BCCI ने लोकपाल डीके जैन का अनुबंध बढ़ाने पर अभी तक नहीं किया कोई फैसला

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल और आचरण अधिकारी डीके जैन को अब तक शीर्ष अधिकारियों की तरफ से उनका अनुबंध बढ़ाए जाने को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है. उनका एक साल का अनुबंध फरवरी में खत्म हो गया था.

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
BCCI

बीसीसीआई दफ्तर( Photo Credit : getty images)

Advertisment

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल और आचरण अधिकारी डीके जैन को अब तक शीर्ष अधिकारियों की तरफ से उनका अनुबंध बढ़ाए जाने को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है. उनका एक साल का अनुबंध फरवरी में खत्म हो गया था. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जैन को फरवरी 2019 में लोकपाल सह आचरण अधिकारी नियुक्त किया गया था और अब उनके अनुबंध को बढ़ाने का फैसला बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह पर निर्भर है.

ये भी पढ़ें- ओलंपिक के लिए कोविड-19 टीके की जरूरत से सहमत नहीं आईओसी अधिकारी

न्यायमूर्ति जैन ने बुधवार को पीटीआई से कहा, ‘‘कुछ समय पहले सीईओ (राहुल जौहरी) ने मौखिक रूप से मुझसे पूछा था कि क्या अनुबंध बढ़ाने में मेरी रुचि है और मैंने हां कहा था. लेकिन इसके बाद अब तक उनकी ओर से कोई सूचना नहीं मिली. बेशक अब लाकडाउन के कारण स्थिति अलग है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई को औपचारिक (लिखित) पेशकश के साथ आने दीजिए और मैं निश्चित रूप से इस पर विचार करूंगा.’’

यह पूछने पर कि क्या उन्हें नई शिकायतें मिली है, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जानकारी नहीं है क्योंकि बीसीसीआई मुझे सूची भेजता है. फिलहाल लाकडाउन के कारण कार्यालय बंद है. मुझे नहीं लगता कि हितों के टकराव का कोई नया मामला है.’’ न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि उनके पास पांच मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे सही याद है तो चार या पांच मामले लंबित हैं. इनमें से एक मयंक पारिख का हितों के टकराव का मामला है.’’

ये भी पढ़ें- इरफान खान के निधन से सदमे में क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी समेत तमाम खेल जगत, दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि

पारिख भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मीडिया अधिकारी रह चुके हैं. पारिख के खिलाफ एक शिकायत यह भी है कि मुंबई में वह छह क्लबों का संचालन करते हैं. बीसीसीआई में न्यायमूर्ति जैन के कार्यकाल की शुरुआत लोकेश राहुल और हार्दिक पंड्या के ‘काफी विद करण’ कार्यक्रम के विवाद के साथ हुई थी. इसके बाद उन्होंने हितों के टकराव के कई मामलों की सुनवाई की जिसमें क्रिकेट सलाहकार समिति के पूर्व सदस्यों सचिन तेंदुलकर, गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण से जुड़े मामले भी शामिल हैं.

फरवरी में शीर्ष परिषद की बैठक के दौरान अलग-अलग लोकपाल और आचरण अधिकारी की नियुक्ति का मामला एजेंडा में था लेकिन इस मामले में अधिक प्रगति नहीं हुई.

Source : Bhasha

Cricket News bcci Sourav Ganguly DK Jain Justice Dk Jain
Advertisment
Advertisment
Advertisment