टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और अब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अब एक बड़ा खुलासा किया है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने उस दौर की बात की है, जब वे कप्तान थे और आस्ट्रेलिया महान खिलाड़ी रहे ग्रेग चैपल टीम इंडिया के कोच बने थे और वह भी सौरव गांगुली की पैरवी पर ही. लेकिन कुछ ही समय बाद हालात बदले और खुद ग्रेग चैपल ने ही सौरव गांगुली को न केवल कप्तानी से हटाने में बड़ा योगदान दिया, बल्कि एक वक्त तो वह भी आया, जब सौरव गांगुली को टीम से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. अब तक यही माना जाता है कि इस पूरे प्रकरण में ग्रेग चैपल का ही योगदान है, लेकिन अब सौरव गांगुली ने कहा है कि केवल ग्रेग चैपल ही नहीं, पूरा सिस्टम ही इसमें शामिल था.
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के लिए साल 2005 काफी निराशाजनक था. उनसे न केवल कप्तानी छीनी गई, बल्कि उन्हें टीम से भी बाहर कर दिया गया था. सौरव गांगुली ने खुद को कप्तानी से हटाने के मामले पर कहा कि मुझे हटाने में ग्रेग चैपल ने शुरुआत की थी लेकिन बाद में कई और लोग इसमें शामिल थे.
सौरव गांगुली ने बंगाली न्यूजपेपर संगबाद प्रतिदिन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वो मेरे करियर का सबसे बड़ा झटका था. मेरे साथ नाइंसाफी हुई थी. मुझे पता है कि आपको हमेशा न्याय नहीं मिल सकता, लेकिन फिर भी जो कुछ हुआ था मेरे साथ वो नहीं होना चाहिए था. सौरव गांगुली ने कहा कि मैं टीम इंडिया का कप्तान था और जिम्बाब्वे से जीतकर भी लौटा था और स्वदेश लौटते ही मुझे कप्तानी से हटा दिया गया. मैंने 2007 वर्ल्ड कप भारत के लिए जीतने का सपना देखा था. इससे पहले के विश्व कप यानी 2003 के विश्व कप में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची थी, लेकिन उसे आस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. सौरव गांगुली ने कहा कि मेरा सपना था कि 2007 का विश्व कप हम जीतें. पांच साल में टीम इंडिया काफी मजबूत हो गई थी.
हालांकि ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली में तालमेल ठीक नहीं था. सौरव गांगुली ने कहा कि मुझे कप्तानी से हटाने में ग्रेप चैपल को अकेले दोष नहीं दिया जा सकता. उनके बाद कई नाम थे जो इसमें शामिल थे. सौरव गांगुली ने कहा कि एक विदेशी कोच सिस्टम के समर्थन के बिना टीम इंडिया के कप्तान को नहीं हटा सकता. मैं समझ गया था कि इसमें सिस्टम और हर एक व्यक्ति का हाथ है. मुझे हटाने में हर व्यक्ति शामिल था. हालांकि एक साल टीम से बाहर रहने के बाद सौरव गांगुली फिर टीम में आए और बेहतरीन खेल से दर्शकों के दिल जीते
सौरव गांगुली ने कहा कि मुझे इसमें कोई शक नहीं कि इसकी शुरुआत ग्रेग चैपल के बीसीसीआई को भेजे उस ई-मेल से हुई, जिसमें उनके खिलाफ काफी बातें लिखी गई थीं और जो लीक हो गया था.सौरव गांगुली ने कहा कि क्रिकेट टीम एक परिवार की तरह होती है. लोगों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह सब बातचीत से सुलझाया जा सकता है. आप कोच हैं, अगर आपको लगता है कि मुझे कुछ खास तरीके से खेलना चाहिए, तो आप मुझे बताइए. जब मैं खिलाड़ी के तौर पर टीम में लौटा तो उन्होंने मुझे बताया तो पहले क्यों नहीं ऐसा किया गया?
सौरव गांगुली ने कहा कि एक विदेशी कोच, जिसकी टीम सिलेक्शन में कोई नहीं राय मायने नहीं रखती थी, वो टीम इंडिया के कप्तान को ड्रॉप नहीं कर सकता. साल 2005 में टीम से ड्रॉप होने के बाद सौरव गांगुली ने 2006 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे के साथ टीम में वापसी की. इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के बाद सौरव गांगुली ने रनों के साथ की और अगले दो साल में अपने करियर की कुछ यादगार पारियां खेलीं.
Source : Sports Desk