अपने जमाने के दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के स्टैंड से अपना नाम तत्काल प्रभाव से नहीं हटाने की स्थिति में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है. बिशन सिंह बेदी ने बुधवार को डीडीसीए को पत्र लिखकर इसके पूर्व अध्यक्ष स्व. अरुण जेटली की प्रतिमा कोटला में लगवाने के लिए क्रिकेट संघ की कड़ी आलोचना की थी. पहले पत्र का कोई जवाब नहीं मिलने पर बेदी ने शनिवार को क्रिकेट संस्था को एक और पत्र लिखा.
बिशन सिंह बेदी ने डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली को भेजे इस पत्र में लिखा है, मैंने आपको कुछ दिन पहले पत्र लिखा था. जबकि मेरे पत्र के सार्वजनिक होने के कुछ मिनटों बाद ही मुझे विश्व भर के क्रिकेट समुदाय से मुझे अपार समर्थन मिला लेकिन मुझे दुख है कि आपकी तरफ से मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हमारे देश में अब भी लोगों को यह फैसला करने का अधिकार है वे किन लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं और कहां उनके नाम की पट्टिका पूरी गरिमा के साथ लगाए जा सकती है. कृपया मुझे कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें.
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डीडीसीए की अपनी सदस्यता त्यागने वाले बिशन सिंह बेदी ने सख्त भाषा में लिखे पत्र में डीडीसीए अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा, खेल स्थलों से राजनेताओं को दूर करने को लेकर सार्वजनिक बहस शुरू करने वाले मेरे पत्र पर आपकी ऐसी चुप्पी जिसका कोई कारण स्पष्ट नहीं है, उससे आपकी नादानी का पता चलता है. आपकी बेवजह की चुप्पी भी इस अपराध बोध को रेखांकित करती है कि आप इस पद पर केवल अपने परिवार के नाम के कारण हैं जिसे आप स्पष्ट तौर पर बढ़ावा देना चाहते हैं. बिशन सिंह बेदी ने लिखा है, आखिर में मुझे उम्मीद है कि आप एक पूर्व क्रिकेटर को जवाब देने का बुनियादी शिष्टाचार निभाएंगे जो आपसे समर्थन नहीं चाह रहा है बल्कि चाहता है कि उसकी क्रिकेट अखंडता पर कोई आंच नहीं आए.
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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में कोटला में जेटली की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. बेदी ने कहा कि वह उस क्रिकेट स्टेडियम का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं जिसमें पूर्व राजनीतिज्ञ जेटली की प्रतिमा लगी हो. जेटली भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में मंत्री थे. पिछले साल उनका निधन हो गया था. उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि डीडीसीए में क्रिकेटरों की आवाज नजरअंदाज करने की परंपरा रही है और यह मेरे अनुरोध का एक कारण है. यदि मैं उस क्रिकेट स्टेडियम का हिस्सा बनता हूं जिसमें ऐसे व्यक्ति की प्रतिमा लगी हो जिसके बारे में मेरा मानना है कि उन्होंने राजधानी में क्रिकेट मूल्यों को कम किया तो मैं एक दिन तो क्या एक मिनट के लिए भी बेहतर महसूस नहीं कर पाऊंगा. अरुण जेटली 1999 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे. इस क्रिकेट संघ ने उनकी याद में कोटला में छह फुट की प्रतिमा लगाने का फैसला किया है. डीडीसीए ने नवंबर 2017 में अपने एक स्टैंड का नाम बेदी और एक अन्य पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ के नाम पर रखा था.
Source : Bhasha