Ind Vs WI जमैका में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट (Jamaica Test 1976) में भारतीय टीम को जीत के लिए 8 विकेटों की दरकार है, जबकि वेस्टइंडीज को 423 रनों की जरूरत. जमैका में भारत 43 साल पुरानी वो डरावने टेस्ट की कहानी को इस जीत के साथ पलट देना चाहता है, जिसमें वेस्टइंडीज ने विकेट के बजाए भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी को निशाना बनाकर मैच जीता था. माइकल होल्डिंग की खूनी गेंदबाजी ने 3 खिलाड़ियों को अस्पताल पहुंचा दिया था और 5 बल्लेबाजों ने बैटिंग के लिए आने से ही इनकार कर दिया. भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज को मैच के चौथे दिन सिर्फ 13 रन का ही लक्ष्य दिया और यह टारगेट मेजबान टीम ने 1.5 ओवर में ही पूरा कर लिया और इस तरह यह मैच उसने 10 विकेट से अपने नाम किया और सीरीज पर भी 2-1 से कब्जा जमा लिया.
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यह कहानी है साल 1976 की. 43 साल पहले भारतीय टीम वेस्ट इंडीज दौरे पर गई थी. 4 टेस्ट की इस सीरीज में टीम इंडिया 3 टेस्ट के बाद 1-1 की बराबरी पर थी. तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने मैच की चौथी पारी में 403 रन को चेज कर इतिहास रच दिया था. उस समय की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज यह हार पचा नहीं पाई और सीरीज के चौथे टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों को बॉडीलाइन बॉलिंग करने लगी. विंडीज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों के शरीर को निशाना बनाना शुरू किया. पहले विकेट के लिए सुनील गावसकर (66) ने अंशुमन गायकवाड़ के साथ मिलकर 136 रन जोड़े. गावस्कर को माइकल होल्डिंग ने बोल्ड कर दिया और 205 रन के स्कोर पर भारत ने मोहिंदर अमरनाथ (39) का विकेट भी खो दिया.
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इसके बाद माइकल होल्डिंग ने खूनी गेंदबाजी शुरू कर दी. अंशुमन गायकवाड़ (81*) के कान पर गेंद लगीं. वह रिटायर्ड हर्ट होकर अगले दो दिन अस्पताल में रहे. होल्डिंग की गेंद बृजेश पटेल के चेहरे पर लगी, जिससे डॉक्टरों को उनके मुंह पर टांके लगाने पड़े और गुंडप्पा विश्वनाथको भी अस्पताल जाना पड़ा.
इस खतरनाक गेंदबाजी का असर ये हुआ कि भारत ने 306 रन के स्कोर पर ही अपनी पहली पारी घोषित कर दी. इसके बाद वेस्ट इंडीज की टीम 391 रन बनाकर ऑल आउट हुई और पहली पारी के आधार पर उसने 85 रन की बढ़त हासिल की. फील्डिंग के दौरान कप्तान बिशन सिंह बेदी और चंद्रशेखर भी चोटिल हो गए.
97 रन पर दूसरी पारी सिमटी
दूसरी पारी में गावसकर कुछ खास नहीं कर पाए और 2 रन बनाकर होल्डिंग की ही गेंद पर आउट हो गए. चोटिल गायकवाड़ बल्लेबाजी और बृजेश पटेल इस बार बैटिंग पर नहीं उतर पाए और ओपनिंग पर आए दिलीप वेंगसरकर (21) जब आउट हुए तब भारत का स्कोर 68 रन ही था. इसके बाद 97 के स्कोर पर एक-एक कर मदन लाल (8), मोहिंदर अमरनाथ (60) और एस. वैंकटराघवन (0) पवेलियन लौट गए.
बिना खेले 5 बल्लेबाज हुए आउट
भारतीय टीम ने अभी मेजबान टीम पर 12 रन की ही बढ़त बनाई थी. लेकिन जो सुरक्षित 5 विकेट थे वह टीम इंडिया गंवा चुकी थी और पहली पारी में चोटिल हुए तीन बल्लेबाज बैटिंग करने की स्थिति में नहीं थे. आखिर में कप्तान बेदी ने 97 रन के कुल स्कोर पर अपने बाकी बल्लेबाज मैदान पर नहीं उतारने का फैसला किया.
Source : दृगराज मद्धेशिया