैं दो-दो पदक जीतूंगी, लेकिन मैंने मेहनत की और मुझे इसका फल मिला। 100 मीटर में पदक जीतना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये मेरी पसंदीदा स्पर्धा है। आप लोगों को पता है कि 100 मीटर में मैं केवल 0.02 सेकंड के समय के अंतर से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई।'
दुती की इस शानदारी कामयाबी पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें तीन करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा टोक्यो ओलम्पिक-2020 की तैयारी तक दुती के ट्रेनिंग का सारा खर्च सरकार द्वारा उठाने की घोषणा भी की है।
वहीं कुराश में रजत पदक जीतने वाली पिंकी बालहारा का दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। पिंकी बलहारा ने कहा कि मैं अपना मेडल अपने पिता, कोच और देशवासियों को समर्पित करती हूं। मैं समर्थन और आशीर्वाद के लिए सबका धन्यवाद करती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि अगली बार यह रजत पदक गोल्ड में बदल जाएगी।
पिंकी बलहारा ने महिलाओं के 52 किग्रा भार वर्ग स्पर्धा में रजत पदक जीता और इस खेल में भारत की ओर से मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी भी बनी। फाइनल मुकाबले में पिंकी को उज्बेकिस्तान की गुलनोर सुलायमानोवा से हार का सामना करना पड़ा था।
एशियाई खेल में पुरुषों की ट्रिपल जंप स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीतने वाले अरपिंदर सिंह का दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। भारत पहुंचने के बाद अरपिंदर ने कहा, 'मैं इस स्वागत से अभिभूत हूं। मैं इस समर्थन के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण का धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे गोल्ड जीतने पर पूरा भरोसा था।'
अरपिंदर ने 29 अगस्त को हुए फाइनल में 16.77 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ सोने का तमगा हासिल किया था। वह फाइनल में अच्छी शुरुआत नहीं कर पाए थे और पहले प्रयास में फाउल कर बैठे थे। लेकिन दूसरी बार में उन्होंने 16.58 मीटर की छलांग लगाई। तीसरे प्रयास में अर्पिदर ने दमदार प्रदर्शन किया और 16.77 मीटर की दूरी तय की।
इस प्रयास के बाद हालांकि दो प्रयास बचे हुए थे लेकिन बाकी प्रतिस्पर्धियों की छलांग से लग गया था कि अर्पिदर स्वर्ण अपने नाम कर लेंगे। अगले प्रयास में उन्होंने 16.08 मीटर की छलांग लगाई। चौथे एवं पांचवें प्रयास में फाउल कर बैठे लेकिन कोई भी खिलाड़ी उनकी 16.77 मीटर की छलांग से आगे नहीं निकल पाया।
Source : News Nation Bureau