टीम इंडिया के न्यूजीलैंड दौरे की शुरुआत काफी शानदार रही थी. हालांकि, समय के साथ-साथ न्यूजीलैंड ने जोरदार वापसी की और टीम इंडिया को पहले वनडे सीरीज में धूल चटाई और फिर टेस्ट सीरीज में पटखनी दे दी. न्यूजीलैंड दौरा शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इस पर सवाल उठाए थे. कप्तान विराट न्यूजीलैंड दौरे के तय कार्यक्रम से खुश नहीं थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज शुरू होने से पहले ही विराट ने कहा था कि वे एक सीरीज खेलने के तुरंत बाद यहां टी20 सीरीज खेलने के लिए मैदान में उतरेंगे.
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क्या जायज है कोहली की तकलीफ
ऑस्ट्रेलिया के साथ 3 मैचों की वनडे सीरीज खत्म होते ही टीम इंडिया न्यूजीलैंड के दौरे पर चली गई थी. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच बेंगलुरू में 19 जनवरी को खेला था. जिसके 5 दिन बाद ही लंबे सफर के बाद उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ मैदान पर उतरना पड़ा था. तकरीबन एक महीने बाद जब टीम का दौरा खत्म हो गया और भारत को सिर्फ टी-20 सीरीज में सफलता मिली, बाकी वनडे और टेस्ट में निराशा तब कोहली ने अलग राग अलापते हुए कहा है कि 'टीम ज्यादा लंबा ऑफ सीजन नहीं ले सकती.'
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लंबे ऑफ सीजन से फायदा नहीं
कोहली ने सोमवार को दूसरा टेस्ट मैच खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जैसा मैंने पहले कहा था, कि मुझे नहीं लगता कि आने वाले दो-तीन वर्षो में मुझे कोई परेशानी आएगी. अगर खिलाड़ियों को लगता है कि क्रिकेट ज्यादा हो रही है तो वह प्रारूप के हिसाब से अपनी प्राथमिकताएं तय कर लें और उसके हिसाब से ब्रेक लें. इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है. भारतीय टीम का ऑफ सीजन ज्यादा लंबा हो इससे फायदा नहीं होगा."
उन्होंने कहा, "मौजूदा समय में ब्रेक लेना एक मात्र हल है क्योंकि फ्यूचर टूर कार्यक्रम (एफटीपी) पहले ही तैयार हो चुका है. हमें स्थिति को देखकर तालमेल बैठाना होगा. ब्रेक लेना अहम है. अगर गेंदबाज बीच मैच में चोटिल हो जाता है तो आप देख सकते हैं कि क्या गलत है. बोझ को संभालना हमारा काम है.
Source : News Nation Bureau