भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई (BCCI)) के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा (NADA)) में शामिल होने पर बोर्ड के अधिकारी हैरान हैं. साथ ही अधिकारी इस बात पर भी हैरान हैं कि प्रशासकों की समिति (सीओए (COA)) ने सीईओ राहुल जौहरी को खेल सचिव राधेश्याम झुलानिया और नाडा (NADA) के निदेशक जनरल नवीन अग्रवाल के साथ बैठक में हिस्सा लेने कैसे भेज दिया.
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि यह साफ तौर पर हितों के टकराव का मामला है, क्योंकि जौहरी आईसीसी (ICC) के उस समूह का हिस्सा हैं जो क्रिकेट को ओलम्पिक खेलों में शामिल कराने की कोशिश में लगा हुआ है.
और पढ़ें: टीम इंडिया के मुख्य कोच के लिए 15 अगस्त के बाद होंगे इंटरव्यू, नहीं ली जाएगी विराट कोहली की कोई भी सलाह
अधिकारी ने कहा, 'सीओए (COA) का इस मुद्दे में सीईओ को शामिल करना सही नहीं है, क्योंकि जौहरी आईसीसी (ICC) के उस ग्रुप का हिस्सा हैं जो क्रिकेट को ओलम्पिक में शामिल करने में लगा हुआ है. यह एक रुकावट थी जिसे अस्थायी तौर पर हटा दिया गया है. इस मामले में सीईओ के हितों के टकराव के मुद्दे में शामिल होने पर गंभीर सवाल उठते हैं. जाहिर सी बात है कि उनकी मंशा पर भी सवाल उठेंगे.'
इससे पहले बीसीसीआई (BCCI) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को जौहरी और महाप्रबंधक क्रिकेट संचालन सबा करीम द्वारा भारतीय क्रिकेट को हराने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि इन दोनों ने बैठक में जाने से पहले अपना होमवर्क नहीं किया था.
कार्यकारी ने कहा था, 'आपको अपना होमवर्क करने की जरूरत है. उन्हें वाडा और नाडा (NADA) के कोड के बारे में पता होना चाहिए था. साथ ही उन मुद्दों के बारे में भी पता होना चाहिए था जो बीते दिनों से भारतीय क्रिकेट में चल रहे हैं और क्यों बीसीसीआई (BCCI) इतने दिनों तक नाडा (NADA) के अंतर्गत आने से बचती रही थी. लेकिन इन दोनों को किसी तरह की जानकारी नहीं है.'
और पढ़ें: मैदान के बाहर भी रिकॉर्ड बना रहे सचिन तेंदुलकर, अब सोशल मीडिया पर किया यह काम
बीसीसीआई (BCCI) के एक अधिकारी ने अब सीईओ को उपयोग में लिए 'भारत के कानून' शब्द पर सवाल खड़े किए हैं. जौहरी ने खेल सचिव और नाडा (NADA) निदेशक के साथ हुई बैठक के बाद यह बात कही थी.
उन्होंने कहा, 'हमने उनके बयान पढ़े कि यह भारत के कानून के लिहाज से है, लेकिन उन्होंने उस कानून की बात नहीं की, जिसकी बात खेल सचिव और उन्होंने की.'
Source : IANS