Ishan Kishan on Team India Playing 11 : भारतीय क्रिकेट में सिर्फ 5 ऐसे खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ा है. उनमे से एक टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन हैं. वह अपनी आक्रमक बल्लेबाजी से किसी भी गेंदबाजी की पिटाई कर सकते हैं. उन्हें इसी आक्रामक की वजह से टीम इंडिया में शामिल किया जाता है, लेकिन टीम में शामिल किए जाने के बाद भी उन्हें प्लेइंग11 में ज्यादा मौके नहीं मिलते हैं. भारतीय क्रिकेट के इस रवैये पर पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि यह भारतीय क्रिकेट की पुरानी समस्या है कि वो खिलाड़ी को सिलेक्ट नहीं, बल्कि रिजेक्ट करते हैं.
ईशान किशन को कब मिलेगा पूरा मौका?
दरअसल, ईशान किशन को पिछली कई सीरीज से लगभग तीनों फॉर्मेट में लगातार टीम में शामिल किया जा रहा है, लेकिन उन्हें बहुत की कम प्लेइंग11 में मौका मिलता है. ईशान किशन एक ओपनर बल्लेबाज हैं, लेकिन उन्हें टीम के लिए जिस भी पोजिशन पर खेलने को मिलता है तो वह उस हिसाब से खेलते हैं. एशिया कप में जब श्रेयस अय्यर चोटिल थे, तो ईशान किशन ने मीडिल ऑर्डर में शानदार बल्लेबाजी की थी. उनके इस प्रदर्शन के अधार पर उन्हें वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया के स्क्वाड में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुछ ही मैच के प्लेइंग11 में मौका मिला. शुभमन गिल के चोट से वापसी के बाद ईशान किशन लगाकर बेंच पर बैठे रहे.
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वर्ल्ड खत्म होने के तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज भी खेला गया. इन 5 मैचों की टी20 सीरीज में भी ईशान को पहले तीन मैचों में ही खेलना का मौका मिला. चौथे मैच से जैसे ही श्रेयस अय्यर टीम में वापस आए तो किशन को प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. ईशान किशन के साथ लगातार हो रहे इस व्यहवहार पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने काफी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
भारतीय क्रिकेट के सिस्टम पर भड़के अजय जडेजा
अजय जडेजा ने स्पोर्ट्स तक से बात करते हुए कहा कि, 'वर्ल्ड कप के तुरंत बाद एक सीरीज हुई. ईशान किशन 3 मैच खेले, और घर चले गए. क्या वो सच में इतने थक गए थे कि तीन मैचों के बाद उन्हें आराम की जरूरत पड़ गई? उन्होंने तो वर्ल्ड कप में भी ज्यादा मैच नहीं खेले. वह वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में प्लेइंग11 में रहने के हकदार थे. कितने भारतीय खिलाड़ियों ने अपने अच्छे दिन पर दोहरा शतक लगाए हैं. वह अपने दिन पर गेम बदल सकते हैं. वह कब तैयार होंगे? क्या आप उन्हें हमेशा ट्रायल के लिए रखेंगे? भारतीय क्रिकेट के साथ यह समस्या सिर्फ आज की नहीं है, यह बहुत पुरानी समस्या है कि हम (खिलाड़ियों को) सिलेक्ट नहीं, बल्कि रिजेक्ट करते हैं.'