पिछले काफी दिनों से बीसीसीआई और लोढा कमेटी केबीच तकरार जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि बीसीसीआई जल्द से जल्द लोढा कमेटी की मांग को पूर्णतः लागू करे।
ताज़ा जानकारी के मुताबिक बीसीसीआई 5 दिसम्बर तक यानि की अगली सुनवाई तक इंतज़ार करेगी । उसके बाद ही आगे की रणनीति तय करेगी।
लोढ़ा कमेटी और बीसीसीआई के बीच यह तनातनी पिछले दो सालों से चल रही है, लेकिन एक बार फिर से दोनों आमने-सामने हैं।
फिलहाल देश और राज्य के सभी खेल संघों में तकरीबन राजनीतिक घराने के लोगों और नौकरशाहों का कब्ज़ा है। क्रिकेट में पिछले कुछ सालों से सियासत होने का आरोप लग रहा है। इसी वजह से लोढ़ा समीति का गठन किया गया , ताकि सफाई हो सके।
साल भर पहले बीसीसीआई ने कमेटी की नौ सिफारिशों को मान लिया था, जिसमें अपेक्स काउंसिल बनाना, अपेक्स काउसिंल में सीएजी का सदस्य होना, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में सीएजी का प्रतिनिधित्व और खिलाड़ियों का संगठन बनाना शामिल था, लेकिन इससे लोढ़ा कमेटी संतुष्ट नहीं है।
पिछले दो सालों से बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल में खींचतान मची हुई है। बोर्ड लोढ़ा पैनल की सिफारिशें पूरी तरीके से लागू करने को तैयार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है कि सिफारिशों को पूरी तरह लागू की जाये।
बीसीसीआई को लोढ़ा कमिटी की 70 साल से ज्यादा उम्र के पदाधिकारियों की छुट्टी, एक व्यक्ति के पास एक से ज्यादा पद ना हो, एक राज्य का एक से ज्यादा वोट ना हो, चयन समिति में तीन सदस्य हों, पदाधिकारियों के नौ साल या तीन कार्यकाल और पदाधिकारियों का कार्यकाल लगातार ना हों, जैसी सिफारिशों पर एतराज करता रहा है।