उम्मीद दुनिया की सबसे अच्छी चीज होती है और अच्छी चीजें कभी नहीं मरती. ये डायलॉग साल 1994 में हॉलीवुड की ऑल टाइम फेवरेट कही जाने वाली फिल्म शौशैंक रिडेंप्शन का है लेकिन अब इस डायलॉग की जरूरत टीम इंडिया को है जो एडिलेड में पहला टेस्ट बुरी तरह हारने के बाद फिलहाल बैकफुट पर है.
पहले टेस्ट में जो हुआ वो अब पुरानी बात हो चुकी है. टीम इंडिया मौजूदा सीरीज़ में 0-1 से पीछे हैं. टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली भी अब ड्रेसिंग रूम का हिस्सा नहीं है. ऐसे में टीम इंडिया कमजोर नज़र आती है लेकिन भारतीय टीम को एक बार फिर से पलटवार करना होगा जिससे खोया हुआ आत्मविश्वास हासिल कर सके.
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विराट कोहली के बिना रहाणे एंड कंपनी के लिए ऑस्ट्रेलियाई पेस अटैक का सामना करना एक बड़ी चुनौती है. रहाणे के पास खोने के लिए कुछ नहीं है लेकिन हासिल करने के लिए बहुत कुछ है. अगर मेलबर्न में रहाणे एंड कंपनी को अपना जलवा दिखाना है तो उसे पिछले दौरे की सुनहरी यादों को ताजा करना होगा जब हिंदुस्तान के योद्धाओं ने कंगारूओं को उसी की सरज़मी में दबोचा था इसके लिए हमें ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है.
जब टीम इंडिया ने जीता था मेलबर्न का मैदान
साल 2018 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ 1-1 से बराबर थी. टॉस भारत ने जीता और पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया. उस मैच में भारत ने पहली पारी में बल्लेबाज़ी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 443 रन बनाकर पारी घोषित की थी. इस पारी में चेतेश्वर पुजारा ने 106 रन बनाए थे. बल्ले से धमाका करने के बाद गेंद से भी टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलियाई टीम संभलने का मौका नहीं दिया था जिसके बाद भारतीय गेंदबाजो के सामने पूरी ऑस्ट्रेलियाई ने सरेंडर कर दिया था.
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जसप्रीत बुमराह ने उस मैच में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमर ही तोड़ दी थी. बुमराह ने पहली पारी में 6 विकेट समेत मैच में कुल 9 विकेट झटके थे. बुमराह की बेहतरीन गेंदबाज़ी के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से मात दी थी. जसप्रीत बुमराह को इस मैच में शानदार प्रदर्शन करने के लिए मैन ऑफ दी मैच के ख़िताब से नवाजा गया था.
ये तो थी फ्लैशबैक की बात अब वापस आते हैं वर्तमान में कहानी उतनी सिंपल नहीं है जितनी दिखाई दे रही है. हां, अगर रहाणे, पुजारा, जैसे सरीखे बल्लेबाज अपने लय में खेले तो मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को हराना मुश्किल नहीं है. वैसे भी गेंदबाज़ी में भले ही टीम इंडिया के पास शमी नहीं है लेकिन बुमराह, उमेश का तूफान स्मिथ एंड कंपनी को हिलाने के लिए काफी है. फिर रहाणे के पास अश्विन भी है जो एडिलेड में अपनी फिरकी का दम दिखा चुके हैं.
ऐसे में रहाणे एंड कंपनी मेलबर्न का मैदान फतह कर सकती है. बस भारतीय टीम को खुद पर भरोसा रखना होगा और उम्मीद करनी होगी कि सभी 11 खिलाड़ी मिलकर अपना बेस्ट प्रदर्शन करें क्योंकि उम्मीद दुनिया की सबसे अच्छी चीज़ होती है और अच्छी चीजें कभी नहीं मरती.
Source : News Nation Bureau