1983 में भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर वर्ल्ड कप जीता था. कपिल देव की कप्तानी वाली टीम को टूर्नामेंट में सबसे कम आंका जा रहा था, लेकिन उसने सभी को हैरान करते हुए 2 बार की चैंपियन रही वेस्टइंडीज को फाइनल में हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी. मगर, अब वेस्टइंडीज के दिग्गज पेसर एंडी रॉबर्ट्स का एक ऐसा बयान सामने आया है, जिसे सुनकर भारतीय फैंस तिल-मिला उठेंगे. असल में रॉबर्ट्स का मानना है की भारतीय टीम 1983 वर्ल्ड कप को किस्मत से जीत गई थी.
उस टूर्नामेंट में भारत से 2 बार मिली मात
वर्ल्ड कप 1983 में कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम को टूर्नामेंट जीतने का क्या, बल्कि टॉप-4 में पहुंचने के लायक भी नहीं माना जा रहा था. लेकिन कहते हैं ना की क्रिकेट को प्रिडिक्ट नहीं किया जा सकता. वैसा ही कुछ उस टूर्नामेंट में हुआ और कपिल देव की कमजोर दिखने वाली टीम ने वेस्टइंडीज जैसी उस वक्त की सबसे मजबूत टीम को मात देकर वर्ल्ड कप जीता था.
वर्ल्ड कप 1983 के सदस्य रहे एंडी रॉबर्ट्स ने स्पोर्टस्टार से कहा, 'हां, हम टीम इंडिया से हार गए थे, लेकिन हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है. आप कुछ जीतते हैं, और कुछ हारते हैं. हम हमेशा जीतने के लिए खेलते हैं, लेकिन निष्पक्ष और स्पष्ट रूप से हमें एक बेहतर टीम ने मात नहीं दी. क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां आपको मैच के दौरान टॉप पर रहना होता है. आप देखिए, लोग क्रिकेट को भाग्य और संयोग के खेल के रूप में नहीं देखते हैं. 1983 तक, हमने वर्ल्ड कप में कोई मैच नहीं हारा था और 1983 में हम दो बार भारत से हारे.'
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किस्मत से जीता भारत
दिग्गज ने आगे कहा, 'हम लय में थे, मगर खराब गेम के कारण हम उस दिन जीत नहीं पाए. ये 1983 में भारत की किस्मत ही थी. हमारी उस महान टीम के बावजूद 1983 में 2 मैच हम हार गए और ये दोनों ही मैच हमें भारत ने हराए. फिर, 5 या 6 महीने बाद, हमने भारत को 6-0 से हराया था. तो, यह बस वही गेम था. 180 के करीब आउट होने के बाद भाग्य ने भारत का साथ दिया.'
43 रन से फाइनल जीतकर भारत ने जीता था वर्ल्ड कप
वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल में भारत का सामना उस वक्त की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज से हुआ. भले ही लीग मैच में भारत इस टीम को हराकर आ रही थी, लेकिन फिर भी विंडीज को ही फेवरेट माना जा रहा था. पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम 183 के स्कोर पर ही ऑलआउट हो गई थी. मगर, फिर मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ ने 3-3 विकेट लेकर कैरेबियाई टीम की कमर तोड़ दी थी और भारत ने वो मैच 43 रन से जीत लिया. इस जीत ने भारतीय क्रिकेट को नए आयाम तक पहुंचाने की नींव रखी थी.