आज 15 अगस्त को पूरा देश स्वतंत्रा का पर्व मना रहा है, आज देश को आजाद हुए 72 साल पूरे हो गए. पूरे देश के लोग एक दूसरे को आजादी की बधाई दे रहे हैं. इस अवसर पर भारतीय क्रिकेट टीम ने देश को एक बड़ा तोहफा दिया है. टीम इंडिया ने अब आज वो कर दिखाया जो आज तक कभी नहीं हुआ. आजादी की वर्षगांठ पर टीम ने जीत दर्ज की है. स्वतंत्रता के बाद से अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि भारत ने 15 अगस्त के दिन क्रिकेट में जीत दर्ज की हो, भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीसरा और अंतिम एक दिवसीय मैच शुरू तो आजादी की सालगिरह की पूर्वसंध्या पर 14 अगस्त को हुआ, लेकिन खत्म 15 अगस्त को सुबह हुआ.
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भारत ने अब तक 15 अगस्त के दिन कोई जीत दर्ज नहीं की थी. 15 अगस्त के आसपास जो भी मैच खेले वह या तो भारतीय टीम हार गई या फिर ड्रा हो गए. खास बात यह भी है इस मैच को जीतकर भारत ने न सिर्फ मैच जीता है, बल्कि सीरीज 2-0 से जीतकर खुशी दोहरी कर दी. यह मैच और सीरीज अब इतिहास में दर्ज हो गई है. इसके साथ ही भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस ही बधाई भी दी है. इसका एक वीडियो जारी किया गया है. आइए हम आपको बताते हैं कि अब तक 15 अगस्त के आसपास जो भी मैच खेले गए, उनका नतीजा कैसा रहा.
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(15-18 अगस्त, 1936) भारत बनाम इंग्लैंड, ओवल
भारत आजाद नहीं हुआ था, लेकिन क्रिकेट खेलने लगा था. तब ज्यादातर बड़े लोग और राजा महाराज क्रिकेट खेला करते थे, क्रिकेट पर भी अंग्रेजों का ही आधिपत्य हुआ करता था. भारत की टीम उस वक्त सर विजय आनंद गजपति राजू की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई थी. लॉर्ड्स में खेला गया पहला मैच भारत हार गया था. इसके बाद दूसरा टेस्ट मैनचेस्टर में खेला गया था, जिसे भारत ड्रा कराने में कामयाब हो गया था. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया और पहले ही दिन आठ विकेट के नुकसान पर 471 रन बना लिए. दूसरा दिन आराम का था, तीसरे दिन जब खेल शुरू हुआ तो भारतीय टीम महज 222 बनाकर आउट हो गई. भारत को फॉलोआन का सामना करना पड़ा और दोबारा बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरी. सीके नायुडू के 81 रनों की बदौलत इस बार भारत ने 313 रन का स्कोर खड़ा किया. इंग्लैंड को दूसरी पारी में 64 रनों का लक्ष्य मिला. जो बहुत आसान था. इंग्लैंड ने एक विकेट खोकर 18 अगस्त को ये लक्ष्य हासिल कर लिया. इस तरह से भारत को नौ विकेट से हार का सामना करना पड़ा.
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(14-19 अगस्त, 1952) भारत बनाम इंग्लैंड, ओवल
15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया. इसके बाद देश में बहुत कुछ बदलाव हुआ, इसका असर क्रिकेट पर भी पड़ा. भारत अब अच्छा प्रदर्शन कर रहा था. आजादी के इस पर्व के आसपास भारत उसी देश के दौरे पर था, जिससे उसे आजादी मिली थी. सीरीज के तहत खेला गया पहला मैच भारत 7 विकेट से हार गया था. इस मैच में विजय मांजरेकर ने शतक भी लगाया था. लॉर्ड्स में सीरीज का दूसरा मैच खेला गया. इसमें वीनू मांकड ने पहली पारी में 72 और दूसरी पारी में शानदार 184 रनों की शतकीय पारी खेली. बावजूद इसके भारत को आठ विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद तीसरा टेस्ट मैच भी भारत हार गया. सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 14 से 19 अगस्त तक खेला गया. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया. लेन हटन और डेविड शेपार्ड की पारी से इंग्लैंड ने पहले दिन दो विकेट के नुकसान पर 264 रन बनाए. दूसरे दिन 15 अगस्त को इंग्लैंड ने छह विकेट के नुकसान पर 326 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. इसके बाद भारत की पारी की शुरुआत हुई. भारत का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा, इसमें भारत ने 49 रन पर ही अपने पांच महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए. इसके बाद बारिश शुरू हो गई. बारिश रुकने के बाद जब मैच फिर शुरू हुआ को भारत का खराब प्रदर्शन जारी रहा और उसने 98 रन के मामूली स्कोर पर सभी विकेट गंवा दिए. इसके बाद मैच में फिर बारिश आ गई और खेल आगे नहीं हो सका, इस तरह से यह टेस्ट मैच ड्रा पर खत्म हो गया.
