14 अगस्त का दिन वैसे तो अपने आप में ऐतिहासिक है, जब भारत को आजादी मिली, इसके अगले ही दिन 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. लेकिन एक और मायने में यह दिन खास है. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के लिए यह दिन बेहद खास है. आज के ही दिन साल 1990 में सचिन तेंदुलकर ने पहला टेस्ट शतक जड़ा था. उस वक्त सचिन तेंदुलकर की उम्र महज 17 साल की की थी. सचिन की इंग्लैंड की धरती पर खेली गई इस पारी को आज भी क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में गिना जाता है. उस मैच में भारत हार की कगार पर था, लेकिन सचिन ने ऐसी पारी खेली कि भारत हार बचाने में कामयाब हो गया.
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साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने क्रिकेट जीवन की शुरुआत करने वाले सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ शतक लगातार हार को बचाने हुए मैच ड्रा कराया था. 14 अगस्त 1990 को सचिन तेंदुलकर ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर पहला शतक ठोका था. इस मैच में अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे. इससे पहले एक टेस्ट मैच भारतीय टीम हार चुकी थी. उस मुकाबले में इंग्लैंड के कप्तान ग्राहम गूच ने शानदार तिहरा शतक जड़ते हुए कुल 333 रनों की पारी खेली थी.
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इस ऐतिहासिक दिन को आईसीसी ने भी याद किया है. अपने ट्वीटर एकाउंट से उस दिन के मैच को ड्रा पर खत्म करने के बाद वापस आ रहे सचिन तेंदुलकर की फोटो शेयर की गई है और एक मैसेज भी लिखा है. मैसेज में लिखा गया है (#OnThisDay in 1990, Sachin Tendulkar made the first of his hundred international hundreds. His unbeaten final-day 119 helped India save the second Test against England at Old Trafford, and made him Test cricket's third youngest centurion)
#OnThisDay in 1990, Sachin Tendulkar made the first of his hundred international hundreds.
His unbeaten final-day 119 helped India save the second Test against England at Old Trafford, and made him Test cricket's third youngest centurion 👏 pic.twitter.com/0pYtPMVQju
— ICC (@ICC) August 14, 2019
मैच की पहली पारी में इंग्लैंड ने 519 रन बनाए थे, जिसमें माइक अथर्टन ने 131, ग्राहम गूच ने 116 और रॉबिन स्मिथ ने 121 रनों की पारियां शामिल थीं. भारतीय टीम की ओर से स्पिनर नरेंद्र हिरवानी ने सबसे अधिक चार और अनिल कुंबले ने तीन विकेट झटके थे. भारत की पूरी टीम पहली पारी में 432 रन बनाकर आउट हो गई थी. पहली पारी में भारतीय कप्तान मो अजहरुद्दीन ने 179, संजय मांजरेकर ने 93 और सचिन तेंदुलकर ने 68 रनों की पारी खेली थी. इंग्लैंड की ओर से एंगस फ्रेसर ने सबसे ज्यादा पांच भारतीय खिलाड़ियों को आउट किया था. पहली पारी में इंग्लैंड ने भारत पर 89 रनों की बढ़त ले ली थी. दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरी इंग्लैंड ने चार विकेट के नुकसान पर 320 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी. भारत को 408 रन बनाकर मैच जीतने का लक्ष्य दिया गया. इस मैच में एक ऐसा वक्त आया जब भारत ने महज 127 रन पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे.
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भारत की हालत पतली थी और लग रहा था कि भारत यह मैच हार जाएगा. उस वक्त 17 साल का एक युवा खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आया. सचिन ने ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए नाबाद 216 रनों की साझेदारी की. सचिन ने उस मैच में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जमाया. उन्होंने 119 रन की पारी खेली और अंत तक आउट नहीं हुए. सचिन का साथ देते हुए मनोज प्रभाकर भी 67 रन पर नाबाद लौटे. इस तरह से सचिन और मनोज प्रभाकर ने भारत की हार टालने में खासी महत्पूर्ण भूमिका निभाई. 14 अगस्त 1990 का पहला शतक लगाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों पर जाकर रुका. क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में 51 और एक दिवसीय मैचों में कुल 49 शतक लगाए. जो आज भी अपने आप में एक रिकार्ड है. आज की बात करें तो अब क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों में उनके सबसे नजदीक भारतीय कप्तान विराट कोहली है. बाकी जो बल्लेबाज उनके आसपास हैं, वे क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो