सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए (COA)) की यह बात पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को नापंसद गुजरी है कि उनसे कथित तौर पर जुड़ा हितों के टकराव का मामला 'ट्रैक्टेबल' (सुविधाजनक) कटेगरी के अंतर्गत आता है. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) से जुड़े हुए हैं और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी (CAC)) का हिस्सा भी हैं, जिसके कारण उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा उठा है.
वी.वी.एस. लक्ष्मण की तरह ही सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी अपने वकील के माध्यम से बीसीसीआई (BCCI) लोकपाल डी.के. जैन को लिखा है कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी (CAC)) के सदस्य के रूप में उनकी भूमिका उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई जबकि वह यह सदस्य बनने से पहले ही मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के आइकन बन चुके थे.
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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के वकील द्वारा बीसीसीआई (BCCI) लोकपाल जैन को लिखे पत्र में कहा गया है, 'सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) 2015 में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी (CAC)) में नियुक्त हुए. उन्हें सीएसी (CAC) में शामिल होने से काफी पहले ही 2013 में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) का 'आइकन' घोषित किया गया था.'
उन्होंने आगे लिखा है कि सीएसी (CAC) में उनकी नियुक्ति के बारे में बीसीसीआई (BCCI) ने उन्हें कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया था. उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में बोर्ड से कई बार जानना चाहा लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
यह आश्चर्यजनक है कि जिस बीसीसीआई (BCCI) ने उन्हें सीएसी (CAC) में नियुक्त किया, वही आज उनके बारे में हितों के टकराव का मुद्दा उठा रही है.
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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने यह भी लिखा कि वे राष्ट्रीय अंडर-19 सेलेक्टर्स के चयन की प्रक्रिया में भी शामिल नहीं थे क्योंकि उनका बेटा अर्जुन टीम में चुने जाने के लिए दावेदारों में शामिल था.
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने जैन से गुजारिश की है कि वह सीओए (COA) के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जोहरी को बुलाकर पूछें कि सीएसी (CAC) में उनकी क्या भूमिका है.
Source : IANS