भारतीय क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी (Rahul Johri) का इस्तीफा लंबे समय बाद गुरुवार को स्वीकार कर लिया गया. बोर्ड के आला अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला किया गया है. जोहरी ने 27 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. यह पता नहीं चल सका है कि बोर्ड ने अचानक इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला क्यों किया. जोहरी 2016 में बोर्ड से जुड़े थे जिनका करार 2021 तक था. सौरव गांगुली के बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था.
यह भी पढे़ंः कोरोना वायरस की वजह से स्थगित हुआ एशिया कप 2020, अगली साल श्रीलंका करेगा मेजबानी
NADA के अंदर आया BCCI, अधिकारियों ने राहुल जोहरी पर उठाए सवाल
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई (BCCI)) के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा (NADA)) में शामिल होने पर बोर्ड के अधिकारी हैरान हैं. साथ ही अधिकारी इस बात पर भी हैरान हैं कि प्रशासकों की समिति (सीओए (COA)) ने सीईओ राहुल जौहरी को खेल सचिव राधेश्याम झुलानिया और नाडा (NADA) के निदेशक जनरल नवीन अग्रवाल के साथ बैठक में हिस्सा लेने कैसे भेज दिया.
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि यह साफ तौर पर हितों के टकराव का मामला है, क्योंकि जौहरी आईसीसी (ICC) के उस समूह का हिस्सा हैं जो क्रिकेट को ओलम्पिक खेलों में शामिल कराने की कोशिश में लगा हुआ है.
अधिकारी ने कहा, 'सीओए (COA) का इस मुद्दे में सीईओ को शामिल करना सही नहीं है, क्योंकि जौहरी आईसीसी (ICC) के उस ग्रुप का हिस्सा हैं जो क्रिकेट को ओलम्पिक में शामिल करने में लगा हुआ है. यह एक रुकावट थी जिसे अस्थायी तौर पर हटा दिया गया है. इस मामले में सीईओ के हितों के टकराव के मुद्दे में शामिल होने पर गंभीर सवाल उठते हैं. जाहिर सी बात है कि उनकी मंशा पर भी सवाल उठेंगे.'
यह भी पढे़ंः विकास दूबे की पत्नी ऋचा और बेटा कृष्णा नगर से गिरफ्तार
इससे पहले बीसीसीआई (BCCI) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को जौहरी और महाप्रबंधक क्रिकेट संचालन सबा करीम द्वारा भारतीय क्रिकेट को हराने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि इन दोनों ने बैठक में जाने से पहले अपना होमवर्क नहीं किया था.
कार्यकारी ने कहा था, 'आपको अपना होमवर्क करने की जरूरत है. उन्हें वाडा और नाडा (NADA) के कोड के बारे में पता होना चाहिए था. साथ ही उन मुद्दों के बारे में भी पता होना चाहिए था जो बीते दिनों से भारतीय क्रिकेट में चल रहे हैं और क्यों बीसीसीआई (BCCI) इतने दिनों तक नाडा (NADA) के अंतर्गत आने से बचती रही थी. लेकिन इन दोनों को किसी तरह की जानकारी नहीं है.'
बीसीसीआई (BCCI) के एक अधिकारी ने अब सीईओ को उपयोग में लिए 'भारत के कानून' शब्द पर सवाल खड़े किए हैं. जौहरी ने खेल सचिव और नाडा (NADA) निदेशक के साथ हुई बैठक के बाद यह बात कही थी. उन्होंने कहा, 'हमने उनके बयान पढ़े कि यह भारत के कानून के लिहाज से है, लेकिन उन्होंने उस कानून की बात नहीं की, जिसकी बात खेल सचिव और उन्होंने की.'