भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राहुल जौहरी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति ने खारिज कर दी है. बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) द्वारा 25 अक्टबूर को जांच कमेटी बनाई थी और जांच के लिए 15 दिनों का समय दिया था. जांच कमेटी की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में भी जमा किया जाएगा. इस तीन सदस्यीय जांच समिति में इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और वकील कार्यकर्ता वीना गौड़ा शामिल थी. जौहरी पर यह आरोप #MeToo अभियान के द्वारा एक महिला ने लगाया था.
जांच कमेटी ने जौहरी पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप 'आधारहीन और मनगढ़ंत' थे लेकिन सीओए उनके दोबारा ऑफिस ज्वाइन करने पर दो भागों में बंट गया क्योंकि डायना एडुल्जी जौहरी के इस्तीफे की मांग कर रही हैं.
जौहरी को तीन हफ्तों की छुट्टी पर भेज दिया गया था लेकिन अब वो ऑफिस ज्वाइन कर सकते हैं. हालांकि जांच कमेटी के एक सदस्य ने उनके लिए लैंगिक संवेदनशीलता के लिए सलाह लेने की सिफारिश की.
बीसीसीआई की दो सदस्ययी CoA इस मुद्दे पर बंट गई. सीओए अध्यक्ष विनोद राय ने जौहरी को वापस ज्वाइनिंग को मंजूरी दी वहीं दूसरी सदस्य डायना एडुल्जी ने परामर्श सहित कुछ सिफारिशों के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग की.
जांच कमेटी के प्रमुख जस्टिस शर्मा ने कहा, 'कार्यालय या कहीं और यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे, आधारहीन और मनगढ़ंत हैं, जिनका मकसद जौहरी को नुकसान पहुंचाना और उन्हें बीसीसीआई से बाहर निकालना था.'
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दूसरी सदस्य वीना ने हालांकि कहा कि जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं बनता. जौहरी पर महिला ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इसके बाद सीओए ने उनसे जवाब मांगा था. अपनी सफाई में जौहरी ने आरोपों से इनकार किया था. तभी सीओए ने तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति का गठन करने का फैसला किया था.
Source : News Nation Bureau