सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के सभी फंड रोक दिए हैं. यह फैसला बीसीए के अंदर बंटे दो धड़ों से मिल रहे लगातार मेल के बाद लिया गया है. सीओए ने एक मेल लिखकर बीसीए को इस बात की जानकारी दी.
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मेल में लिखा गया है, "यह मेल सीओए को मिले उन सभी मेल के संबंध में है जो बीसीए के दो धड़ों से आ रहे हैं और जिनमें कहा जा रहा है कि वह बीसीए से ताल्लुक रखते हैं और जो संविधान उन्होंने बनाया है, सीओए उसे ही माने."
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मेल में आगे लिखा गया है, "इसलिए सीओए के लिए यह मुमकिन नहीं है कि वह एक को नजरअंदाज कर अन्य पक्ष द्वारा आई अपील, बयानों को प्राथमिकता दे. इसलिए सीओए दोनों पक्षों से कहना चाहती है कि दोनों इस संबंध में मिले अदालत के आदेश को सीओए के सामने पेश करें ताकि आगे की कार्रवाई की जाए."
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मेल के मुताबिक, "साथ ही यह फैसला लिया गया है कि जब तक इन दो धड़ों के बीच का आंतरिक विवाद नहीं निपट जाता तब तक बीसीसीआई बीसीए को किसी भी तरह का फंड आवंटित नहीं करेगी." एक दिन पहले ही क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने सीओए को पत्र लिख बीसीए में जारी गड़बड़ियों के बारे में अवगत कराया था.
Source : IANS