Happy Birthday Ajit Agarkar : अजीत अगरकर, ऐसा ऐसा गेंदबाज जो एक दौर में भारतीय तेज गेंदबाजी की धुरी बना हुआ था. गेंदबाजी की बात तो छोड़िए, जरूरत पड़ने पर वे भारत के लिए बल्लेबाजी में भी जौहर दिखा चुके हैं. अजीत अगरकर के क्रिकेट से संन्यास लेने के लंबे समय बाद भी अभी तक कई रिकार्ड ऐसे हैं, जो अजीत अगरकर के नाम से ही जाने जाते हैं. चाहे सचिन तेंदुलकर आए हो, या महेंद्र सिंह धोनी या फिर आज की तारीख में विराट कोहली और हिटमैन रोहित शर्मा. कुछ मामलों में ये नाम भी अजीत अगरकर से पीछे ही दिखाई देते हैं. आज भारतीय टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज रहे अजीत अगरकर का जन्मदिन है. इसलिए उनकी ओर से देश और भारतीय क्रिकेट के लिए किए गए कामों को याद किया जाना चाहिए. अजीत अगरकर आज यानी चार दिसंबर को अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं. 1977 में इसी दिन मुंबई में अजीत अगरकर का जन्म हुआ था.
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अजीत अगरकर ने करीब दस तक भारत के लिए क्रिकेट खेला. अजीत अगरकर ने इस दौरान 191 वन डे मैच खेले, जिसमें 288 विकेट लिए. यही नहीं बल्लेबाजी में भी अपने हाथ दिखाते हुए उन्होंने तीन अर्धशतक भी लगाए हैं, हालांकि वन डे क्रिकेट में वे कोई शतक नहीं लगा पाए, या यूं कहें कि उन्हें इतना मौका ही नहीं मिला की वे बड़ी पारी खेल पाते. अजीत अगरकर वन डे मैचों के लिए माने जाते थे. 191 वन डे मैच खेलने वाले अजीत अगरकर को इस दौरान केवल 26 टेस्ट मैच खेलने का ही मौका मिल सका. जिसमें उन्होंने 58 विकेट लिए थे. वे वन डे क्रिकेट में भले शतक न लगा पाए हों, लेकिन टेस्ट मैचों में जरूर उन्होंने एक शतक लगाया. अजीत अगरकर ने अपने करियर के आखिरी दौर में कुछ समय के लिए, उन्हें केवल चार T20 मैच खेलने का मौका मिल सका, जिसमें उन्होंने तीन विकेट चटकाने में कामयाबी हासिल कर ली थी. करीब दस साल तक क्रिकेट खेलने के बाद साल 2013 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि भारत ने साल 2006 में जो पहला T20 मैच दक्षिण अफ्रीका के साथ खेला था, उसमें भी अजीत अगरकर भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाज हुआ करते थे.
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अजीत अगरकर मुख्य तौर पर गेंदबाजी ही माने जाते थे. एक वक्त में तो वे भारत की ओर से सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गए थे. यह कमाल उन्होंने वन डे क्रिकेट में कर दिखाया था. उनकी गेंदबाजी तो आपने खूब देखी होगी और उसके चर्चे भी सुने होंगे. लेकिन अजीत अगरकर ने बल्ले से भी कई कमाल की पारियां खेलीं. जो उनके संन्यास लेने के छह साल बाद भी याद की जाती हैं. साल 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए एक मैच में अजीत अगरकर ने 21 गेंद पर 50 रन ठोक दिए थे. उस मैच में अजीत अगरकर ने धुंआधार पारी का नमूना पेश किया था. उस मैच में भारत का टॉप आर्डर बुरी तरह से बिखर गया था और लगने लगा था कि भारत इस मैच में बड़ा स्कोर नहीं टांग पाएगा, लेकिन विकेट गिरने के बाद अजीत अगरकर को जल्दी बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरना पड़ा. जल्दी विकेट गिरने का दबाव अपने ऊपर न लेकर उन्होंने आते ही बड़े बड़े शॉट खेलने शुरू कर दिए और तब तक नहीं रुके जब तक कि अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर लिया. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले और अपने आक्रामक अंदाज के लिए पहचान बनाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी कभी 21 गेंद में शतक नहीं लगाया था.
Source : News Nation Bureau