भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को पूर्व टेस्ट गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत की अजीवन प्रतिबंध को हटाने की अपील का विरोध किया है।
श्रीसंथ ने काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए बीसीसीआई से आजवीन प्रतिबंध में छूट मांगी थी।
सर्वोच्च अदालत में बीसीसीआई की तरफ से दलील देते हुए सीनियर वकील पराग त्रिपाठी ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि बोर्ड ने आईपीएल 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत को बरी किए जाने फैसले के खिलाफ अपील की है।
पराग ने अदालत को बताया कि जांच में पाया गया था कि श्रीसंत सट्टेबाजों के संपर्क में थे। त्रिपाठी ने कहा कि यह सिर्फ कानून का मसला नहीं है बल्कि बीसीसीआई के नियमों का भी सवाल है।
वहीं श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे सीनियर वकील सलमान खुर्शीद ने पूर्व गेंदबाज को शानदार क्रिकेट खिलाड़ी बताया और अदालत से अपील करते हुए उन्हें इंग्लैंड में बाकी बचे तीन महीनों के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने की इजाजत देने की मांग की है।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह उसके समक्ष तीन महीने से श्रीसंत को बरी करने के खिलाफ की गई अपील को जुलाई के अंत तक खारिज करे। अदालत ने कहा कि वह खिलाड़ी के क्रिकेट खेलने की उत्सुकता को समझती है।
दिल्ली पुलिस ने आईपीएल-2013 में श्रीसंत की टीम राजस्थान रॉयल्स के साथी अजित चंडिला और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया था।
श्रीसंत ने इसके बाद केरल उच्च न्यायालय के बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाए गए अजीवन प्रतिबंध को बनाए रखने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी।
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Source : IANS