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14 से 18 अगस्त, 2001) भारत बनाम श्रीलका, गॉल
अब टीम बदल चुकी थी, भारतीय क्रिकेट में बहुत से बदलाव हुए. दादा सौरव गांगुली के हाथों में भारत की कप्तानी आ चुकी थी, भारतीय टीम का दौरा श्रीलंका के लिए लगा. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच श्रीलंका के गॉल में खेला गया. मैच में की शुरुआत अच्छी नहीं रही. पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत 163 रन के मामूली स्कोर पर पांच विकेट खो दिए. दूसरे दिन 15 अगस्त को भारतीय टीम महज 187 पर सिमट गई. बल्लेबाजी के लिए उतरी श्रीलंका की ओर से धाकड़ बल्लेबाज सनथ जयसूर्या ने शतक लगाते हुए टीम को पहले दिन तीन विकेट पर 264 रनों तक पहुंचा दिया. बात यहीं खत्म नहीं हुई, जयसूर्या के बाद कुमार संगकारा ने भी शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए शतक लगाया. इस तरह श्रीलंका की पहली पारी 362 रन पर समाप्त हुई. भारत का खराब प्रदर्शन यहीं खत्म नहीं हुआ, दूसरी पारी में भी भारतीय टीम कुछ खास नहीं कर सकी और महज 180 पर आउट हो गई. श्रीलंका को सिर्फ छह रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने बड़ी आसानी से हासिल लिया. भारत को इस मैच में 10 से बड़ी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.
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(15-17 अगस्त, 2014) भारत बनाम इंग्लैंड
अब भारतीय क्रिकेट टीम की कमान विकेट कीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के हाथ में आ चुकी थी. भारतीय टीम फिर से इंग्लैँड के ही दौरे पर थी. इस दौरे पर 15 से 17 अगस्त के बीच खेले गए पांचवें टेस्ट मैच में भारत टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन पूरी टीम मात्र 148 पर सिमट गई. जवाब में जो रूट के शानदार 149 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने 486 रन बना लिए. भारत को दूसरी पारी तो और भी शर्मनाक तरीके से खत्म हुई पूरी टीम 94 रन प सिमट गई. भारत को इस मैच में एक पारी और 244 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान खेले गए तीन मैचों की सीरीज भी भारत 2-1 से हार गया.
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एक दिवसीय मैच
भारत ने स्वतंत्रता दिवस के दिन कोई मैच नहीं खेला है, आज की ही तरह 14 अगस्त को इससे पहले सिर्फ एक मैच खेला है, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले 14 अगस्त को 1993 में मोरातुआ में भारत और श्रीलंका का मुकाबला हुआ, इस मैच में भारत को चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था.
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(15 अगस्त, 2019) भारत बनाम वेस्इंडीज
तीन मैचों की एक दिवसीय सीरीज के आखिरी और तीसरे मैच में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को डकवर्थ लुइस नियम के मुताबिक छह विकेट से हराकर 2-0 से सीरीज जीत ली. टीम इंडिया के लिए कप्तान विराट कोहली ने यहां पोर्ट ऑफ स्पेन में अपने करियर का 43वां शतक भी पूरा किया. विराट को शानदार शतक के लिए मैन ऑफ द मैच के साथ-साथ मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया. बारिश की वजह से मैच को 50 से घटाकर 35 ओवर का कर दिया गया था. वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 35 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 240 रन बनाए थे. डकवर्थ लुइस नियम के मुताबिक भारत को मैच जीतने के लिए 35 ओवर में 255 रनों का लक्ष्य मिला था. जिसे भारत ने चार विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो