भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच क्रिसमस के ठीक अगले ही दिन यानी 26 दिसंबर से शुरू हो रहा है. टीम इंडिया पहले टेस्ट में बुरी तरह से पिट गई है. जो भारतीय टीम दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक ड्राइविंग सीट पर थी, वो टीम तीसरे दिन पहले ही सेशन में हार गई. इस तरह से टीम इंडिया 0-1 से पीछे हो गई है. अब बाकी बचे हुए मैच टीम इंडिया के लिए बहुत खास हो गए हैं. बाकी सीरीज में भारतीय कप्तान विराट कोहली भी टीम के साथ नहीं होंगे. वे भारत आ चुके हैं. वहीं टीम की कमान अब अजिंक्य रहाणे के हाथ में होगी. अब अजिंक्य रहाणे को हार को जीत में ही नहीं बदलना है, बल्कि टीम के गिरे हुए मनोबल को भी बढ़ाना होगा.
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अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की बात करें तो उनका टेस्ट में कप्तानी का रिकार्ड सौ फीसदी है, यानी वे एक भी मैच अपनी कप्तानी में नहीं हारे हैं. उन्होंने अब तक भारत के लिए दो अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की है और दोनों में ही जीत हासिल की है. खास बात ये है कि ये दोनों ही मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीते हैं. लेकिन ये मैच भारत में खेले गए थे. अब अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की परीक्षा ऑस्ट्रेलिया की धरती पर होनी है. हालांकि इसी सीरीज से पहले जब टीम ने दो अभ्यास मैच खेले थे, उसमें टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि तीन दिन के मैच ड्रॉ पर खत्म हो गए थे. लेकिन इस बीच टीम इंडिया के पूर्व दिग्गजों ने अजिंक्य रहाणे की तारीफ की है.
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भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने स्टार स्पोटर्स के शो पर कहा कि काफी कुछ अजिंक्य रहाणे के ऊपर होगा. टीम किस संयोजन के साथ उतरती है इस पर काफी कुछ निर्भर करेगा. क्योंकि न तो विराट कोहली होंगे, न ही रोहित शर्मा और न ही मोहम्मद शमी टीम के साथ होंगे. वहीं भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि अजिंक्य रहाणे शांत स्वभाव के हैं और उनके इस स्वभाव से उनकी कमजोरी उजागर नहीं होनी चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि रहाणे भी कप्तान कोहली की तरह ही बतौर कप्तान आक्रामक होते हैं. तेंदुलकर ने कहा कि अजिंक्य रहाणे पहले भी भारत की कप्तानी कर चुके हैं और उनके शांत रहने का मतलब यह नहीं है कि वे आक्रामक नहीं है. आक्रामकता दिखाने का हर किसी का अपना अलग-अलग तरीका होता है. कोई आक्रामकता नहीं दिखाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आक्रामक नहीं है.
Source : Sports Desk