इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के आराम और रोटेशन नीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम को मिली 0-1 की हार का यह एक अहम कारण है. एलिस्टेयर कुक ने इंग्लैंड के लिए 161 टेस्ट और 92 वनडे मुकाबले खेले हैं. एलिस्टेयर कुक ने कहा कि यह काफी निराशाजनक है. इंग्लैंड ने खुद को कठिन परिस्थिति में डाला है. सबकुछ सही चल रहा था और इंग्लैंड ने श्रीलंका के खिलाफ सीरीज जीती और भारत के खिलाफ 1-0 से आगे थी. लेकिन खिलाड़ियों को आराम और रोटेट किया गया जिससे टीम का संतुलन बिगड़ गया.
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बेन स्टोक्स और तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर चोट के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं थे जबकि कई खिलाड़ियों को ईसीबी के रोटेशन नीति के कारण बाहर रहना पड़ा था. एलिस्टेयर कुक ने क्रिकइंफो से कहा कि आपके पास जोए रूट के रूप में टेस्ट कप्तान है जो अपनी पसंद की टीम नहीं चुन पा रहा है. यह फैसला सही नहीं नजर आ रहा है. जाहिर है कि वे सही कारणों की वजह से सही फैसले लेने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जब आप इंग्लैंड के लिए खेल रहे हैं तो आपको अंत में नतीजे से जज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे रूट के लिए बुरा लगता है क्योंकि वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन नहीं कर पा रहे हैं. आप बेन स्टोक्स, जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो और मोइन अली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को बाहर नहीं रख सकते हैं. ये खिलाड़ी बड़ा बदलाव लाते हैं.
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इसके साथ ही पूर्व कप्तान एलिस्टर कूक का मानना है कि भारत के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के चोट से उबर कर वापसी करने से इंग्लैंड को मजबूती मिली है. बेन स्टोक्स ने सर्जरी के बाद टी 20 ब्लास्ट टूर्नामेंट से वापसी की है. चोट के कारण वह आईपीएल 2021 के सीजन से हट गए थे. एलिस्टर कूक ने कहा है कि बेन स्टोक्स के आने से इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ एक अच्छी टीम हो गई है. इंग्लैंड को भी अंदाजा हो गया है कि उसे कैसे संतुलन साधना है. मेरे ख्याल से उनके लिए यह गंभीर मामला था. इंग्लैंड को हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हार का सामना करना पड़ा था.
Source : IANS